SCO Summit : चीन की दादागिरी का भारत ने दिया जवाब! एससीओ के बयान पर हस्ताक्षर करने से रक्षा मंत्री का इनकार

SCO Statement : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने एससीओ के बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. चीन की धरती से उन्होंने पाकिस्तान पर निशाना साधा. सिंह ने कहा कि आतंकवाद के दोषियों को जवाबदेह ठहराये जाने की जरूरत है.

By Amitabh Kumar | June 26, 2025 1:07 PM

SCO Summit : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने गुरुवार को पाकिस्तान पर कड़ा प्रहार करते हुए कहा कि आतंकवाद के दोषियों, वित्तपोषकों और प्रायोजकों को जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए. उन्होंने जोर दिया कि आतंकवाद से निपटने में किसी भी प्रकार का दोहरा मापदंड नहीं अपनाया जाना चाहिए. सिंह ने पाकिस्तान समर्थित सीमापार आतंकवाद को लेकर भारत की चिंताओं को स्पष्ट रूप से संबोधित नहीं करने के कारण शंघाई सहयोग संगठन (SCO) के साझा बयान पर हस्ताक्षर करने से इनकार कर दिया. मामले से जुड़े सूत्रों के अनुसार, एससीओ आम सहमति के आधार पर काम करता है, इसलिए उनके इनकार के चलते सम्मेलन का संयुक्त वक्तव्य जारी नहीं किया जा सका.

आतंकवाद से निपटने के मामले में “दोहरा मापदंड नहीं” होना चाहिए : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि सीमापार से जारी आतंकवादी गतिविधियों समेत आतंकवाद से निपटने के लिए कोई स्पष्ट दृष्टिकोण नहीं है. अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि आतंकवाद से निपटने के मामले में “दोहरा मापदंड नहीं” होना चाहिए. एससीओ सदस्य देशों को एकजुटता के साथ इस खतरे की निंदा करनी चाहिए. भारत और चीन के अलावा एससीओ में पाकिस्तान, ईरान, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, रूस, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान शामिल हैं.

पाकिस्तान को लेकर क्या कहा रक्षा मंत्री ने?

पाकिस्तान का परोक्ष उल्लेख करते हुए राजनाथ सिंह ने कहा कि कुछ देश आतंकवादियों को पनाह देने के लिए सीमापार आतंकवाद को “नीतिगत साधन” के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं. भारत ने आतंकवाद से बचाव और सीमा पार से होने वाले हमलों को रोकने के अपने अधिकार का इस्तेमाल करते हुए पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में ऑपरेशन सिंदूर शुरू किया. उन्होंने कहा, “पहलगाम आतंकी हमले के दौरान, पीड़ितों को उनकी धार्मिक पहचान के आधार पर गोली मार दी गई थी. संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रतिबंधित आतंकी समूह लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) से जुड़े द रेजिस्टेंस फ्रंट ने हमले की जिम्मेदारी ली.”

रक्षा मंत्री ने कहा, “पहलगाम हमले का तरीका भारत में लश्कर-ए-तैयबा के पिछले आतंकवादी हमलों के जैसा था. भारत की आतंकवाद को कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति उसके कार्यों से प्रदर्शित होती है.” उन्होंने कहा, “इस नीति में आतंकवाद से खुद का बचाव करने का हमारा अधिकार भी शामिल है. हमने दिखा दिया है कि आतंकवाद के केंद्र अब सुरक्षित नहीं हैं और हम उन्हें निशाना बनाने में संकोच नहीं करेंगे.”

एससीओ सदस्यों को आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए : रक्षा मंत्री

सिंह ने कहा कि एससीओ सदस्यों को आतंकवाद की स्पष्ट रूप से निंदा करनी चाहिए. उन्होंने इस खतरे से सभी रूपों में लड़ने के भारत के संकल्प की पुष्टि की. रक्षा मंत्री ने युवाओं में कट्टरपंथ को रोकने के लिए सक्रिय कदम उठाने का भी आह्वान किया. उन्होंने कहा कि दुनिया कई चुनौतियों का सामना कर रही है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद और साइबर हमलों से लेकर हाइब्रिड युद्ध तक शामिल हैं. ये खतरे सभी देशों के सामने हैं और इनसे निपटने के लिए पारदर्शिता, आपसी विश्वास और सहयोग पर आधारित एकीकृत प्रयासों की जरूरत है.

रक्षा मंत्री ने यह भी कहा कि भारत, अफगानिस्तान में शांति, सुरक्षा व स्थिरता से संबंधित अपनी नीति पर अडिग रहा है. रक्षा मंत्री एससीओ रक्षा मंत्रियों के सम्मेलन में भाग लेने के लिए बुधवार को चीन के बंदरगाह शहर किंगदाओ पहुंचे थे.