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आठ फर्जी चेकों से करीब 9.01 लाख की निकासी, चेक कार्यालय में ही पड़े रहे पर खाते से हो गया भुगतान

पटना: चेक ऑफिस में ही रखा रह गया, मगर बैंक में खाते से उसी नंबर के चेक से भुगतान हो गया. जी हां, फर्जी चेक भुनानेवाले जालसाजों ने इस बार घोसवरी के प्रखंड कृषि कार्यालय को आवंटित बैंक ऑफ बड़ौदा के चार चेकों सहित तीन अन्य निजी फर्मो को आवंटित चार चेकों से करीब 9.01 […]

पटना: चेक ऑफिस में ही रखा रह गया, मगर बैंक में खाते से उसी नंबर के चेक से भुगतान हो गया. जी हां, फर्जी चेक भुनानेवाले जालसाजों ने इस बार घोसवरी के प्रखंड कृषि कार्यालय को आवंटित बैंक ऑफ बड़ौदा के चार चेकों सहित तीन अन्य निजी फर्मो को आवंटित चार चेकों से करीब 9.01 लाख रुपये की फर्जी निकासी कर ली है. यह भुगतान करीब दो माह पहले हुआ था, मगर इस मामले में सोमवार को बैंक अफसरों ने प्राथमिकी दर्ज करायी. पुलिस मामले की छानबीन कर रही है.
लेजर शीट अपडेट कराया, तो हुआ खुलासा
घोसवरी के प्रखंड कृषि पदाधिकारी अरविंद प्रसाद ने बताया कि ये चेक किसानों को कृषि अनुदान के लिए दिये जाते हैं. 18 मार्च को लेजर शीट अपडेट कराये जाने के बाद जब मैंने कैशबुक से मिलान किया, तो राशि में अंतर मिला. इसके बाद जब मैंने बैंक से संपर्क कर खाते को मिलान किया, तो पता लगा कि जिन चार चेकों से करीब 7.65 लाख रुपये की निकासी की गयी है, वे चेक अब भी मेरे पास ही पड़े हुए हैं. यह भुगतान भरत कुमार के बैंक खाते में किया गया है. उन्होंने बताया कि चेकों पर मेरे और प्रखंड आत्मा अफसर के हस्ताक्षर होते हैं. बैंक ने उन दोनों के हस्ताक्षर का सत्यापन किये बगैर कैसे भुगतान कर दिया? घटना के बाद प्रखंड कृषि पदाधिकारी ने बैंक को लिखित शिकायत की, जिसके आधार पर कार्रवाई शुरू की गयी है.
चार अन्य चेकों से भी हुआ फर्जीवाड़ा
इसके बाद चार अन्य चेक भी फर्जीवाड़े के दायरे में आये हैं. इन चार चेकों से करीब 1.35 लाख रुपये के भुगतान का मामला प्रकाश में आया है. इनमें जिन प्राइवेट फर्म से चेक जारी हुए हैं, उनमें लव ग्लास एन प्लाइ हाउस, ओरियंटल जेनरल, बिहार सेनिटरी इंपोरियम शामिल हैं. कोतवाली पुलिस ने बैंक ऑफ बड़ौदा के वरीय पदाधिकारी सुनील कुमार के आवेदन पर धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है.
बैंककर्मियों को नहीं लगी भनक!
सामान्य खाताधारकों को चेक भुगतान की प्रक्रिया में बारीकी से पड़ताल करनेवाले बैंक कर्मी फर्जी चेक को नहीं पकड़ सके. अलग-अलग तिथियों को एक-दो नहीं, बल्कि आठ चेकों का भुगतान करा लिया गया और बैंककर्मियों को भनक तक नहीं लगी है. करीब 8.50 लाख के भुगतान के डेढ़ माह बाद बैंक अधिकारियों ने मामले का संज्ञान लिया है.
तीन अन्य निजी फर्म के फर्जी
25,650 रुपये 30 मार्च, 2015
92,443 रुपये 30 मार्च, 2015
14,368 रुपये 31 मार्च, 2015
3,145 रुपये 31 मार्च, 2015
(नोट : सभी भुगतान कोतवाली क्षेत्र के बैंक ऑफ बड़ौदा शाखा से हुआ)

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