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मंडल कमीशन लालू व मुलायम ने नहीं, वीपी सिंह ने लागू किया: पासवान

पटना: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि मंडल कमीशन को लालू, नीतीश या मुलायम सिंह यादव ने लागू नहीं किया, बल्कि इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने लागू किया था. लालू, नीतीश, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव झूठे लोग हैं. ये लोग मंडल कमीशन के नाम पर बैकवर्ड और फॉरवर्ड की राजनीति […]

पटना: केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान ने कहा कि मंडल कमीशन को लालू, नीतीश या मुलायम सिंह यादव ने लागू नहीं किया, बल्कि इसे तत्कालीन प्रधानमंत्री वीपी सिंह ने लागू किया था. लालू, नीतीश, मुलायम सिंह यादव और शरद यादव झूठे लोग हैं. ये लोग मंडल कमीशन के नाम पर बैकवर्ड और फॉरवर्ड की राजनीति कर जातियों को तोड़ कर रख दिया.

वे अपने को सेक्यूलर कहते हैं, पर इतना बड़ा गरीबों का दुश्मन कोई नहीं हो सकता. वे स्थानीय रवींद्र भवन में आयोजित फणीश्वर नाथ रेणु और शहीद रामफल मंडल की स्मृति में आयोजित समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि 25 साल तक बिहार में पिछड़ों का राज रहा. बिहार का हालात क्या है? स्थिति में कहां सुधार आया? नीतीश ने दलित-महादलित बना दिया, लेकिन इससे मिला क्या? महादलितों को तीन डिसमिल जमीन देने का वादा किया गया था. क्या यह मिल सका? साइकिल-पोशाक योजना में जितनी साइकिल बंटी नहीं, उतना तो कमीशन में चला गया. उस कमीशन से तो साइकिल फैक्टरी बन जाती.

महादलितों को रेडियो देने के बारे में कहा कि एक हजार में एक को रेडियो मिला, लेकिन लगाइयेगा पटना तो लग जायेगा दिल्ली. पासवान ने कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि पिछड़ों और गरीबों का भला पिछड़ा ही करेगा. डॉ लोहिया, मधु लिमये सहित सभी नेता ऊंची जाति से आते थे. महात्मा गांधी कौन थे? उन्हें एक कट्टरपंथी ने हत्या कर दी. ये सभी गरीबों, पिछड़ों और दलितों के लिए काम किये. वैसे लोगों में ही वीपी सिंह थे. वे राजा परिवार से थे, ऊंची जाति से आते थे. इसके बावजूद गरीबों के लिए काम किया. संसदीय चुनाव में सात सीटों पर चुनाव लड़ा. उनमें एक सीट अतिपिछड़ा को दिया. मुश्किल से तीन-चार हजार वोट से हार गये. हमें अपनी गलती को भी देखना होगा. अति पिछड़ा का कुछ वोट बंट गया होगा.
हमें सोचना चाहिए कि दो हाथ और दो पैर हम और टाटा, बिड़ला और अंबानी के बच्चे पैदा होते हैं, पर पैदा होते ही खरबपति हो जाते हैं और हम खाकपति हो जाते हैं. जब हम सोचेंगे तब ही बा बन सकते हैं.
अंगरेज नहीं आते तो बराबरी का कानून बनने में हजार साल लग जाता
राम विलास पासवान ने कहा कि हम अंगरेज को गाली देते हैं. अंगरेज नहीं होता तो बराबरी का कानून बनने में हजार साल लग जाता. मंडल काम मतलब ही था देश के सभी 39 हजार जातियों में से पिछड़ों को मदद मिलना.
मेरिट से सात जन्म में नहीं बन पाते सीएम
पासवान ने कहा कि जो लोग मंडल कमीशन और पिछड़े-दलितों के नाम पर राजनीति में आये. उनके मेरिट को देखा जाये तो वे सात जन्म में भी मुख्यमंत्री नहीं बन सकते थे. मंडल कमीशन के नाम पर बैकवर्ड और फारवर्ड का नारा लगा दिया गया. इससे गरीबों को मिला कुछ नहीं और मुख्यमंत्री बन गये.
इसके पूर्व समारोह को राष्ट्रीय महासचिव डा सत्यानंद शर्मा, विष्णु पासवान, प्रवक्ता ललन चंद्रवंशी, अशरफ अंसारी, पारसनाथ गुप्ता आदि ने संबोधित किया. कार्यक्रम की अध्यक्षता जवाहर महतो और संचालन इंजीनियर नरेश महतो ने किया.

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