UNGA में ट्रंप ने फिर उगला जहर, भारत-चीन को बताया यूक्रेन युद्ध का फंडर, NATO को भी लपेटे में लिया

Trump Slams India China Ukraine War Funding: UNGA के 80वें सेशन में डोनाल्ड ट्रंप का भाषण फिर चर्चा का विषय बन गया. भारत-चीन पर रूसी तेल खरीदने का आरोप, 50% टैरिफ का बड़ा झटका, NATO देशों पर तंज और आखिर में अमेरिका की जमकर तारीफ. ट्रंप की शेखी बघारने वाली स्टाइल ने दुनियाभर में हलचल मचा दी.

By Govind Jee | September 24, 2025 7:52 AM

Trump Slams India China Ukraine War Funding: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) का 80वां सेशन. हॉल खचाखच भरा है, दुनिया के बड़े-बड़े नेता अपनी-अपनी जगह पर बैठे हैं. तभी मंच पर आते हैं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. लगभग एक घंटे का लंबा भाषण, और हर कुछ मिनट पर कोई नया धमाका. जिस अंदाज के लिए ट्रंप जाने जाते हैं जैसे तीखे तीर और खुद की शेखी बघारने वाली स्टाइल. ट्रंप ने शुरुआत में ही आरोप जड़ दिया कि चीन और भारत इस युद्ध के प्राइमरी फंडर हैं, क्योंकि दोनों रूस से तेल खरीदना जारी रखे हुए हैं. इस बयान का असर तुरंत दिखा.

अब भारत पर अमेरिका का कुल टैरिफ 50% तक पहुंच गया है. यानी दुनिया में सबसे ऊंचे टैरिफ रेट्स में से एक. भारत ने भी जवाबी लहजे में कहा कि ये टैरिफ अनुचित और गैर-जरूरी हैं. भारत, हर बड़ी अर्थव्यवस्था की तरह, अपने राष्ट्रीय हितों और आर्थिक सुरक्षा की रक्षा करेगा.

पढ़ें: चीन तो बहाना, असली खेल कुछ और…! अफगानिस्तान का सबसे बड़ा ‘ताश का पत्ता’ बगराम एयरबेस पर ट्रंप का खुला पूरा राज

NATO देशों को भी नहीं बख्शा

सिर्फ इंडिया-चाइना ही नहीं, यूरोप और NATO भी ट्रंप की फायरिंग लाइन में आ गए. उनका कहना था कि सोचिए, आप रूस से ऑयल और गैस खरीद रहे हैं और उसी रूस के खिलाफ जंग भी लड़ रहे हैं. ये बेहद शर्मनाक है. जब मुझे पहली बार पता चला तो मुझे खुद शर्म आई. ट्रंप का इशारा साफ था, अमेरिका तो समंदर पार बैठा है, लेकिन यूरोप रूस के पड़ोस में है. ऐसे में जिम्मेदारी उनकी ज्यादा बनती है कि वे रूसी ऊर्जा पर पूरी तरह से रोक लगाएं.

Trump Slams India China Ukraine War Funding: ‘टैरिफ से ही खून-खराबा रुकेगा’

ट्रंप का इलाज है टैरिफ. उन्होंने दावा किया कि अगर रूस शांति वार्ता को तैयार नहीं होता, तो अमेरिका इतने कड़े टैरिफ लगाएगा कि खून-खराबा तुरंत रुक जाएगा. लेकिन यहां भी शर्त रख दी. बोले, “इसका असर तभी होगा, जब यूरोपीय देश भी हमारे साथ यही कदम उठाएं. वरना ये सब टाइम की बर्बादी है.” भाषण के आखिर में ट्रंप ने वही अंदाज दिखाया जिसके लिए वे मशहूर हैं. बोले, “हो सकता है सबको मेरी बातें अच्छी न लगें, लेकिन मैं सच बोलता हूं.”

इसके बाद उन्होंने अमेरिका की जमकर तारीफ की और बताया, अमेरिका दुनिया का “सबसे गर्म” देश है. दुनिया में व्यापार करने के लिए “सबसे अच्छा देश” बनकर उभरा है. उनकी सरकार के दौरान इकॉनमी पहले से “बड़ी और बेहतर” हो गई है और अमेरिका को अब पहले से कहीं ज्यादा “सम्मान” मिला है.

ये भी पढ़ें: सात युद्ध रोके, नोबेल शांति पुरस्कार कब मिलेगा? ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान समेत दुनिया के कई युद्धों को रोकने का फिर किया दावा!