ईद पर बाइडन ने कहा – इस्लामोफोबिया से ग्रस्त हैं मुसलमान, अमेरिकी प्रयास के बाद भी हो रहे हिंसा के शिकार

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए दूतावास प्रभारी के पद पर पहली बार किसी मुस्लिम को नियुक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 3, 2022 11:01 AM

वाशिंगटन : पूरी दुनिया में आज ईद-उल-फितर का जश्न मनाया जा रहा है. भारत में भी उल्लास का माहौल बना हुआ है. इस बीच, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने व्हाइट हाउस में अपने संदेश में कहा कि अमेरिका खतरों और चुनौतियों का सामना करते हुए दुनियाभर के मुसलमानों को मजबूत करने का भरपूर प्रयास कर रहा है. बावजूद इसके मुसलमान हिंसा के शिकार हो रहे हैं.

इस्लामोफोबिया के शिकार हैं मुसलमान

बाइडन ने कहा कि दुनिया में आशा और प्रगति के संकेतों का सम्मान करें, जिसमें युद्धविराम भी शामिल है, जिससे यमन में लोगों को छह वर्षों में पहली बार शांति से रमज़ान और ईद मनाने का मौका मिला है, लेकिन साथ ही, हमें यह भी स्वीकार करना होगा कि विदेशों में और यहां देश में बहुत काम किया जाना बाकी है. मुसलमान हमारे देश को हर दिन मजबूत बनाते हैं, भले ही वे अब भी हमारे समाज में वास्तविक चुनौतियों और खतरों का सामना कर रहे हैं, जिसमें लक्षित हिंसा और इस्लामोफोबिया (इस्लाम से भय) शामिल है.

किसी को धार्मिक आस्था पर प्रताड़ित न किया जाए

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि उन्होंने अंतरराष्ट्रीय धार्मिक स्वतंत्रता के लिए दूतावास प्रभारी के पद पर पहली बार किसी मुस्लिम को नियुक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह बेहद महत्वपूर्ण है, क्योंकि आज दुनियाभर में हम देख रहे हैं कि बहुत से मुसलमान हिंसा का शिकार हो रहे हैं. किसी को भी उसकी धार्मिक आस्थाओं के लिए प्रताड़ित नहीं किया जाना चाहिए.

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बाइडन ने रोहिंग्या और उइगर मुसलमानों को किया याद

व्हाइट हाउस में ईद-उल-फितर पर आयोजित कार्यक्रम में प्रथम महिला जिल बाइडन, मस्जिद मोहम्मद के इमाम डॉ तालिब एम शरीफ और पाकिस्तानी गायिका एवं संगीतकार अरूज आफताब ने भी शिरकत की. बाइडन ने कहा कि आज, हम उन सभी को याद करते हैं, जो इस पाक दिन का जश्न नहीं मना पा रहे हैं. इनमें उइगर, रोहिंग्या समुदाय के लोगों सहित वे सभी शामिल हैं जो अकाल, हिंसा, संघर्ष और बीमारी से पीड़ित हैं.

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