मक्का, रियाद और तबूक में बजेंगे सायरन और पूरे किंगडम में फोन पर आएंगे अलर्ट, किस बात की तैयारी कर रहा है सऊदी अरब?
Sirens and Mobile alert trial in Saudi Arabia: सऊदी अरब में सोमवार, 3 नवंबर 2025 को देशभर में आपातकालीन चेतावनी प्रणाली का परीक्षण किया जाएगा. इस दौरान पूरे किंगडम के मोबाइल फोनों पर टेस्ट अलर्ट संदेश भेजे जाएंगे, जबकि कुछ चुने हुए क्षेत्रों में इमरजेंसी सायरन भी बजेंगे. सऊदी सिविल डिफेंस के अनुसार, यह नियोजित राष्ट्रीय अभ्यास रियाद (दिरियाह, अल-खर्ज, अल-दिलम), तबूक (सभी गवर्नरेट्स) और मक्का प्रांत (जेद्दा और थुवाल) के विशेष इलाकों में आयोजित किया जाएगा.
Sirens and Mobile alert trial in Saudi Arabia: सऊदी अरब में सोमवार, 3 नवंबर 2025 को पूरे किंगडम में मोबाइल पर संदेश भेजे जाएंगे. वहीं देश के कुछ छेत्रों में इमरजेंसी सायरन भी बजेंगे. यमन के साथ चल रहे युद्ध, इजरायल और ईरान की ओर से खड़े किए गए खतरे के बीच सऊदी सिविल डिफेंस विभाग अपने आपातकालीन चेतावनी प्रणाली (इमरजेंसी वार्निंग सिस्टम) की एक निर्धारित टेस्टिंग करेगा. इस परीक्षण के दौरान पूरे साम्राज्य में मोबाइल फोन पर टेस्ट अलर्ट भेजे जाएंगे और रियाद (दिरियाह, अल-खर्ज, अल-दिलम), तबूक (सभी गवर्नरेट्स) और मक्का (जेद्दा और थुवाल) के चयनित क्षेत्रों में फिक्स्ड सायरन बजेंगे. यह अभ्यास दोपहर 1:00 बजे शुरू होगा और 1:15 बजे सायरन बजने के बाद समाप्त होगा.
साउंड चेक के लिए तैयार रहें
जन सुरक्षा और आपातकालीन तैयारी सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, जनरल डायरेक्टरेट ऑफ सिविल डिफेंस अपनी फिक्स्ड सायरन और प्रारंभिक चेतावनी प्रणाली (Early Warning Systems) का व्यापक परीक्षण करने जा रहा है. यह सिर्फ एक साधारण अभ्यास नहीं है, बल्कि एक महत्वपूर्ण कदम है ताकि नागरिकों को यह पता चल सके कि वास्तविक आपात स्थिति में आधिकारिक अलर्ट पर कैसे प्रतिक्रिया करनी है. इस अभ्यास का मुख्य उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राष्ट्रीय चेतावनी प्रणाली पूरी क्षमता से कार्य कर रही है और लाखों लोगों को एक साथ सतर्क कर सकती है. मोबाइल अलर्ट और पारंपरिक सायरन दोनों का एक साथ परीक्षण करके, सिविल डिफेंस यह सुनिश्चित कर रहा है कि पूरे साम्राज्य में चेतावनी नेटवर्क की तैयारी और कवरेज अधिकतम हो.
जिन प्रमुख क्षेत्रों में परीक्षण होगा
यह परीक्षण केवल एक सीमित क्षेत्र तक नहीं रहेगा, बल्कि सऊदी अरब के घनी आबादी वाले प्रमुख क्षेत्रों को कवर करेगा. परीक्षण में नेशनल अर्ली वार्निंग प्लेटफॉर्म (National Early Warning Platform) का उपयोग किया जाएगा, जो सेल्युलर ब्रॉडकास्ट सेवा के माध्यम से मोबाइल फोनों पर चेतावनी संदेश भेजेगा, साथ ही फिक्स्ड सायरन भी बजेंगे.
टेस्ट निम्नलिखित प्रमुख क्षेत्रों पर केंद्रित रहेगा
रियाद क्षेत्र: राजधानी रियाद शहर के साथ-साथ अल-दिरियाह, अल-खर्ज और अल-दिलम गवर्नरेट शामिल होंगे.
मक्का क्षेत्र: जेद्दा और थुवाल जैसे प्रमुख शहरों को शामिल किया गया है.
तबूक क्षेत्र: पूरा क्षेत्र इस अभ्यास में भाग लेगा.
क्या होगा और कब होगा?
टेस्ट को व्यवस्थित तरीके से संचालित करने और प्रणाली का सटीक मूल्यांकन करने के लिए सिविल डिफेंस ने तीन चरणों (Three Phases) की समय-सारिणी तय की है. पहले चरण में आधुनिक मोबाइल अलर्ट सिस्टम की टेस्टिंग होगी, इसके बाद पारंपरिक सायरन बजेंगे. 3 नवंबर 2025 को टेस्ट का कार्यक्रम स्थानीय समयानुसार इस तरह आयोजित किया जाएगा.
1:00 PM- चरण 1: अर्ली वार्निंग प्लेटफॉर्म- इस दौरान मोबाइल फोनों पर सलाहकारी संदेश भेजे जाएंगे. इनमें नया व्यवाहारिक टोन इस्तेमाल होगा.
1:10 PM- चरण 2: राष्ट्रीय अलार्म टोन- इस दौरान आधिकारिक नेशनल अलार्म टोन मोबाइल प्रसारण के जरिए भेजा जाएगा.
1:15 PM- चरण 3: फिक्स्ड सायरन टेस्ट- इस दौरान पारंपरिक उच्च-शक्ति वाले फिक्स्ड सायरन चयनित शहरों में बजाए जाएंगे.
क्या है सऊदी के इस परीक्षण का उद्देश्य
सेल ब्रॉडकास्ट तकनीक और क्लासिक सायरन दोनों का उपयोग करते हुए यह व्यापक परीक्षण यह सुनिश्चित करने के लिए किया जा रहा है कि प्रणाली हर परिस्थिति में तैयार और मजबूत है. सरल और स्पष्ट समय-सारिणी से नागरिकों को सूचित किया जाएगा ताकि वास्तविक आपात स्थिति में वे जान सकें कि कौन-सी ध्वनि किस अलर्ट का संकेत है और क्या करना है.
सऊदी अरब का ईरान के साथ लंबे समय से युद्ध जैसा माहौल बना हुआ है. वह यमन के खिलाफ हूती विद्रोहियों के खिलाफ युद्द छेड़े हुए है. वहीं ईरान ने अमेरिका के हमले के बाद अपने न्यूक्लियर प्रोग्राम को फिर से शुरू करने का इरादा स्पष्ट कर दिया है. वहीं इजरायल ने बीते दिनों कतर पर हमला कर सभी अरब देशों को चेतावनी दे चुका है. ऐसे में सऊदी अरब अपने राष्ट्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया तंत्र को मजबूत कर रहा है. सोमवार का यह ड्रिल इसी तैयारी की एक साझा जिम्मेदारी है. इन अलर्ट टोन को पहचानना और समझना भविष्य में किसी वास्तविक आपातकाल के दौरान जीवनरक्षक साबित हो सकता है. टेस्ट समाप्त होने के बाद जीवन सामान्य रूप से जारी रहेगा.
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