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2015-16 के लिए बजट पेश : घर के बजट पर बढ़ गया बोझ

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए पेश बजट में विभिन्न सेवाओं पर लगनेवाला सेवा कर 12.36 फीसदी से बढ़ा कर 14 फीसदी कर दिया है. इससे विभिन्न सेवाएं महंगी होंगी जिसका असर हमारे घर के बजट पर पड़ना तय है. धूम्रपान व अन्य तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल अब महंगा होगा. वहीं […]

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने वित्तीय वर्ष 2015-16 के लिए पेश बजट में विभिन्न सेवाओं पर लगनेवाला सेवा कर 12.36 फीसदी से बढ़ा कर 14 फीसदी कर दिया है. इससे विभिन्न सेवाएं महंगी होंगी जिसका असर हमारे घर के बजट पर पड़ना तय है.

धूम्रपान व अन्य तंबाकू उत्पादों का इस्तेमाल अब महंगा होगा. वहीं सेवा कर की दरों में बढ़ोतरी से कई सुविधाएं मसलन होटल में खाना, हवाई यात्रा या बिलों का भुगतान महंगा हो जायेगा. जो वस्तुएं सस्ती हुई हैं उनमें चमड़े के जूते-चप्पल, स्थानीय स्तर पर बने मोबाइल, कंप्यूटर टैबलेट, माइक्रोवेव ओवन, मूंगफली का मक्खन, पैकेटबंद फल, एंबुलेंस सेवाएं और अगरबत्ती शामिल हैं.

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 65 एमएम की लंबाई तक की सिगरेट पर उत्पाद शुल्क में 25 फीसदी की बढ़ोतरी की है. अन्य लंबाई की सिगरेट पर उत्पाद शुल्क में 15 फीसदी वृद्धि की गयी है. सिगार, चुरट व सिगारिलोस पर इतनी ही बढ़ोतरी का प्रस्ताव है. पान मसाला, गुटखा व अन्य तंबाकू उत्पादों पर संयोजित शुल्क योजना में बदलाव किया गया है. मिनरल वाटर व कोल्ड ड्रिंक पर उत्पाद शुल्क 12 से बढ़ा कर 18 फीसदी कर दिया गया है.

सेवा कर में बढ़ोतरी के बारे में वित्त मंत्री ने कहा, केंद्र व राज्‍यों को सेवाओं पर कर लागू करने में सुगमता के लिए शिक्षा उपकर को उसमें मिलाते हुए सेवा कर को 12.36 फीसदी से बढ़ा कर 14 फीसदी किये जाने का प्रस्ताव किया जाता है. सेवा कर में वृद्धि से होटलों में खाना व ठहरना, हवाई यात्रा, केबल व डीटीएच सेवाएं, ब्यूटी पार्लर में जाना, कूरियर सेवा, क्रेडिट व डेबिट कार्ड से संबंधित सेवाएं, ड्राई क्लीनिंग, स्टाक ब्रोकिंग, संपत्ति प्रबंधन व बीमा तथा कई प्रकार की अन्य गतिविधियां महंगी हो जायेंगी. सेवा कर बढ़ने से घर खरीदना भी महंगा हो जायेगा.

हालांकि वित्त मंत्री ने आम आदमी को कुछ राहत देते हुए रोजाना के इस्तेमाल की वस्तुओं पर शुल्कों में कमी की है. 1,000 रुपये से अधिक के चमड़े के जूते-चप्पल सस्ते होंगे. इन पर उत्पाद शुल्क 12 से घटा कर 6 प्रतिशत किया गया है. पैकेटबंद फल व सब्जियां भी सस्ती होंगी. इनकी प्री-कूलिंग, पकाने, खुदरा पैकिंग व लेबलिंग को सेवा कर से छूट दी गयी है. इसी तरह स्थानीय स्तर पर विनिर्मित मोबाइल फोन, एलइडी-एलसीडी पैनल, एलइडी लाइट और एलइडी लैंप पर उत्पाद शुल्क में कटौती की गयी है.

माइक्रोवेव ओवन भी सस्ता होगा. इसके विनिर्माण में काम आने वाले प्रमुख कल-पुरजे मैग्नेट्रॉन को मूल सीमा शुल्क से छूट दी गयी है. पहले इस पर पांच प्रतिशत का सीमा शुल्क लगता था. रेफ्रिजरेटर की कीमतों में भी कमी आ सकती है. इसके विभिन्न कल-पुरजों पर आयात शुल्क घटाया गया है. इसी तरह सोलर वॉटर हीटर के दाम भी घटेंगे. इस पर उत्पाद शुल्क बदल कर सेनवैट क्रेडिट के बिना 12 प्रतिशत से शून्य, वहीं सेनवैट क्रेडिट के साथ इसे 12.5 प्रतिशत किया गया है. अगरबत्ती के दाम भी कम होंगे. इन पर अब उत्पाद शुल्क नहीं लगेगा. पेसमेकर कीमतों में भी कमी आयेगी. इसके विनिर्माण में काम आने वाली कुछ विशेष वस्तुओं को शुल्क से छूट दी गयी है.

एंबुलेंस व एंबुलेंस सेवाओं के दाम भी घटेंगे. ऐसे वाहनों की चेसिस पर उत्पाद शुल्क को 24 से घटा कर 12.5 प्रतिशत कर दिया है. वहीं मरीजों के लिए दी जाने वाली सभी एंबुलेंस सेवाओं को सेवा कर की छूट मिलेगी. संग्रहालय, चिड़ियाघर, राष्ट्रीय पार्कों, वन्य जीव अभयारण्य जाना अब सस्ता होगा. वित्त मंत्री ने ऐसी गतिविधियों पर सेवा कर की छूट दी है.

