Bihar Elections 2025: दूसरे चरण में विरासत दांव पर, नीतीश मिश्रा, नीरज बबलू समेत कई मंत्रियों के भाग्य का भी होगा फैसला
Bihar Elections 2025: बिहार चुनाव के दूसरे चरण में मुकाबला और तेज हो गया है. मंगलवार को होने वाले मतदान में 122 सीटों पर दिग्गज मंत्रियों, पूर्व उपमुख्यमंत्री, कई पूर्व मंत्रियों और राजनीतिक घरानों के वारिसों की प्रतिष्ठा दांव पर है.
Bihar Elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण की दस्तक के साथ राजनीतिक तापमान फिर ऊपर चढ़ गया है. रविवार शाम प्रचार थम चुका है और अब मंगलवार को वोटिंग होनी है. इस चरण को कई मायनों में चुनाव का सबसे भारी राउंड माना जा रहा है. क्योंकि 122 सीटों पर न सिर्फ दिग्गजों की किस्मत दांव पर है, बल्कि कई राजनीतिक घरानों की विरासत भी बचेगी या खत्म होगी इस चरण में तय होगा.
12 मंत्रियों की प्रतिष्ठा दांव पर
इस चरण में 12 मौजूदा मंत्रियों की प्रतिष्ठा सीधी चुनौती के सामने है. सुपौल से ऊर्जा, योजना एवं विकास मंत्री बिजेन्द्र प्रसाद यादव, झंझारपुर से उद्योग मंत्री नीतीश मिश्रा, फुलपरास से परिवहन मंत्री शीला मंडल और छातापुर से पीएचईडी मंत्री नीरज कुमार सिंह बबलू अपनी-अपनी सीटों पर मतदाताओं से फैसला मांगेंगे. इनके साथ हरसिद्धी से गन्ना उद्योग मंत्री कृष्णनंदन पासवान और सिकटी से आपदा प्रबंधन मंत्री विजय कुमार मंडल भी मैदान में हैं. इसी सूची में लेशी सिंह, जयंत राज, डॉ. प्रेम कुमार, सुमित कुमार सिंह, जमा खान और रेणु देवी जैसे चेहरे भी शामिल हैं.
पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद भी आजमा रहें किस्मत
इस फेज में पूर्व उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद कटिहार से अपना राजनीतिक वजन आजमा रहे हैं, जबकि पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी सिकंदरा से मैदान में हैं. 24 पूर्व मंत्री भी मुकाबले में उतरकर चुनाव को और दिलचस्प बना रहे हैं. इनमें विनोद नारायण झा, प्रमोद कुमार, सुनील पिंटू, बीमा भारती और कई परिचित चेहरे शामिल हैं.
मांझी परिवार से लेकर आनंद मोहन के बेटे तक मैदान में
दूसरे चरण की खासियत यह भी है कि यह युवा वारिसों और राजनीतिक परिवारों की अग्नि परीक्षा जैसा बन गया है. मांझी परिवार से लेकर आनंद मोहन-लवली आनंद के बेटे चेतन आनंद तक, उपेंद्र कुशवाहा की पत्नी स्नेह लता कुशवाहा से लेकर गिरधारी यादव, सुरेंद्र प्रसाद यादव और अरुण कुमार के बेटों तक, नए चेहरों की पूरी एक पीढ़ी जनता की अदालत में खड़ी है.
इमामगंज और बाराचट्टी जैसी सीटें बनीं पारिवारिक मुकाबलों का मैदान
इमामगंज और बाराचट्टी जैसी सीटें तो इस बार लगभग पारिवारिक मुकाबलों का मैदान बन चुकी हैं. 122 सीटों पर इतने दिग्गजों और दावेदारों की मौजूदगी ने दूसरे चरण को चुनावी जंग का सबसे निर्णायक मोड़ बना दिया है. अब मतदाता ही तय करेंगे कि कौन टिकेगा और किसके सियासी सपनों को विराम मिलेगा.
