भारत के साथ हाथ मिलाने के लिए छटपटा रहे पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख, शांति का माहौल बनाने का दिया प्रस्ताव

जनरल बाजवा ने यहां इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विवादों के कारण क्षेत्रीय शांति और विकास की संभावना अनसुलझे मुद्दों के कारण हमेशा बाधित रही है. पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख बाजवा ने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति से दक्षिण और मध्य एशिया में विकास की संभावनाओं को खोलने में मदद मिलेगी.

By Prabhat Khabar Print Desk | March 19, 2021 12:10 PM
  • दक्षिण और मध्य एशिया की शांति में बाजवा दिख रहा पड़ोसियों का विकास

  • कश्मीर मसले के हल के बिना शांति की पहल नहीं हो सकती सफल : बाजवा

  • बाजवा से पहले पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी बघारी थी शेखी

इस्लामाबाद : पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान के बाद अब वहां के सैन्य प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने शेखी बघारते हुए पड़ोसियों के साथ शांति स्थापित करने का राग अलापा है. इसके साथ ही, भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का माहौल होना बेहद जरूरी है. उन्होंने कहा कि यह भारत और पाकिस्तान के लिए अतीत को भूलने और आगे बढ़ने का समय है.

जनरल बाजवा ने यहां इस्लामाबाद सुरक्षा वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि विवादों के कारण क्षेत्रीय शांति और विकास की संभावना अनसुलझे मुद्दों के कारण हमेशा बाधित रही है. पाकिस्तानी सैन्य प्रमुख बाजवा ने कहा कि दोनों पड़ोसी देशों के बीच शांति से दक्षिण और मध्य एशिया में विकास की संभावनाओं को खोलने में मदद मिलेगी. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि यह समय अतीत को भूलने और आगे बढ़ने का है.’

गौरतलब है कि भारत ने पिछले महीने कहा था कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, दुश्मनी और हिंसा मुक्त माहौल के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की आकांक्षा रखता है. भारत ने कहा था कि इसकी जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है कि वह आतंकवाद और शत्रुता मुक्त माहौल तैयार करे. भारत ने पाकिस्तान से यह भी कहा था कि ‘आतंकवाद और वार्ता’ साथ-साथ नहीं चल सकते तथा भारत में हमलों के लिए जिम्मेदार आतंकी संगठनों के खिलाफ ऐसे कदम उठाए जाएं, जो स्पष्ट रूप से नजर आ सकें.

जनरल बाजवा ने कहा कि हमारे पड़ोसी को विशेष रूप से कश्मीर में एक अनुकूल वातावरण बनाना होगा. उन्होंने कहा कि इनमें सबसे अहम मुद्दा कश्मीर का है. यह समझना महत्वपूर्ण है कि शांतिपूर्ण तरीकों के माध्यम से कश्मीर विवाद के समाधान के बिना इस क्षेत्र में शांति की कोई भी पहल सफल नहीं हो सकती.

जनरल बाजवा के बयान से एक दिन पहले प्रधानमंत्री इमरान खान ने भी ऐसा ही बयान दिया था. खान ने कहा था कि उनके मुल्क के साथ शांति रखने पर भारत को आर्थिक लाभ मिलेगा. उन्होंने कहा था कि इससे भारत को पाकिस्तानी भू-भाग के रास्ते संसाधन बहुल मध्य एशिया में सीधे पहुंचने में मदद मिलेगी. खान ने कहा था कि भारत को पहला कदम उठाना होगा. वे जब तक ऐसा नहीं करेंगे, हम ज्यादा कुछ नहीं कर सकते हैं.

जनरल बाजवा ने कहा कि पूर्व और पश्चिम एशिया के बीच संपर्क सुनिश्चित कर दक्षिण और मध्य एशिया की क्षमता को खोलने के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच शांति का माहौल होना बहुत जरूरी है. अपने संबोधन में जनरल बाजवा ने गरीबी के बारे में भी बात की. उन्होंने कहा कि यह क्षेत्रीय तनाव से जुड़ा है, जिसने क्षेत्रीय कनेक्टिविटी और एकीकरण को बाधित किया है.

इसके बाद इसी कार्यक्रम को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि दक्षिण एशिया में स्थायी शांति, सुरक्षा और विकास लंबे समय से चले आ रहे जम्मू-कश्मीर विवाद के शांतिपूर्ण समाधान पर टिका है. उन्होंने कहा कि अनुकूल वातावरण बनाना भारत पर निर्भर है. कुरैशी ने कहा कि प्रधानमंत्री खान के नेतृत्व में ‘नया पाकिस्तान’ अन्य देशों के साथ संपर्क स्थापित करने और क्षेत्र में शांति बनाने के लिए आर्थिक संबंधों को बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

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Posted by : Vishwat Sen

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