पाकिस्तान की शर्मनाक हरकत, खैबर पख्तूनख्वा में अपने ही नागरिकों पर क्यों बरसाए बम? जानें
Pakistan Airstrike: पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा हमला, एयरस्ट्राइक में 23 नागरिक मारे गए जिनमें औरतें और बच्चे भी शामिल. चार घर तबाह, इलाके में तनाव चरम पर. सरकार और सेना खामोश, PTI नेता ने इसे निहत्थे लोगों पर हमला बताया.
Pakistan Airstrike: एक तरफ सरकार और सेना आतंकियों से लड़ने की बात करती है, दूसरी तरफ अपने ही लोगों पर बम बरसाती है. सोमवार को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में ऐसा ही हुआ. आसमान से बरसते बमों ने औरतों और बच्चों समेत 23 नागरिकों की जान ले ली. ये हमला पाकिस्तान सरकार की ओर से किया गया एयरस्ट्राइक बताया जा रहा है. खबर एजेंसी AFP ने सूत्रों के हवाले से ये जानकारी दी है. मगर हैरानी की बात ये है कि कई घंटे बाद भी न तो पाकिस्तान की सेना और न ही सरकार की तरफ से कोई आधिकारिक बयान आया है.
Pakistan Airstrike: ‘चार घर तबाह, पूरा इलाका हिल गया’
पेशावर में तैनात एक सुरक्षा अफसर ने AFP को बताया, “जेट विमानों ने चार घरों को निशाना बनाया, जो पूरी तरह से मलबे में तब्दील हो गए.” उन्होंने ये भी कहा कि इस इलाके में TTP यानी पाकिस्तानी तालिबान के कई ठिकाने हैं, जहां आतंकी अपने परिवारों के साथ रहते हैं. लेकिन जब उनसे पूछा गया कि हमला किसने किया, तो उन्होंने चुप्पी साध ली.
क्यों बढ़ा तनाव?
खैबर पख्तूनख्वा अफगानिस्तान से सटा हुआ इलाका है. लंबे समय से यहां आतंकियों की गतिविधियां चलती रही हैं. हाल के महीनों में इस क्षेत्र में सुरक्षाबलों पर लगातार हमले हुए हैं. यही वजह है कि माना जाता है TTP ने यहां अपना गढ़ बना लिया है और यहीं से वह पूरे नेटवर्क को संचालित करता है.
खैबर क्यों है मुश्किल इलाका?
- 1979: सोवियत आक्रमण के बाद पाकिस्तान और अमेरिका ने इस इलाके में इस्लामी लड़ाकों को फंड और हथियार दिए.
- 1988: सोवियत सेना के हटने के बाद भी ये ग्रुप्स हथियारों के ढेर के साथ यहीं रह गए.
- 2001: अमेरिका ने जब अफगानिस्तान से तालिबान को हटाया, तो बड़ी संख्या में आतंकी खैबर इलाके में आ गए.
- 2000 के अंत में: इन्हीं हालात में कठिन और पहाड़ी इलाके में TTP यानी तेहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान का गठन हुआ.
‘ये हमला आम नागरिकों पर है’
इधर, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (PTI) के नेता इक़बाल अफरीदी ने सीधे सेना पर आरोप लगाया. उन्होंने कहा, “ये हमला सुरक्षा बलों ने ही किया है. उनका ही जहाज़ आया और 23 लोगों की जान ले गया. ये हमला निहत्थे आम नागरिकों पर हुआ है.” खैबर पख्तूनख्वा, जो सालों से आतंकवाद और हिंसा का गढ़ रहा है, अब वहां पाकिस्तान की फौज ने अपने ही नागरिकों पर हमला कर दिया है. औरतें, बच्चे और आम लोग जिनका आतंक से कोई लेना-देना नहीं है उन्हीं की जिंदगियां इन बम धमाकों में खत्म हो गईं. सबसे बड़ा सवाल यही है कि आखिर जब दुश्मन बाहर हैं, तो पाकिस्तान अपने ही लोगों पर बम क्यों गिरा रहा है?
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