बिहार चुनाव में BJP-JDU की मास्टर प्लानिंग, एक ने संभाले सवर्ण तो दूसरे ने साधे लव-कुश वोटर

Bihar NDA Candidates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के दो प्रमुख हाथ बीजेपी और जदयू ने उम्मीदवारों के चयन में गजब तालमेल दिखाया है. दोनों दलों ने अपनी सूची में अपने-अपने वोटबैंक को साधने वाले उम्मीदवार उतारे हैं.

By Paritosh Shahi | October 16, 2025 3:23 PM

Bihar NDA Candidates: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर बीजेपी और जदयू ने 101-101 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में दोनों दलों ने जातीय समीकरण को बड़े महीन तरीके से साधा है. बीजेपी ने अपने लिस्ट में सवर्ण कैंडिडेट को तवज्जो दी है तो जदयू ने लव-कुश वोटबैंक को प्रयोरिटी दी है.

बीजेपी कैंडिडेट लिस्ट में सवर्णों को तवज्जो

एनडीए सीट शेयरिंग के तहत बीजेपी बिहार चुनाव में 101 सीटों पर उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है. उम्मीदवारों की लिस्ट पर गौर करें तो बीजेपी ने बिहार के सवर्ण प्रत्याशियों को तवज्जो दी है. बीजेपी ने अपने कोर वोटबैंक पर फोकस बनाए रखा है.

भूमिहार, ब्राह्मण, राजपूत और कायस्थ बीजेपी के कोर वोटर माने जाते हैं. बीजेपी ने इस वर्ग को साधने के लिए बड़ी संख्या में उम्मीदवार उतारे हैं. बीजेपी ने 71 उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की थी. इसमें से 15 राजपूत (ठाकुर), 11 भूमिहार, 7 ब्राह्मण और 1 कायस्थ समाज के उम्मीदवार हैं. बीजेपी की इस लिस्ट में टोटल 49 सवर्ण हैं.

जदयू की लिस्ट में किसको कितनी जगह

सीएम नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने जिन लोगों को टिकट दिया है, उनकी सामाजिक और राजनीतिक पृष्ठभूमि देखकर साफ लगता है कि तमाम दबावों के बावजूद नीतीश कुमार ने अपनी पुरानी सोशल इंजीनियरिंग की नीति को नहीं बदला है.

नीतीश कुमार की पार्टी जदयू ने 101 सीटों पर उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. इस लिस्ट में जेडीयू 4 मुस्लिम, 37 पिछड़ी जाति, 22 अति पिछड़ी जाति, 22 सवर्ण, 15 अनुसूचित जाति और 1 अनुसूचित जनजाति के उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है. जेडीयू ने इस बार 13 महिलाओं को भी चुनाव मैदान में उतारने का फैसला लिया है.

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2010 में एनडीए को मिली थी सबसे बड़े जीत, क्या होगा इस बार

2005 से 2010 के बीच सीएम नीतीश ने बिहार को अपराध मुक्त करने पर खूब जोर लगाया. कई बड़े अपराधी जेल भेजे गए. अपराध पर नियंत्रण हुआ. लॉ एंड आर्डर में सुधार हुआ. नीतीश कुमार की छवि सुशासन वाली बन गई. इसके बाद 2010 में जब बिहार में विधानसभा चुनाव हुआ तो एनडीए ने विपक्ष का सूपड़ा साफ कर दिया. एनडीए को 243 में से 206 सीटें मिली. राजद महज 22 सीटों पर सिमट गई.

इस चुनाव में भी एनडीए ने उम्मीदवारों के चयन में सही तालमेल दिखाया था और इसका प्रभाव रिजल्ट में भी दिखा. जदयू को 115 और बीजेपी को 91 सीटें मिली.

इस बार के चुनाव में भी बीजेपी और जदयू ने सभी वर्गों को साधने वाली सूची जारी की है. कई मौकों पर बीजेपी और जदयू के नेता ‘अबकी बार 225 पार’ का नारा लगाते नजर आये हैं.

बीजेपी और जदयू ने अपने सभी उम्मीदवारों का एलान कर दिया है. सीएम नीतीश और अमित शाह प्रचार का कमान संभाल चुके हैं. पीएम मोदी भी एनडीए उम्मीदवार के पक्ष में वोट मांगने उतरेंगे. ऐसे में अगर सब ठीक रहता है तो एक बार फिर एनडीए के पक्ष में माहौल बन सकता है.

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