कौन हैं जिमी लाई? जिस हांगकांग के मीडिया टायकून से डरा चीन, लोकतंत्र समर्थक पर लगा दिया रासुका
Jimmy Lai Hong Kong media figure China national security Conviction: सोमवार को हांगकांग की हाई कोर्ट ने फैसला सुनाया, जिसमें लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता जिमी लाई को देशद्रोह का दोषी माना. कोर्ट का कहना है कि जिम्मी विदेशी समूहों के साथ काम करने और चीन द्वारा लागू किए गए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत “देशद्रोही” मानी गई सामग्री प्रकाशित करने के दोषी हैं. इन आरोपों में उन्हें उम्रकैद तक की सजा हो सकती है.
Jimmy Lai Hong Kong media figure China national security Conviction: चीन में सत्ता की आलोचना को बेहद सख्ती से दबाया जा रहा है. सोमवार को हांगकांग की हाई कोर्ट ने लोकतंत्र समर्थक कार्यकर्ता और मीडिया उद्यमी जिमी लाई को देशद्रोह से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया. अदालत ने माना कि लाई ने विदेशी संगठनों के साथ मिलकर काम किया और चीन द्वारा लागू राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत प्रतिबंधित मानी गई सामग्री प्रकाशित की. इन आरोपों के तहत उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. सरकार द्वारा नियुक्त तीन जजों की पीठ ने यह फैसला सुनाया, हालांकि लाई ने अदालत में खुद को निर्दोष बताया है. सजा की अवधि पर अंतिम फैसला बाद में सुनाया जाएगा.
यह मामला अंतरराष्ट्रीय स्तर पर गहरी दिलचस्पी का विषय बना हुआ है. अमेरिका, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ समेत कई देशों और राजनीतिक विश्लेषकों की नजर इस बात पर टिकी रही कि हांगकांग की न्यायपालिका कितनी स्वतंत्र रूप से काम कर पा रही है. 78 वर्षीय जिमी लाई लंबे समय तक हांगकांग की प्रभावशाली मीडिया हस्तियों में शुमार रहे हैं और बीजिंग के सबसे मुखर आलोचकों में गिने जाते हैं. उन्हें अगस्त 2020 में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया था. यह कानून 2019 में हुए बड़े पैमाने पर सरकार-विरोधी और लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनों के बाद लागू किया गया था. हिरासत में बिताए गए लगभग पांच वर्षों के दौरान लाई को कई छोटे मामलों में पहले ही सजाएं मिल चुकी हैं.
यह फैसला ऐसे दौर में आया है, जब 2019 के आंदोलन के बाद हांगकांग में नागरिक अधिकारों और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर लगातार पाबंदियां बढ़ाई गई हैं. बीजिंग ने उन प्रदर्शनों को अपनी सत्ता और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए गंभीर चुनौती के रूप में देखा था. अब बंद हो चुके लोकतंत्र समर्थक अखबार ‘एप्पल डेली’ के संस्थापक लाई को विदेशी शक्तियों से साठगांठ कर राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने की साजिश के दो मामलों में दोषी ठहराया गया है.
तीन-पांच साल तक की हो सकती है कैद
इसके साथ ही उन पर राजद्रोही सामग्री के प्रकाशन और वितरण की साजिश का एक आरोप भी सिद्ध हुआ है. हांगकांग के व्यापक राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत यदि विदेशी ताकतों से मिलीभगत का आरोप साबित हो जाए, तो अपराध की गंभीरता और आरोपी की भूमिका के आधार पर तीन साल से लेकर उम्रकैद तक की सजा दी जा सकती है. वहीं, राजद्रोह से जुड़े अपराधों में अधिकतम दो साल तक की कैद का प्रावधान है. 2020 के बाद से जिमी लाई पर अवैध सभा, धोखाधड़ी और अन्य कई आरोप लगाए गए हैं. उनका मामला वैश्विक स्तर पर मानवाधिकार संगठनों और विदेशी सरकारों का ध्यान खींचता रहा है, जिनमें से कई ने उनकी रिहाई की मांग की है.
बेटे ने अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर उठाई आवाज
जिमी लाई के बेटे सेबेस्टियन लाई ने अपने पिता की गिरफ्तारी और सजा के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय मंचों पर आवाज उठाई है. उनका कहना है कि हांगकांग प्रशासन उन गुणों को दंडित कर रहा है, जिन्हें लोकतांत्रिक समाज में सम्मान मिलना चाहिए. सेबेस्टियन के अनुसार, उनके पिता को सच बोलने, साहस दिखाने और स्वतंत्रता के पक्ष में खड़े होने की कीमत चुकानी पड़ रही है. सुनवाई के दौरान अदालत में लाई की पत्नी और बेटे के अलावा हांगकांग के रोमन कैथोलिक कार्डिनल जोसेफ जेन भी मौजूद थे. इस दौरान जज एस्थर तोह ने टिप्पणी की कि लाई लंबे समय से चीन के प्रति गहरी नाराजगी रखते आए हैं.
