फ्रांस में कुत्ते ने खोला 17000 साल पुरानी गुफा का रहस्य, चार दोस्तों ने गड्ढा खोदकर किया राज उजागर

Lascaux Cave Discovery: फ्रांस की लास्को गुफा की हैरान करने वाली कहानी, जहां 1940 में एक कुत्ते ने 17 हजार साल पुरानी चित्रकला का राज खोल दिया. जानिए कैसे चार किशोरों की खोज ने इंसान की सबसे पुरानी कला, शिकार से जुड़े विश्वास और रहस्यमयी गुफा चित्रों की दुनिया से परिचय कराया.

By Govind Jee | December 24, 2025 8:12 PM

Lascaux Cave Discovery: दक्षिणी फ्रांस के डॉर्डोन इलाके में स्थित मोंटिन्याक गांव के पास जंगल में 18 साल का छात्र मार्सेल राविडा घूम रहा था. उसके साथ उसका कुत्ता रोबोट था. अचानक रोबोट एक उखड़े हुए पेड़ के पास बने छोटे से गड्ढे में दिलचस्पी लेने लगा. कुछ कहानियों के अनुसार, कुत्ता एक खरगोश का पीछा कर रहा था, लेकिन उसी दौरान वह गड्ढे तक पहुंच गया, जो आगे चलकर 20वीं सदी की सबसे बड़ी पुरातात्विक (Archaeological) खोज बना.

Lascaux Cave Discovery in Hindi: दबी सुरंग और खजाने की पुरानी कहानी

मार्सेल को पहले से गांव की एक कहानी पता थी. कहा जाता था कि पहाड़ी के नीचे कहीं एक गुप्त सुरंग है, जो लास्को मैनर नाम की हवेली तक जाती है. कुछ लोग यह भी मानते थे कि वह सुरंग किसी खजाने से भरी गुफा तक जाती है. इसी उम्मीद में मार्सेल ने उस दिन अकेले गड्ढे में झांकने की कोशिश की, लेकिन औजार न होने की वजह से वह लौट आया.

कुछ दिन बाद मार्सेल अपने तीन दोस्तों जैक्स मार्सल, जॉर्जेस एग्नेल और साइमन कोएनकास के साथ वापस लौटा. चारों ने मिलकर गड्ढे को बड़ा किया और जब अंदर जाने लायक रास्ता बना तो सबसे पहले मार्सेल घुसा. उसके पीछे बाकी दोस्त भी अंदर चले गए. अंदर उन्हें कोई सुरंग नहीं, बल्कि एक ऐसी गुफा मिली जो हजारों साल से बंद थी.

टॉर्च की रोशनी में दिखा प्राचीन संसार

फ्रांस के नेशनल आर्कियोलॉजिकल म्यूजियम के अनुसार, चारों ने जल्दी से बनाई गई एक लैंप की रोशनी में करीब 30 मीटर लंबी गैलरी में चलना शुरू किया. जैसे-जैसे रास्ता संकरा होता गया, दीवारों पर बने चित्र दिखने लगे. यह हिस्सा आज एक्सियल गैलरी के नाम से जाना जाता है. पूरी गुफा की दीवारें जानवरों के चित्रों से भरी थीं. घूमते-घूमते वे एक काले गड्ढे तक पहुंचे, जो गुफा के और गहरे हिस्सों में जाता था.

Lascaux Cave Discovery French Dog in Hindi: 17 हजार साल पुरानी बाइसन की तस्वीर

अगले दिन चारों दोस्त रस्सी लेकर लौटे. उन्होंने मार्सेल को करीब 8 मीटर (26 फीट) नीचे उतारा. यहीं उन्हें लास्को गुफा की सबसे मशहूर तस्वीर मिली एक विशाल बाइसन की पेंटिंग. विशेषज्ञों के अनुसार, ये चित्र आग की रोशनी या जानवरों की चर्बी से जलने वाले दीपकों की मदद से बनाए गए थे. इनकी उम्र करीब 17 हजार से 22 हजार साल मानी जाती है.

गुफा में बने चित्र और उनके रंग

लास्को गुफा में करीब 600 से ज्यादा चित्र हैं. इनमें हिरण, घोड़े (जो सबसे ज्यादा हैं), बाइसन और जंगली बिल्लियां शामिल हैं. इन चित्रों के लिए लाल मिट्टी और ओकर, पीले रंग के लिए लोहे से बने तत्व, और काले रंग के लिए कोयला और मैंगनीज का इस्तेमाल किया गया. विशेषज्ञों का मानना है कि गुफा में लोग रहते नहीं थे, बल्कि सिर्फ चित्र बनाने के लिए आते थे.

ये चित्र क्यों बनाए गए? आज भी सवाल

इन चित्रों का मकसद आज भी पूरी तरह साफ नहीं है. इन्हें शुरुआती मैग्डालेनियन संस्कृति से जोड़ा जाता है. मेट म्यूज़ियम के अनुसार, कई चित्र एक-दूसरे के ऊपर बनाए गए हैं, जिससे लगता है कि सुंदरता से ज्यादा महत्व चित्र बनाने की प्रक्रिया का था. कई चित्र गुफा के ऐसे हिस्सों में हैं, जहां पहुंचना आसान नहीं है. इससे माना जाता है कि ये जगहें धार्मिक या विशेष अनुष्ठानों के लिए इस्तेमाल होती होंगी.

शिकार और जादू का कनेक्शन?

यूनिवर्सिटी ऑफ एडिनबर्ग की प्रोफेसर फ्रांसेस फाउल के मुताबिक, ये चित्र सिर्फ देखने के लिए नहीं थे. उनका मानना है कि जानवरों की तस्वीर बनाकर लोग यह सोचते होंगे कि उन्हें उस जानवर पर खास शक्ति मिल जाएगी, जिससे शिकार में सफलता मिलेगी. यानी चित्र बनाना एक तरह का विश्वास और रस्म हो सकता है. लास्को गुफा को 1948 में आम लोगों के लिए खोला गया, लेकिन ज्यादा लोगों के आने से 1963 में दीवारों पर फंगस उगने लगा. इसके बाद गुफा को बंद कर दिया गया. अब असली गुफा सुरक्षित है और उसके बिल्कुल जैसे दिखने वाले कई नकली रूप बनाए गए हैं. इनमें से एक आज भी असली गुफा के पास लोगों के लिए खुला है.

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