Bihar Election 2025: नीतीश ने पुराने साथियों पर जताया भरोसा, JDU के 37 विधायक फिर से मैदान में

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने बड़ा फैसला लिया है. पार्टी ने गोपाल मंडल समेत 7 विधायकों का टिकट काट दिया, जबकि 37 सिटिंग विधायकों पर दोबारा भरोसा जताया है. नई लिस्ट के साथ जदयू ने अपने सभी 101 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर दिए हैं.

By Abhinandan Pandey | October 17, 2025 9:11 AM

Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अपने उम्मीदवारों की घोषणा पूरी कर दी है. गुरुवार देर शाम पार्टी ने अपनी दूसरी सूची जारी करते हुए 44 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान किया. इससे पहले बुधवार को पहली लिस्ट में 57 उम्मीदवारों की घोषणा की गई थी. इस तरह जेडीयू ने कुल 101 सीटों पर अपने उम्मीदवार तय कर दिए हैं, जो गठबंधन में उसके हिस्से की सभी सीटें हैं.

जदयू ने 37 विधायकों पर जताया भरोसा

इस बार जेडीयू ने नए और पुराने चेहरों का संतुलन साधने की कोशिश की है. पार्टी ने कुल 37 मौजूदा विधायकों पर फिर से भरोसा जताया है, जबकि 7 विधायकों का टिकट काट दिया गया है. इनमें सबसे बड़ा नाम गोपालपुर के विवादित विधायक गोपाल मंडल का है. उनका टिकट काटकर पार्टी ने बुलो मंडल को मौका दिया है.

दिलीप राय, अमन भूषण हजारी का कटा टिकट

इसके अलावा सुरसंड से दिलीप राय, त्रिवेणीगंज से वीणा भारती, अरवल से अमन भूषण हजारी, बारारी से अशोक कुमार, डॉ. संजीव सिंह, राजीव सिंह और सुदर्शन कुमार के टिकट भी कटे हैं. जेडीयू ने इन सीटों पर नए चेहरों को उतारकर साफ संदेश दिया है कि इस बार टिकट सिर्फ परफॉर्मेंस और संगठन निष्ठा के आधार पर दिए गए हैं.

13 महिलाओं को जदयू ने दिया टिकट

नीतीश कुमार की पार्टी ने इस बार 13 महिलाओं और 4 अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इनमें मंत्री लेशी सिंह, शीला मंडल, मीना कामत और शालिनी मिश्रा जैसी जानी-मानी महिला नेता शामिल हैं. पार्टी ने नए चेहरों को भी बड़ा मौका दिया है. बसपा छोड़कर आए मंत्री जमा खान को चैनपुर से, राजद से आए चेतन आनंद को नवीनगर से और विभा देवी को नवादा से टिकट दिया गया है. वहीं, निर्दलीय विधायक सुमित सिंह को इस बार जेडीयू ने अपने प्रतीक चिन्ह पर उम्मीदवार बनाया है.

दिलीप वर्मा के बेटे समृद्ध वर्मा को भी मिला टिकट

दिलचस्प बात यह है कि जेडीयू ने इस बार वंशवाद और बगावत दोनों को साधने की रणनीति अपनाई है. सिकटा सीट से पूर्व विधायक दिलीप वर्मा के बेटे समृद्ध वर्मा को टिकट मिला है, जबकि पार्टी छोड़कर राजद में शामिल हुए नेताओं की जगह नए उम्मीदवार उतारे गए हैं. पार्टी सूत्रों के अनुसार, टिकट बंटवारे में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह की निर्णायक भूमिका रही. बताया जा रहा है कि नीतीश कुमार ने हर उम्मीदवार के रिपोर्ट कार्ड और इलाके की राजनीतिक स्थिति पर खुद समीक्षा की.

2020 में जदयू ने 115 सीटों पर लड़ा था चुनाव

2020 के विधानसभा चुनाव में जेडीयू ने 115 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 43 सीटों पर जीत दर्ज की थी. इस बार पार्टी 101 सीटों पर मैदान में है, लेकिन उसकी रणनीति साफ है. कम सीट, मजबूत उम्मीदवार, और गठबंधन की एकजुटता.

जिनका विधायकों के टिकट कटे वे बगावत के मूड में

नीतीश कुमार की टीम को भरोसा है कि इस बार एनडीए के नए समीकरण और उनके नेतृत्व की स्थिरता के सहारे पार्टी पिछली बार से बेहतर प्रदर्शन करेगी. दूसरी ओर, जिन विधायकों के टिकट कटे हैं, उनमें से कुछ नाराज नेता अब बगावत के मूड में हैं, जिससे जेडीयू को अंदरूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है.

Also Read: Congress Candidates First List: कांग्रेस ने देर रात जारी की 48 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट, कुटुंबा से लड़ेंगे राजेश राम