Sushila Karki: कौन हैं सुशीला कार्की? जो बन सकती है नेपाल में अंतरिम सरकार की प्रमुख, Gen-Z ने किया समर्थन
Sushila Karki: नेपाल में राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अंतरिम शासन के लिए सुशीला कार्की का नाम सामने आ रहा है. सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला चीफ जस्टिस भी रह चुकी है. Gen-Z आंदोलनकारियों की वर्चुअल बैठक में सुशीला कार्की को सबसे ज्यादा वोट मिले हैं.
Sushila Karki: नेपाल में भारी राजनीतिक उथल-पुथल के बीच अंतरिम सरकार के गठन की तैयारी चल रही है. सेना और जेन जेड के बीच हालात सामान्य करने के लिए बातचीत का दौर भी जारी है. इस बीच Gen-Z आंदोलनकारियों ने वर्चुअल बैठक की. ऑनलाइन बैठक में करीब पांच हजार से ज्यादा युवाओं ने हिस्सा लिया. इस बैठक में जेन जेड ने पूर्व मुख्य न्यायाधीश सुशीला कार्की को अपना समर्थन दिया है, उन्हें अपना नेता चुना है. ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि नेपाल की अंतरिम सरकार का वो नेतृत्व कर सकती है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कार्की ने भी इसके लिए हामी भर दी है, हालांकि वो पहले सेना प्रमुख से मुलाकात करेंगी. सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं. सूत्रों के मुताबिक कार्की को अब तक ढाई हजार से अधिक लोगों का समर्थन मिल चुका है.
सुशीला के खिलाफ लाया जा चुका है महाभियोग प्रस्ताव
मुख्य न्यायाधीश बनने के करीब एक साल बाद 2017 में सुशीला कार्की पर महाभियोग लगाया जा चुका है. प्रमुख राजनीतिक दलों ने उन पर पूर्वाग्रह और कार्यपालिका में हस्तक्षेप का आरोप लगाकर महाभियोग प्रस्ताव पेश किया था. लेकिन भारी जन समर्थन और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद महाभियोग का प्रस्ताव वापस ले लिया गया था.
नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं सुशीला कार्की
सुशीला कार्की नेपाल की पहली महिला मुख्य न्यायाधीश रही हैं. वो 11 जुलाई 2016 मुख्य न्यायाधीश बनीं थी. उन्होंने 1979 में वकालत शुरू किया था. 2009 में सुशीला कार्की को नेपाल सुप्रीम कोर्ट का अधिवक्ता न्यायाधीश नियुक्त किया गया था. इसके बाद साल 2010 में उन्हें स्थायी न्यायाधीश बनाया गया. कार्की ने 11 जुलाई 2016 से 6 जून 2017 तक नेपाल की मुख्य न्यायाधीश के रूप में सेवाएं दीं.
नेपाल में कर्फ्यू लागू
बीते दो दिनों से नेपाल में भारी उपद्रव का माहौल है. नेपाल की सेना ने सरकार विरोध प्रदर्शन की आड़ में संभावित हिंसा को रोकने के लिए देशव्यापी प्रतिबंधात्मक आदेश लागू कर दिए और कर्फ्यू लागू कर दिया गया है. देशभर में आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाओं के बाद मंगलवार रात से सुरक्षा अभियानों की कमान संभालने वाली सेना ने कहा कि प्रतिबंधात्मक आदेश बुधवार शाम पांच बजे तक प्रभावी रहेंगे और उसके बाद बृहस्पतिवार सुबह छह बजे तक कर्फ्यू लागू रहेगा. सेना ने सड़कों पर पहरा दिया और लोगों को घर पर ही रहने का आदेश दिया जिससे नेपाल की राजधानी काठमांडू में सन्नाटा पसरा रहा. इससे एक दिन पहले प्रदर्शनकारियों ने संसद भवन, राष्ट्रपति कार्यालय, प्रधानमंत्री आवास, सरकारी भवनों, सुप्रीम कोर्ट, राजनीतिक दलों के कार्यालयों और वरिष्ठ नेताओं के घरों में आग लगा दी थी.
