जॉनसन कंपनी के प्रोडक्ट से हुआ कैंसर, कोर्ट ने दिया 362 करोड़ मुआवजा का आदेश

Johnson And Johnson Case: अमेरिकी अदालत ने जॉनसन एंड जॉनसन कंपनी को 40 मिलियन डॉलर (भारतीय रुपयों में 362 करोड़) का मुआवजा देने का आदेश दिया है. कोर्ट ने इस फैसले को उन महिलाओं के पक्ष में दिया है जिन्होंने दावा किया था कि इस कंपनी का टैल्क इस्तेमाल करने से उन्हें ओवेरियन कैंसर हुआ.

By Sakshi Badal | December 14, 2025 4:42 PM

Johnson And Johnson Case: अमेरिकी अदालत ने मोनिका केंट और डेबोरा शुल्ज को 40 मिलियन डॉलर (362 करोड़)  मुआवजा देने का आदेश दिया है, उन्होंने दावा किया था कि जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर के कारण उन्हें ओवेरियन कैंसर हुआ. वहीं कोर्ट के इस फैसले के बाद कंपनी इसके खिलाफ अपील करने की योजना बना रही है. दरअसल कैलिफोर्निया की एक जूरी ने दो महिलाओं को 40 मिलियन डॉलर का मुआवजा दिया है, जिन्होंने दावा किया था कि जॉनसन एंड जॉनसन के बेबी पाउडर के कारण उन्हें ओवेरियन कैंसर हुआ था. 

रॉयटर्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉस एंजिल्स सुपीरियर कोर्ट में जूरी ने मोनिका केंट को 18 मिलियन डॉलर (163 करोड़) और डेबोरा शुल्ज और उनके पति को 22 मिलियन डॉलर (199 करोड़) का मुआवजा देने का आदेश दिया है.

40 सालों से कर रही थी इस्तेमाल

जॉनसन एंड जॉनसन को सालों से पता था कि उसके टैल्क आधारित उत्पाद खतरनाक हैं लेकिन वो फिर भी उपभोक्ताओं को चेतावनी देने में विफल रहा. अदालत के रिकॉर्ड्स के अनुसार, केंट को 2014 और शुल्ज को 2018 में ओवेरियन कैंसर हुआ था. यह दोनों ही महिलाएं कैलिफोर्निया की रहने वाली हैं. इन दोनों ने कोर्ट को बताया कि वो पिछले 40 सालों से नहाने के बाद जॉनसन एंड जॉनसन का बेबी पाउडर इस्तेमाल करती थीं. अदालती मुकदमे के दौरान दोनों ने बताया कि उनके इलाज में सर्जरी और दर्जनों बार कीमोथेरेपी शामिल था. 

रिपोर्ट्स के मुताबिक इन पीड़ित महिलाओं के वकील एंडी बीर्चफील्ड ने जूरी को बताया कि जॉनसन एंड जॉनसन को साल 1960 ही पता था कि उसका उत्पाद कैंसर का कारण बन सकता है. महिलाओं ने कंपनी के बारे में कहा कि बिल्कुल वे जानते थे, वे जानते थे और इसे छिपाने के लिए खतरे के बारे में सच्चाई को दबाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे थे. 

कंपनी इस फैसले के खिलाफ करेगी अपील (Johnson And Johnson case)

इसके बाद जॉनसन एंड जॉनसन के मुकदमेबाजी के वैश्विक उपाध्यक्ष एरिक हास ने अपने बयान में कहा कि कंपनी इस फैसले के खिलाफ तुरंत अपील करने की योजना बना रही है और हमें उम्मीद है कि हम इसमें जीत हासिल करेंगे, जैसा कि हम आमतौर पर असमान्य प्रतिकूल फैसलों के मामले में करते हैं. 

कंपनी का दावा- उनके पास कोई पुख्ता सबूत नहीं है

वहीं जॉनसन एंड जॉनसन की वकील एलिसन ब्राउन के हवाले से कहा कि केंट और शुल्ज को यह बताने वाले कि उनके कैंसर का कारण टैल्क था ये बस उनके वकील थे, क्योंकि अब तक ऐसा कोई अध्ययन नहीं है जिससे पता चले कि किसी टैल्कम पाउडर के शरीर के अंदरूनी अंगों को कोई नुकसान पहुंच सकता है. ब्राउन ने जूरी से कहा कि उनके पास इस मामले में सबूत नहीं है और उन्हें उम्मीद है कि आपको इससे कोई आपत्ति नहीं होगी. 

अदालत में जमा दस्तावेजों के अनुसार, कंपनी को 67,000 से अधिक वादियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्होंने कहा है कि कंपनी के बेबी पाउडर और अन्य टैल्क उत्पादों का उपयोग करने के बाद कैंसर का पता चला था. 

वहीं कंपनी का दावा है कि उसके उत्पाद सुरक्षित हैं, उनमें एस्बेस्टस नहीं है और इससे कैंसर नहीं होता है.  कंपनी ने साल 2020 में अमेरिका में टैल्क आधारित बेबी पाउडर की बिक्री बंद कर दी थी और कॉर्नस्टार्च आधारित उत्पाद बेचना शुरू कर दिया.

इससे पहले भी दर्ज हुआ मुकदमा

यह पहली बार नहीं है कि इस बेबी प्रोड्कट कंपनी पर मुकदमा दर्ज किया गया हो, इससे पहले भी कई लोगों ने इनके प्रोडक्ट्स से कैंसर होने की बात कही हैं. इसी साल अक्टूबर के महीने में लॉस एंजिल्स के कोर्ट ने एक महिला के परिवार को करीब 8749 करोड़ रुपए का मुआवजा देने का आदेश दिया था जिसकी कैंसर से मौत हो गई थी. साल 2021 में इस महिला की मेसोथेलियोमा से मौत हो गई थी, जिसके बाद परिवार ने दावा किया था कि इस कंपनी के टैल्क बेस्ड बेबी पाउडर में एस्बेस्टस फाइबर मौजूद होते हैं जिससे कैंसर का खतरा होता है.

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