PHOTOS: दुनिया के 5 सबसे बड़े देश, जो रेयर अर्थ खजानों के हैं मालिक! भारत किस नंबर पर? जानिए पूरी सूची
Top 5 Countries With Largest Rare Earth Reserves in 2025: दुनिया के सबसे बड़े दुर्लभ मृदा भंडार वाले 7 देश और भारत का तीसरा स्थान. जानें उत्पादन, भंडार और वैश्विक महत्व. स्मार्टफोन, हाईटेक पर क्या असर पड़ता है.
Top 5 Countries With Largest Rare Earth Reserves in 2025: दुनिया में कुछ चीजें इतनी खास होती हैं कि उनका नाम सुनते ही आंखें चमक जाती हैं. दुर्लभ मृदा तत्व ऐसे ही खजाने हैं. ये 17 धातुएं हैं जिनमें 15 सिल्वर जैसी लैंथेनाइड और स्कैंडियम व यिट्रियम शामिल हैं. हमारे स्मार्टफोन, पवन टरबाइन और हाईटेक गैजेट्स की जान हैं. मांग इतनी अधिक है कि ये तकनीकी दुनिया के लिए किसी खजाने से कम नहीं. अब सवाल ये है कि ये खजाने कहां-कहां छुपे हैं और कौन से देश दुनिया के सबसे बड़े खिलाड़ी हैं.
चीन – 44 मिलियन मीट्रिक टन
चीन इस लिस्ट में शीर्ष पर है. 2025 तक इसके कुल भंडार 44 मिलियन मीट्रिक टन होने का अनुमान है. चीन दुर्लभ मृदा खनन और प्रसंस्करण में भी दुनिया में सबसे आगे है. उत्पादन कोटा प्रणाली के माध्यम से प्रबंधित किया जाता है, जिससे वैश्विक आपूर्ति में चीन की पकड़ मजबूत बनी रहती है.
ब्राजील – 21 मिलियन मीट्रिक टन
ब्राजील दुनिया में दुर्लभ मृदा के मामले में दूसरे स्थान पर है. अनुमानित भंडार 21 मिलियन मीट्रिक टन हैं, लेकिन उत्पादन अभी अपेक्षाकृत कम है. भविष्य में अधिक खनिजों की खोज की क्षमता मौजूद है.
भारत – 6.9 मिलियन मीट्रिक टन
भारत तीसरे नंबर पर है. 2024 में इसका कुल उत्पादन 2,900 मीट्रिक टन रहा. भारत वैश्विक समुद्री तट और रेत खनिज भंडारों का लगभग 35 प्रतिशत हिस्सा रखता है, जो इसे वैश्विक दुर्लभ मृदा स्रोतों में महत्वपूर्ण बनाता है.
ऑस्ट्रेलिया – 5.7 मिलियन मीट्रिक टन
ऑस्ट्रेलिया 5.7 मिलियन मीट्रिक टन दुर्लभ मृदा भंडार के साथ चौथे स्थान पर है. 2024 में इसका उत्पादन 13,000 मीट्रिक टन था. खनन 2007 में शुरू हुआ था, लेकिन आने वाले वर्षों में निष्कर्षण बढ़ने की उम्मीद है.
Top 5 Countries With Largest Rare Earth Reserves in 2025: रूस – 3.8 मिलियन मीट्रिक टन
रूस के पास 2024 तक 3.8 मिलियन मीट्रिक टन दुर्लभ मृदा भंडार थे, जो पिछले साल के 10 मिलियन मीट्रिक टन से कम हैं. देश का उत्पादन 2,500 मीट्रिक टन पर स्थिर रहा.
वियतनाम अपने उत्तर-पश्चिमी सीमा और पूर्वी तटरेखा पर दुर्लभ मृदा भंडारों के लिए जाना जाता है. 3.5 मिलियन मीट्रिक टन के साथ यह दुनिया में छठा सबसे बड़ा खिलाड़ी है. और वहीं अमेरिका इस लिस्ट में सातवें नंबर पर है. अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण की 2025 रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिका का दुर्लभ मृदा उत्पादन मुख्य रूप से कैलिफोर्निया में स्थित माउंटेन पास खदान तक ही सीमित है. इस लिस्ट को देखकर साफ है कि तकनीकी दुनिया की धड़कन आपका स्मार्टफोन, इलेक्ट्रिक कार और हाईटेक गैजेट किस तरह से इन दुर्लभ रेअर अर्थ पर निर्भर है. भारत जो कि तीसरे नंबर पर इससे कहीं न कहीं वैश्विक बाजार में अपनी अहमियत बड़े पैमाने पर साबित करता है.
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