* किसानों को मुस्कान देने की कोशिश, 8.50 लाख करोड़ मिलेंगे कर्ज

किसानों के लिए एक बड़ी घोषणा करते हुए सरकार ने वित्त वर्ष 2015-16 के लिए कृषि ऋण का लक्ष्य बढ़ा कर 8.5 लाख करोड़ रुपये कर दिया है. इसके अलावा, ऊंची कृषि उत्पादकता हासिल करने के लिए सिंचाई व मृदा के स्वास्थ्य में सुधार के लिए वित्तीय समर्थन की घोषणा की है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने 2015-16 का आम बजट पेश करते हुए कहा कि कृषि रिण हमारे मेहनती किसानों को सहारा देते हैं. ऐसे में मैंने 2015-16 में 8.5 लाख करोड़ रुपये के कृषि ऋण का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है. मुझे विश्वास है कि बैंक इस लक्ष्य को पार कर लेंगे.

किस मद में कितना आवंटन

किसानों को तीन लाख रुपये तक का फसल ऋण सात प्रतिशत ब्याज पर मिलता है. हालांकि, यदि किसान ऋण का भुगतान समय पर करता है, तो प्रभावी ब्याज दर चार प्रतिशत रहती है. चालू वित्त वर्ष में कृषि ऋण वितरण का लक्ष्य 8 लाख करोड़ रुपये है. सितंबर तक 3.7 लाख करोड़ रुपये का कृषि ऋण वितरित किया गया था. वित्त मंत्री ने कहा कि किसानों को प्रभावी व अड़चनरहित कृषि ऋण के जरिये कृषि क्षेत्र को समर्थन को मैं 2015-16 में ग्रामीण संरचना विकास कोष में 25,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव करता हूं. इसके अलावा वित्त मंत्री ने दीर्घावधि के ग्रामीण ऋण कोष के लिए 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन की घोषणा की. सहकारी ग्रामीण ऋण पुनर्वित्त कोष के लिए 45,000 करोड़ रुपये व लघु अवधि के क्षेत्रीय ग्रामीण बैंकों के पुनर्वित्त कोष के लिए 15,000 करोड़ रुपये के आवंटन का प्रस्ताव किया है.

* परंपरागत कृषि विकास योजना की होगी शुरुआत

सिंचाई को प्रोत्साहन देन व मृदा की सेहत सुधारने के लिए जेटली ने कहा कि किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता काफी गहरी है. हमने पहले ही कृषि उत्पादन के दो महत्वपूर्ण पहलुओं मृदा व पानी पर बड़े कदम उठाये हैं. उन्होंने कहा कि मैं कृषि मंत्रालय की जैव कृषि योजना परंपरा कृषि विकास योजना तथा प्रधानमंत्री ग्राम सिंचाई योजना (पीएमजीएसवाइ) को समर्थन का प्रस्ताव करता हूं.

मैं सूक्ष्म सिंचाई जल संभरण कार्यक्रमों व पीएमजीएसवाइ के लिए 5,300 करोड़ रुपये का आवंटन कर रहा हूं. उन्‍होंने कहा कि पीएमजीएसवाइ का उद्देश्य प्रत्येक किसान के खेत की सिंचाई व पानी के इस्तेमाल की दक्षता में सुधार करना है. इसके अलावा टिका. आधार पर मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए महत्वाकांक्षी मृदा हेल्थ कार्ड जारी किया गया है. वित्त मंत्री ने किसानों की आमदनी बढ़ाने पर जोर देते हुए कहा कि किसान अब स्थानीय व्यापारियों के जाल में नहीं हैं, लेकिन उनकी उपज को अभी तक सर्वश्रेष्ठ अनुमानित मूल्य नहीं मिलता है. किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए हम राष्ट्रीय साझा बाजार स्थापित करना चाहते हैं.

* कृषि उन्नति योजना से आयेगी खुशहाली

कृषि उन्नति योजना के लिए आम बजट में 3257 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह खाद्य सुरक्षा के लिए प्रमुख कार्यक्रम है. कृषि उन्नति योजना में मृदा सेहत कार्ड, कृषि सहयोग व कृषि विपणन योजना, कृषि विस्तार, बागवानी विकास, मूल्य स्थिरीकरण कोष पर राष्ट्रीय मिशन व सतत कृषि पर राष्ट्रीय मिशन शामिल है.

श्वेत, नीली व हरित क्रांति पर जोर

डेयरी विकास अभियान के लिए बजट में 481 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. इस स्कीम का मुख्य उद्देश्य असंगठित क्षेत्र के तहत अतिरिक्त दूध को खरीदना है. डेयरी विकास अभियान में राष्ट्रीय डेयरी प्लान के लिए प्रमुख कार्यक्रम, डेयरी उद्यमिता योजना व डेयरी विकास योजनाह्ण शामिल है. वहीं, नीली क्रांति के लिए 411 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह मत्स्य पालन क्षेत्र के विकास के लिए एक प्रमुख कार्यक्रम है.

फसल बीमा के लिए आम बजट में 2589 करोड़ रु पये का प्रावधान किया गया है. भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के लिए 3295 करोड़ रुपये बजट में अलग से रखे गये हैं. पूर्वोत्तर राज्यों में जैविक खेती के लिए 125 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.

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