Oximeter App आपका बायोमीट्रिक डेटा चुराकर कैसे खाली कर देता है बैंक अकाउंट? जानें

Oximeter App : कोरोना वायरस (coronavirus) के बढ़ते मामलों के साथ पल्स ऑक्सीमीटर (pulse oximeter) की डिमांड तेजी से बढ़ी है. बाजार में इसकी कमी चल रही है और अगर मिल भी जाए, तो इसकी काफी ऊंची कीमत (oximeter price) चुकानी पड़ रही है. ऐसे में कुछ लोग अपने स्मार्टफोन पर ही Oximeter App डाउनलोड कर अपना ऑक्सीजन लेवल जांच रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 18, 2021 4:46 PM

Oximeter App : कोरोना वायरस (coronavirus) के बढ़ते मामलों के साथ पल्स ऑक्सीमीटर (pulse oximeter) की डिमांड तेजी से बढ़ी है. बाजार में इसकी कमी चल रही है और अगर मिल भी जाए, तो इसकी काफी ऊंची कीमत (oximeter price) चुकानी पड़ रही है. ऐसे में कुछ लोग अपने स्मार्टफोन पर ही Oximeter App डाउनलोड कर अपना ऑक्सीजन लेवल जांच रहे हैं. लोगों की इसी जरूरत का फायदा हैकर्स उठा रहे हैं और लोगों को बड़ी आसानी से चूना लगा रहे हैं. इन ऐप से एक तो मरीजों को सही रीडिंग नहीं मिलती, दूसरी ओर उनके ठगे जाने के रास्ते भी खुल जा रहे हैं.

ऑक्सीमीटर ऐप से ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए पिछले कुछ दिनों में गुजरात, महाराष्ट्र, तमिलनाडु सहित कई राज्यों की पुलिस ने लोगों को फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप डाउनलोड करने को लेकर चेतावनी देते हुए कहा है कि इससे उनके फोन से व्यक्तिगत और बायोमीट्रिक डेटा चोरी हो सकते हैं. पुलिस ने कहा कि महामारी के दौरान लोगों की चिंताओं का दोहन साइबर अपराधी उपयोगकर्ताओं को संदिग्ध लिंक और एप्लीकेशन भेज कर कर रहे हैं, जिससे व्यक्तिगत जानकारी और उंगलियों के निशान जैसे बायोमीट्रिक डेटा की चोरी हो सकती है.

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पुलिस का कहना है कि इस तरह का एक गोरखंधधा साइबर अपराधियों द्वारा फर्जी ऑक्सीमीटर ऐप के जरिये किया जा रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि ऐप से खून में ऑक्सीजन का स्तर नापा जा सकता है. परामर्श में कहा गया कि फिंगरप्रिंट सेंसर से रक्त में ऑक्सीजन का स्तर मापने का दावा करने वाले फर्जी ऐप डाउनलोड करते ही उपयोगकर्ता को एसएमएस कर मोबाइल के विभिन्न फीचर तक पहुंच की अनुमति मांगी जाती है. अनुमति देने पर साइबर अपराधी ओटीपी, फोन में रखे पासवर्ड, कार्ड की जानकारी, फोटो, फोन नंबर और यहां तक बायोमीट्रिक जैसी संवेदनशील जानकारी चोरी कर सकते हैं और उनका इस्तेमाल बैंकिंग सेवा और फोन में मौजूद अन्य संवेदनशील ऐप का उपयोग करने के लिए कर सकते हैं.

पुलिस ने कहा, ये ऐप खून में ऑक्सीजन का स्तर कैमरे पर उंगली रखने और टॉर्च की रोशनी उंगली पर डालने के आधार पर नापने का दावा करते हैं. इस प्रक्रिया के दौरान संदिग्ध ऐप आपकी उंगलियों के निशान ले लेते हैं. इसका इस्तेमाल फर्जीवाड़ा कर आधार से जुड़ी लेनदेन प्रणाली में उंगलियों के निशान को प्रमाणित करने में किया जा सकता है. गौरतलब है कि महाराष्ट्र, गुजरात सहित कई राज्यों की पुलिस ने लोगों को पहले भी इस तरह की धोखधाड़ी को लेकर चेतावनी जारी की थी. (इनपुट:भाषा)

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