Indonesia Violence: इंडोनेशिया में क्यों मचा बवाल? जनता में उमड़ा जन-आक्रोश

Indonesia Violence: इंडोनेशिया में बीते सप्ताह हुए हिंसक प्रदर्शनों के बाद हालात और बिगड़ते जा रहे हैं. राजधानी जकार्ता सहित देश के कई बड़े शहरों में छात्र सड़कों पर उतर आए हैं. आइए जानते हैं आखिर इस आक्रोश का मुख्य कारण क्या है.

By Ayush Raj Dwivedi | September 2, 2025 3:26 PM

Indonesia Violence: दुनिया के सबसे बड़े मुस्लिम आबादी वाले देश इंडोनेशिया में राजनीतिक अस्थिरता और जन असंतोष के हालात बनते जा रहे हैं. सोमवार को देश के कई प्रमुख शहरों—जकार्ता, बांडुंग, योग्याकार्ता और मकास्सर में हजारों छात्रों ने सरकार की चेतावनी को दरकिनार करते हुए सड़कों पर मार्च निकाला. ये प्रदर्शन पिछले हफ्ते हुई हिंसा के बाद और तेज हो गए हैं, जिसमें 8 लोगों की मौत और 700 से अधिक घायल हुए थे.

सांसदों के मकान भत्तों से भड़का जन आक्रोश

प्रदर्शन की शुरुआत उस खुलासे से हुई, जिसमें सामने आया कि 580 सांसदों को हर महीने वेतन के अतिरिक्त 50 लाख इंडोनेशियाई रुपिया (करीब $3,075) का मकान भत्ता मिल रहा है. यह रकम राजधानी जकार्ता के न्यूनतम वेतन से 10 गुना अधिक है.

देश पहले से ही महंगाई, बेरोजगारी और आर्थिक असमानता से जूझ रहा है, ऐसे में यह खबर जनता के लिए आग में घी का काम कर गई. विरोध की लहर इतनी तेज हुई कि सोशल मीडिया पर “#HapusTunjangan” (भत्ता बंद करो) ट्रेंड करने लगा.

राष्ट्रपति को रद्द करनी पड़ी विदेश यात्रा

नव-निर्वाचित राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांटो के लिए यह संकट एक बड़ी राजनीतिक परीक्षा बनकर सामने आया है. उन्होंने हाल ही में सत्ता संभाली थी और इसी सप्ताह उन्हें चीन दौरे पर जाना था, जिसे उन्होंने अचानक रद्द कर दिया.

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, दक्षिण तंगेरांग में प्रदर्शनकारियों ने वित्त मंत्री मुलयानी इंद्रावती और अन्य सांसदों के घरों पर हमला किया और लूटपाट की. इससे पहले 29 अगस्त को जकार्ता में हुए प्रदर्शन के दौरान एक डिलीवरी राइडर को पुलिस की बख्तरबंद गाड़ी कुचलती हुई दिखाई दी, जिसका वीडियो वायरल हो गया. यह घटना विरोध की आग में घी डालने जैसी साबित हुई.

1,200 से ज्यादा गिरफ्तार, करोड़ों का नुकसान

अब तक देशभर में 1,200 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया है. प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच हुई झड़पों में 700 से अधिक लोग घायल हुए हैं और दर्जनों सरकारी इमारतों को नुकसान पहुंचा है. इन विरोधों से अब तक देश को लगभग 28 करोड़ रुपए का नुकसान हो चुका है. सेना और अर्धसैनिक बलों को कई प्रमुख शहरों में तैनात कर दिया गया है. सरकार ने छात्रों को ऑनलाइन क्लासेज लेने और कर्मचारियों को वर्क फ्रॉम होम करने की सलाह दी है.