जजों ने किन मामलों में सुनाया फैसला?
हांगकांग विरोधी दंगाइयों का मुख्य सूत्रधार माने जाने वाले जिमी लाई ची-यिंग को विदेशी ताकतों से मिलीभगत की साजिश सहित तीन मामलों में दोषी करार दिया गया है. न्यायाधीश ने फैसला सुनाते हुए कहा कि जिमी लाई के खिलाफ लगाए गए तीनों आरोप पूरी तरह साबित हो गए हैं. आरोप इस प्रकार हैं:
D1-4: देशद्रोही प्रकाशन प्रकाशित करने की साजिश. इसमें सभी आरोप सिद्ध हुए.
D1-4: विदेशी या बाहरी शक्तियों से मिलीभगत की साजिश. इसमें सभी आरोप सिद्ध हुए.
D1: विदेशी या बाहरी शक्तियों से मिलीभगत की साजिश. इसमें भी आरोप सिद्ध हुए.
जल्द ही निर्धारित की जाएगी सजा की तारीख
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले के मुख्य साजिशकर्ता जिमी लाई ही थे. सजा सुनाए जाने तक उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है. फैसले के समय लाई शांत दिखाई दिए. अदालत ने 12 जनवरी से सजा में रियायत (mitigation plea) पर सुनवाई तय की है, जो चार दिनों तक चलेगी. इसके बाद जल्द से जल्द सजा की तारीख निर्धारित की जाएगी.
जिमी लाई ने डोनाल्ड ट्रंप से मांगा था समर्थन
हाल के समय में जिमी लाई पहले की तुलना में काफी कमजोर और दुबले दिखाई देने लगे हैं. उनके खिलाफ आया यह फैसला बीजिंग के अंतरराष्ट्रीय कूटनीतिक संबंधों की कसौटी के तौर पर भी देखा जा रहा है. अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि उन्होंने यह मुद्दा चीन के सामने उठाया है, जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर ने स्पष्ट किया कि उनकी सरकार ब्रिटिश नागरिक लाई की रिहाई को प्राथमिकता दे रही है. वर्ष 2021 में लाई ने हांगकांग को चीनी नियंत्रण से बचाने के लिए ट्रंप से खुला समर्थन मांगा था. उस समय उनके अखबार ‘एप्पल डेली’ ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से मदद की अपील करते हुए फ्रंट पेज पर एक खुला पत्र भी प्रकाशित किया था.
कौन हैं जिमी लाई और कैसा रहा उनका सफर
1989 में तियानमेन स्क्वायर में लोकतंत्र समर्थक आंदोलन को चीनी सेना द्वारा कुचले जाने के बाद लाई के जीवन और करियर की दिशा बदल गई. उन्होंने इस दमन के खिलाफ खुलकर लिखना शुरू किया और एक पब्लिशिंग कंपनी की स्थापना की, जो आगे चलकर हांगकांग के सबसे प्रभावशाली मीडिया समूहों में शामिल हो गई. जब मुख्य भूमि चीन में उनके कारोबार पर सरकारी दबाव बढ़ा, तो उन्होंने अपने स्टोर्स बेच दिए और पूरी तरह मीडिया के क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया. इसके बाद उन्होंने डिजिटल मैगजीन और बेहद लोकप्रिय अखबार ‘एप्पल डेली’ जैसे मंच शुरू किए, जिनके जरिए उन्होंने उस दौर में भी चीनी सरकार की खुली आलोचना की, जब कई स्थानीय मीडिया संस्थान आत्म-सेंसरशिप अपनाने लगे थे.
हांगकांग के मीडिया टायकून और लोकतंत्र समर्थक जिमी लाई
जिमी लाई को हांगकांग का लोकतंत्र समर्थक मीडिया टाइकून कहा जाता है. जहां उनके समर्थक उन्हें स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी का प्रतीक मानते हैं, वहीं बीजिंग उन्हें 2019 के प्रदर्शनों का सूत्रधार और हांगकांग व चीन के खिलाफ अमेरिकी प्रतिबंधों को उकसाने वाला व्यक्ति बताता है. ‘एप्पल डेली’ लंबे समय तक हांगकांग सरकार और सत्तारूढ़ चीनी कम्युनिस्ट पार्टी का मुखर आलोचक रहा. 2021 में पुलिस द्वारा अखबार के दफ्तर पर छापे, वरिष्ठ पत्रकारों की गिरफ्तारी और संपत्तियों की जब्ती के बाद आखिरकार इस अखबार को बंद करना पड़ा.
ये भी पढ़ें:-
वेनेजुएला में बाल-बाल बचे दो अमेरिकी प्लेन, हवा में एक दूसरे को लगभग छूकर निकले, जरा सी चूक होती तो…
भारत में पड़े नौकरी के लाले, विदेशी पढ़ाई, 600 आवेदन और 4 इंटरव्यू, महिलाओं ने साझा की परेशानियां
