वाह रे पाकिस्तानी मीडिया! कितनी बार कराएगा बेज्जती? रिपोर्टिंग करते बह गया पत्रकार

Pakistani Reporter Swept Away Flood: क्या टीआरपी की होड़ में पत्रकार ने अपनी जान दांव पर लगा दी? चहान डैम की बाढ़ में लाइव रिपोर्टिंग करते हुए बह गया रिपोर्टर, वायरल वीडियो ने सोशल मीडिया पर मचाई हलचल.

By Govind Jee | July 19, 2025 1:53 PM

Pakistani Reporter Swept Away Flood: पाकिस्तान में आई भीषण बाढ़ के बीच रावलपिंडी के चहान डैम के पास एक पत्रकार की लाइव रिपोर्टिंग के दौरान तेज बहाव में बह जाने की घटना सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है. यह पूरा वाकया कैमरे में कैद हो गया, जिसने लोगों को हैरान कर दिया.

वीडियो में देखा जा सकता है कि पत्रकार गर्दन तक पानी में खड़ा होकर रिपोर्टिंग कर रहा था, तभी पानी का बहाव इतना तेज हुआ कि वह अचानक बह गया. उसके सिर और हाथ में पकड़ा हुआ माइक कुछ पल तक नजर आया और फिर वह पूरी तरह से पानी में समा गया. यह वीडियो अल अरेबिया इंग्लिश द्वारा फेसबुक पर शेयर किया गया, जो अब लाखों लोगों द्वारा देखा जा चुका है.

इस घटना के बाद सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाओं की बाढ़ आ गई है. कुछ लोगों ने पत्रकार की हिम्मत को सलाम किया है, तो कईयों ने इसे बेवजह की जान जोखिम में डालने वाली हरकत बताया. यूजर्स का कहना है कि खबर दिखाने की होड़ में चैनल्स अपने पत्रकारों की जान से खिलवाड़ कर रहे हैं.

Pakistani Reporter Swept Away Flood: पाकिस्तान में अब तक 116 मौतें

26 जून से पाकिस्तान में लगातार हो रही मूसलधार बारिश ने हालात बिगाड़ दिए हैं. अब तक पूरे देश में बाढ़ से 116 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 250 से अधिक लोग घायल हैं. सबसे ज्यादा मौतें पंजाब प्रांत में हुई हैं (44), उसके बाद खैबर पख्तूनख्वा में 37, सिंध में 18, बलूचिस्तान में 19 और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में 1 व्यक्ति की मौत और 5 घायल बताए जा रहे हैं.

बाढ़ ने लाखों लोगों को प्रभावित किया है. सैकड़ों घर तबाह हो चुके हैं, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सेवाएं बुरी तरह से बाधित हुई हैं. चहान डैम के टूटने से रावलपिंडी सहित कई इलाके जलमग्न हो गए हैं. राहत और बचाव कार्य तेजी से जारी हैं.

बहादुरी या लापरवाही? सोशल मीडिया पर छिड़ी बहस

इस घटना ने पत्रकारिता की सीमाओं और सुरक्षा को लेकर एक नई बहस को जन्म दिया है. रिपोर्टर की पहचान अभी सामने नहीं आई है, लेकिन उसकी रिपोर्टिंग को लेकर लोग दो हिस्सों में बंट गए हैं. कुछ लोग इसे पत्रकारिता का साहसी उदाहरण मानते हैं, तो कईयों का कहना है कि यह सिर्फ टीआरपी की लालच में की गई लापरवाही थी.

यह घटना पत्रकारों की सुरक्षा, जिम्मेदार पत्रकारिता और मीडिया की प्राथमिकताओं को लेकर एक बड़ा सवाल खड़ा कर रही है.