पाकिस्तान में आधी रात को कांपी धरती, 4.5 तीव्रता के भूकंप से दहशत में लोग, आखिर इस क्षेत्र में क्यों बार-बार हो रही कंपन
Pakistan Earthquake: पाकिस्तान में शनिवार की रात लगभग 2 बजे भूकंप ने दहशत पैदा कर दी. बीते एक महीने में इस क्षेत्र में लगातार कंपन हो रही है. आखिर क्यों इस क्षेत्र में यह भूकंप लगातार आ रहे हैं.
Pakistan Earthquake: पाकिस्तान में शनिवार को रात में 1.59 मिनट पर भूकंप के झटके महसूस किए गए. 4.5 की तीव्रता वाले इस भूकंप से किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर नहीं है. राष्ट्रीय भूकंपीय केंद्र (NCS) के अनुसार यह धरती की सतह से 10 किलोमीटर गहराई में आया था. इससे पहले 2 अक्टूबर को कराची में भी इस तरह के भूकंप के झटके लगे थे. लगातार आ रहे इन झटकों से लोगों में भय का माहौल है.
एनसीएस ने शनिवार को एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा, “EQ of M: 4.5, दिनांक: 04/10/2025 01:59:40 IST, अक्षांश: 28.30 उत्तर, देशांतर: 65.25 पूर्व, गहराई: 10 किमी, स्थान: पाकिस्तान.” इससे पहले इस हफ्ते कराची में भी हल्का झटका महसूस किया गया था. पाकिस्तान मौसम विज्ञान विभाग (PMD) और डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, बुधवार सुबह 9:34 बजे 3.2 तीव्रता का झटका महसूस किया गया. पीएमडी के मुताबिक, इस भूकंप का केंद्र मलिर से सात किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में और 10 किलोमीटर गहराई पर स्थित था.
पिछले एक महीने में कई बार कांपी धरती
कराची में इस साल कई हल्के भूकंप दर्ज किए गए हैं. जून महीने में 1.5 से 3.8 तीव्रता तक के कई झटके महसूस किए गए, जिनमें ज्यादातर मलिर क्षेत्र के आसपास 1 जून से 22 जून के बीच दर्ज हुए. वहीं पाकिस्तान के साथ-साथ अफगानिस्तान में भी भूकंप ने हालात खराब किए हैं. 19-20 अगस्त को 5.5 और 3.7 की तीव्रता वाला और 25 अगस्त को पाकिस्तान के इस्लामाबाद, रावलपिंडी और खैबर क्षेत्र में 4.2 की तीव्रता का भूकंप आया था.
4 सितंबर को पाकिस्तान और अफगानिस्तान में भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे. 6.2 की तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के जलालाबाद से 14 किलोमीटर पूर्व में था. वहीं पिछले महीने अफगानिस्तान में एक और भूकंप आया, जिसकी तीव्रता 6.0 की थी, लेकिन इससे भारी नुकसान हुआ था. लगभग 2200 लोगों की मृत्यु ने अफगानिस्तान को हिला दिया था. कई गांव तबाह हो गए, सबसे ज्यादा नुकसान कुनार में हुआ, जो पहाड़ों से घिरी घाटियों में बसा है. कच्ची मिट्टी से बने घरों में लोग दब गए और खराब अवसंरचना की वजह से लोगों के लिए राहत व्यवस्था करने में हुई बाधा ने भी जान का नुकसान बढ़ा दिया.
क्यों आ रहे इतने भूकंप
विशेषज्ञों के अनुसार, इन झटकों के पीछे लंबे समय से निष्क्रिय पड़ी फॉल्ट लाइन्स हैं, जैसे लांधी, कायदाबाद, गडाप और मलिर, जिनसे अब धीरे-धीरे संचित टेक्टोनिक ऊर्जा निकल रही है. कराची की भौगोलिक स्थिति भी इसे भूकंप के लिहाज से संवेदनशील बनाती है. यह शहर कई सक्रिय फॉल्ट लाइनों, जैसे सिंध के तट पर फैली अल्लाहबुंद फॉल्ट और भारतीय अरब और यूरेशियन प्लेटों के संगम के पास स्थित है. डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, विशेषज्ञ लगातार चेतावनी दे रहे हैं कि अगर कोई बड़ा भूकंप आता है, तो यह हजारों लोगों की जान और अहम बुनियादी ढांचे को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है.
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