32.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

घंटों प्रतीक्षा को यात्री मजबूर

एक ही रैक का नंबर बदल कर होता है पैंसेजर ट्रेनों का परिचालन दरभंगा : दरभंगा के यात्रियों को सवारी गाड़ी की किल्लत से निजात नहीं मिल सकी है. नित्य घंटों गाड़ी की प्रतीक्षा में जंकशन पर बैठना पड़ता है. लगातार मांग उठाने के सालों बाद भी इस समस्या का हल नहीं हो सका है. […]

एक ही रैक का नंबर बदल कर होता है पैंसेजर ट्रेनों का परिचालन
दरभंगा : दरभंगा के यात्रियों को सवारी गाड़ी की किल्लत से निजात नहीं मिल सकी है. नित्य घंटों गाड़ी की प्रतीक्षा में जंकशन पर बैठना पड़ता है. लगातार मांग उठाने के सालों बाद भी इस समस्या का हल नहीं हो सका है. हालांकि विभाग ने कागज पर सवारी गाड़ियों की संख्या में इजाफा कर दिया, किंतु धरातल पर एक भी पैसेंजर ट्रेन नहीं बढ़ी.
नतीजतन यात्रियों की समस्या जस की तस पड़ी है. यह समस्या दरभंगा से जुड़े सभी रेल खंडों पर एक समान है. वैसे डीएमयू सेवा आरंभ करने का रेल राज्य मंत्री ने भरोसा दिलाया है. अगर यह सेवा बहाल हो गयी तो निश्चित तौर पर इस समस्या का निदान हो जायेगा, लेकिन जबतक यह शुरू नहीं होता, तबतक यात्रियों को इस परेशानी से दो-चार होना ही होगा.
ऐसे बढ़ा दी गयी ट्रेनों की संख्या
पहले सवारी गाड़ी जब चला करती थी तो आरंभ से अंतिम स्टेशन तक एक ही नंबर से ट्रेन चला करती थी. इसकी गणना एक ही पैसेंजर गाड़ी के रूप में होती थी. उदाहरण स्वरूप कटिहार से बिरौल तक एक ही सवारी गाड़ी चला करती थी, किंतु अब इसके नंबर प्रत्येक जंकशन पर बदल जाती है.
लिहाजा कागज पर गाड़ियों की संख्या में वृद्धि हो गयी है. आलम यह है कि न तो रेक बदलता है और न ही चालक व गार्ड बदलते हैं. एक ही रेक, एक ही चालक व गार्ड रहते हैं, सिर्फ नंबर बदल जाता है. जैसे समस्तीपुर से मुजफ्फरपुर के बीच परिचालित ट्रेन का नंबर दरभंगा, सीतामढ़ी में बदल जाता है. इसी तरह कटिहार-बिरौल, समस्तीपुर-जयनगर, समस्तीपुर-रक्सौल सवारी गाड़ी का नंबर बदल संख्या बढ़ा दी गयी है. मतलब कागज पर नई गाड़ी हो जाती है, पर यात्रियों को इससे कोई लाभ नहीं मिल रहा.
भटकते रहते यात्री
पैसेंजर ट्रेन की कमी के कारण जंकशन पर घंटों यात्रियों को भटकते रहना पड़ता है. सवारी गाड़ी के समय के बाद हालांकि बीच में एक्सप्रेस ट्रेनें चलती हैं, लेकिन बीच के स्टेशनों के यात्रियों को इससे लाभ नहीं मिल पाता. उन्हें गाड़ी की प्रतीक्षा में दिनभर जंकशन पर ही गुजारना पड़ता है. जैसे, जिन यात्रियों को हायाघाट या किसनपुर जाना होता है, वे दिनभर सवारी गाड़ी का इंतजार करते रहते हैं. यही हाल बिरौल खंड के यात्रियों का भी रहता है. इस पथ पर तो मात्र तीन जोड़ी ट्रेनें ही चलती हैं.
डीएमयू सेवा से होगा निदान
सवारी गाड़ियों की समस्या का निदान डीएमयू सेवा बहाल होने के बाद ही हो सकेगा. सूत्रों के अनुसार इस सेवा के चालू हो जाने के बाद पैसेंजर ट्रेन की किल्लत काफी हद तक दूर हो जायेगी. एक तो इसकी रेक में इंजन घुमाने का झंझट नहीं होता और न ही वैक्यूम की समस्या होती है. इसकी गति भी अपेक्षाकृत तेज होती है. कहते हैं कि इस सेवा की शुरूआत होते ही प्राय: प्रति घंटा पैसेंजर ट्रेन चलने लगेगी.
रेल राज्यमंत्री ने दिया था आश्वासन
सांसद कीर्त्ति आजाद के आग्रह पर दरभंगा जंकशन का मुआयना करने गत 11 जनवरी को यहां आये रेल राज्यमंत्री मनोज कुमार सिन्हा ने सभा में दरभंगा में डीएमयू सेवा बहाल करने का आश्वासन दिया था.
लोगों को उम्मीद थी कि बजट में इसकी घोषणा होगी, किन्तु इस बार का बजट कुछ अलग अंदाज में आया. लिहाजा इसकी घोषणा नहीं हो सकी. यह सुविधा कब मिलेगी यह तो आनेवाला वक्त ही बतायेगा.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें