नेपाली राष्ट्रीय राजनीति में बालेन शाह की फुल एंट्री का प्लान, पीएम बनने के लिए ‘रैपर मेयर’ किनसे मिल रहे?

Nepal Election Kathmandu Mayor Balen Shah: नेपाल के मार्च 2026 में होने वाले आगामी चुनावों के लिए अटकलें लगाई जा रही हैं कि बालेंद्र शाह युवाओं की आवाज बनकर प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में भी सामने आ सकते हैं. गुरुवार, 25 दिसंबर को बालेन शाह दिनभर अलग-अलग राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करते नजर आए. इनमें ज्यादातर चेहरे नए राजनीतिक दलों और जेन-जेड समूहों से जुड़े थे.

By Anant Narayan Shukla | December 27, 2025 9:02 AM

Nepal Election Kathmandu Mayor Balen Shah: काठमांडू महानगर के मेयर बालेंद्र शाह ने 5 मार्च को होने वाले आम चुनाव से पहले देश में उभर रही नई और वैकल्पिक राजनीतिक ताकतों को एक मंच पर लाने की दिशा में परामर्श शुरू कर दिया है. राजनीतिक हलकों में इसे आने वाले चुनाव से पहले संभावित गठबंधन की तैयारी के तौर पर देखा जा रहा है. साथ ही, अटकलें लगाई जा रही हैं कि बालेंद्र शाह युवाओं की आवाज बनकर प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के रूप में भी सामने आ सकते हैं. नेपाल में जेन-जेड आंदोलन के बाद अब सियासत का रुख तेजी से चुनाव की ओर मुड़ गया है. मार्च 2026 में होने वाले संसदीय चुनावों को लेकर इस हिमालयी देश में राजनीतिक हलचल बढ़ती जा रही है. 

35 वर्षीय बालेंद्र शाह, जिन्हें आमतौर पर ‘बालेन’ के नाम से जाना जाता है, राजनीति में आने से पहले एक चर्चित रैपर रहे हैं. उन्होंने वर्ष 2022 में काठमांडू के मेयर का चुनाव एक निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में लड़कर बड़ी जीत हासिल की थी, जिसने नेपाल की पारंपरिक राजनीति में हलचल पैदा कर दी थी. पेशे से आर्किटेक्ट और रैपर रहे शाह को सितंबर में हुए जेन-जेड आंदोलन के बाद बनी प्रधानमंत्री सुशीला कार्की सरकार के गठन में किंगमेकर के तौर पर भी देखा गया था. 

खुद को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय राजनीति से दूर रखा

हालांकि, इस साल की शुरुआत में केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार को गिराने वाले ‘जेन जेड’ आंदोलन के दौरान बालेन शाह ने प्रत्यक्ष रूप से कोई भूमिका नहीं निभाई थी, लेकिन माना जाता है कि उन्होंने पर्दे के पीछे से अहम भूमिका निभाई. इसके बावजूद, उस समय उन्होंने खुद को औपचारिक रूप से राष्ट्रीय राजनीति से दूर ही रखा. अब संकेत मिल रहे हैं कि वह खुद केंद्र में आने की तैयारी में हैं.

मेयर बनने के बाद पार्टी का पंजीकरण कराया

मेयर बनने के बाद बालेन शाह ने ‘देश विकास पार्टी’ (डीबीपी) के नाम से एक नई राजनीतिक पार्टी का पंजीकरण कराया. उनके करीबी सूत्रों के अनुसार, अब उनका लक्ष्य स्थानीय राजनीति से आगे बढ़कर राष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय होना और एक ऐसी वैकल्पिक राजनीतिक शक्ति खड़ी करना है, जो लंबे समय से हावी बड़े और स्थापित राजनीतिक दलों को सीधी चुनौती दे सके. काठमांडू में बुनियादी ढांचे को बेहतर बनाने की उनकी पहल और पुराने दलों के ‘भ्रष्ट नेतृत्व’ पर खुलकर की गई आलोचना ने उन्हें युवा वर्ग का चहेता बना दिया है. 

बालेन शाह.

क्रिसमस पर कई नेताओं से की मुलाकात

गुरुवार, 25 दिसंबर को बालेन शाह दिनभर अलग-अलग राजनीतिक नेताओं से मुलाकात करते नजर आए. इनमें ज्यादातर चेहरे नए राजनीतिक दलों और जेन-जेड समूहों से जुड़े थे. 2006 में गृहयुद्ध खत्म होने के बावजूद युवाओं में बेरोजगारी और असंतोष लगातार बढ़ता रहा. यही नाराजगी हालिया जेन-जेड आंदोलन के रूप में सामने आई, जिसने केपी शर्मा ओली के नेतृत्व वाली सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया. 

रवि लामिछाने से अहम मुलाकात

बालेन शाह की सबसे अहम मुलाकात राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी के अध्यक्ष रवि लामिछाने से हुई. यह दोनों नेताओं की चार दिनों में दूसरी बैठक थी. जेन-जेड से जुड़े नेताओं के बीच आगामी प्रतिनिधि सभा चुनावों को लेकर सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा तेज हो गई है. पिछली संसद में राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी चौथी सबसे बड़ी ताकत बनकर उभरी थी.

लामिछाने की भूमिका और बढ़ती सक्रियता

पूर्व मीडिया हस्ती रवि लामिछाने भी युवाओं के बीच खासे लोकप्रिय हैं. राजनीति में आने से पहले सहकारी संस्थाओं से जुड़े कथित घोटालों में उन्हें जेल जाना पड़ा था, हालांकि हाल ही में अदालत से जमानत मिलने के बाद वह फिर सक्रिय हो गए हैं. इसके बाद से वह नए राजनीतिक दलों और जेन-जेड नेताओं को एकजुट करने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं.

प्रधानमंत्री पद के संभावित चेहरे की चर्चा

लामिछाने और शाह की मुलाकातें एक-एक कर हुईं. मीडिया के सामने आए लामिछाने काफी प्रसन्न नजर आए. जब उनसे बातचीत के बारे में पूछा गया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मेरे चेहरे को देखकर क्या समझते हैं?” राष्ट्रीय स्वतंत्र पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि लामिछाने ने बालेन शाह को भावी प्रधानमंत्री पद के संभावित उम्मीदवार के तौर पर आगे बढ़ाने का प्रस्ताव भी रखा है.

तीसरा चेहरा: कुलमान घिसिंग

इसी कड़ी में दोनों नेताओं ने ऊर्जा, भौतिक अवसंरचना और शहरी विकास मंत्री कुलमान घिसिंग से भी मुलाकात की. घिसिंग के समर्थकों ने हाल ही में ‘उज्यालो नेपाल पार्टी’ नाम से एक नया राजनीतिक दल पंजीकृत कराया है. नेपाल में घिसिंग को बेहद लोकप्रिय माना जाता है, खासकर नेपाल विद्युत प्राधिकरण के प्रमुख रहते हुए लंबे समय तक चली बिजली कटौती को खत्म करने में उनकी भूमिका के चलते.

तीनों नेताओं के साथ आने की अटकलें

पिछले कुछ हफ्तों में बालेन शाह, रवि लामिछाने और कुलमान घिसिंग की लगातार मुलाकातों ने इस अटकल को और मजबूत कर दिया है कि ये तीनों मिलकर आगामी चुनावों में साझा मोर्चा बना सकते हैं. अगर ऐसा होता है तो यह नेपाल की राजनीति में एक बड़ा बदलाव साबित हो सकता है.

बाबूराम भट्टरई ने भी इस ओर दिया संकेत

काठमांडू के मेयर से हाल ही में मुलाकात करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री बाबूराम भट्टरई ने भी इस ओर संकेत दिया है कि बालेन शाह अब सक्रिय राजनीति में उतरने के मूड में हैं. भट्टरई के मुताबिक, बालेन नई पीढ़ी के युवाओं के साथ-साथ उभरती सभी राजनीतिक ताकतों को एक साझा मंच पर लाने की कोशिश कर रहे हैं. पूर्व प्रधानमंत्री ने कहा, “मेयर बालेन आम चुनाव से पहले देश विकास पार्टी के जरिए राष्ट्रीय राजनीति में प्रवेश करना चाहते हैं. उनके हालिया कदम साफ तौर पर इस दिशा में हैं कि नई राजनीतिक शक्तियों को एकजुट कर एक ऐसा संयुक्त मोर्चा बनाया जाए, जो नेपाल की पारंपरिक बड़ी पार्टियों को चुनौती दे सके.”

आम लोगों की अपेक्षाएं पूरी नहीं हुईं

काठमांडू महानगरपालिका के मेयर बालेन शाह एक बार फिर चर्चा के केंद्र में आए हैं. राजनीतिक गलियारों इन मुलाकातों के बाद स्पष्ट है कि अब तक किंगमेकर की भूमिका निभाने वाले बालेन शाह खुद बड़ी राजनीतिक भूमिका के लिए तैयारी कर रहे हैं. राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बालेन शाह द्वारा उभरती राजनीतिक ताकतों को एकजुट करने की कोशिश से नेपाल की राजनीति में शक्ति संतुलन बदल सकता है. बीते दो दशकों में नेपाल कांग्रेस, सीपीएन-यूएमएल और वाम दलों के गठबंधन ने बारी-बारी से सत्ता संभाली है, लेकिन आम लोगों की अपेक्षाएं पूरी नहीं हो सकीं.

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