सर्टिफिकेट या भाषण की जरूरत नहीं, फिलीस्तीन राष्ट्र नहीं बनेगा, नेतन्याहू ने ली शपथ, UN वोटिंग से पहले लगा दिया अड़ंगा

Israel PM Benjamin Netanyahu vowed: संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद अमेरिका के उस प्रस्ताव पर मतदान करेगी, जिसमें गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल की तैनाती का प्रावधान है. रूस, चीन और कुछ अरब देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध जताया है. इस मतदान से पहले बेंजामिन नेतन्याहू ने फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना के किसी भी प्रयास का विरोध करने का संकल्प लिया.

By Anant Narayan Shukla | November 17, 2025 12:17 PM

Israel PM Benjamin Netanyahu on Palestine State: इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने रविवार, 16 नवंबर 2025 को फलस्तीनी राष्ट्र की स्थापना के किसी भी प्रयास का विरोध करने का संकल्प लिया. नेतन्याहू ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है, जब यूएन सिक्योरिटी काउंसिल गाजा पर अमेरिकी प्रस्ताव पर मतदान करने वाली है. इसमें फिलिस्तीन को स्वतंत्रता की दिशा में आगे बढ़ने की संभावना का उल्लेख शामिल है. नेतन्याहू लंबे समय से यह कहते आए हैं कि फिलीस्तीन बनने से हमास को फायदा होगा. उनका कहना है कि फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना हमास को इनाम देने जैसा होगा, इससे भविष्य में इजरायल की सीमा पर हमास के नियंत्रण वाला और बड़ा राज्य उभर सकता है. लेकिन जैसे-जैसे अमेरिका गाजा युद्धविराम प्रस्ताव को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है, नेतन्याहू पर अंतरराष्ट्रीय समुदाय का दबाव बढ़ता जा रहा है कि वह कुछ लचीलापन दिखाएं.

संयुक्त राष्ट्र की सुरक्षा परिषद अमेरिका के उस प्रस्ताव पर मतदान करेगी, जिसमें गाजा में एक अंतरराष्ट्रीय स्थिरीकरण बल (International Stabilization Force) की तैनाती का प्रावधान है. रूस, चीन और कुछ अरब देशों ने इस प्रस्ताव का विरोध जताया है. हमास और अन्य फिलिस्तीनी गुटों ने रविवार को अमेरिकी प्रस्ताव का विरोध करते हुए कहा कि यह गाजा पर एक अंतरराष्ट्रीय जनादेश थोपने की कोशिश है, जो इजरायल के पक्ष में पक्षपाती है और फिलिस्तीनियों को अपने मामलों को खुद संचालित करने के अधिकार से वंचित करता है. बयान में यह भी कहा गया कि इस बल में इजरायल की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए और इसे सीधे संयुक्त राष्ट्र की निगरानी में होना चाहिए.

गाजा को निरस्त्र करके रहेंगे- नेतन्याहू

फिलिस्तीनी समूहों ने प्रस्ताव में गाजा को निरस्त्र करने से जुड़े किसी भी उल्लेख को भी खारिज किया. नेतन्याहू ने रविवार को अपनी कैबिनेट को बताया कि अमेरिकी प्रस्ताव में गाजा को डिमिलिटराइज करने और हमास को हथियार रहित करने की बात कही गई है. उन्होंने कहा, “यह या तो आसान तरीके से होगा, या फिर कठिन तरीके से होगा.” नेतन्याहू की कठोर नीति वाली गठबंधन सरकार के साझेदार उनसे फिलिस्तीनी राज्य की मांगों पर सख्त रुख अपनाने को कह रहे हैं. नेतन्याहू ने कहा कि फिलिस्तीनी राज्य के प्रति इजरायल का विरोध जरा भी नहीं बदला है और बाहरी या आंतरिक दबावों का इस पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. उन्होंने कहा, “मुझे किसी से प्रमाणपत्र, ट्वीट या भाषण की आवश्यकता नहीं है.”

अमेरिका और रूस के प्रस्ताव में है अंतर

अमेरिका ने अपने प्रस्ताव में संशोधन करते हुए फिलिस्तीनी आत्मनिर्णय को लेकर भाषा को और मजबूत किया है. अब दस्तावेज में कहा गया है कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की योजना फिलिस्तीनी राज्य के लिए एक विश्वसनीय मार्ग तैयार कर सकती है. वहीं, रूस द्वारा प्रस्तुत प्रतिद्वंद्वी प्रस्ताव में फिलिस्तीनी राज्य का और भी अधिक दृढ़ समर्थन है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, इजरायल के साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को लंबे समय से इस संघर्ष के स्थायी समाधान का एकमात्र व्यावहारिक तरीका माना जाता है.

गाजा युद्ध के दौरान फिलीस्तीनी राज्य को मान्यता का दबाव बढ़ा

हमास ने 7 अक्टूबर 2023 को फिलीस्तीन पर हमला करके निर्दोष लोगों को मारा और बंदी बना लिया. इसके जवाब में इजरायल ने हमास के खत्म करने के उद्देश्य से युद्ध छेड़ दिया और लगभग दो सालों तक गााजा में भयंकर हमले हुए. इस दौरान हुई हिंसा की वजह से इजरायल के ऊपर वैश्विक दबाव बढ़ता गया. गाजा युद्ध के दौरान यह दबाव और तेज हुआ. सितम्बर में, जब ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा ने आधिकारिक रूप से फिलिस्तीनी राज्य को मान्यता दी, तो नेतन्याहू ने इन देशों की कठोर आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने हमास को इनाम दिया है.

वेस्ट बैंक में हुए संघर्ष ने इजरायल की स्थिति और बिगाड़ी

पिछले दिनों इजरायली सेटलर्स ने वेस्ट बैंक में फिलीस्तीनी वेयरहाउस पर हमला कर आग लगा दी. उन्होंने कुछ खेतों में भी आग लगाई, यह ऐसा समय है, जब फिलीस्तीनी जैतून की खेती करने के लिए इस इलाके में लौटते हैं. इजरायली प्रधानमंत्री ने पहली बार वेस्ट बैंक में यहूदी सेटलर्स द्वारा किए जा रहे हमलों में बढ़ोतरी पर भी टिप्पणी की. उन्होंने कहा कि यह हिंसा केवल एक छोटी अल्पसंख्या द्वारा की जा रही है. जबकि फिलिस्तीनियों और मानवाधिकार संगठनों का कहना है कि ये हमले व्यापक हैं और सरकार जानबूझकर इन्हें रोकने में विफल रही है. फिलिस्तीनी स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को कहा कि वेस्ट बैंक में 19 वर्षीय फिलिस्तीनी युवक की इजरायली गोलीबारी में मौत हो गई, जो पिछले दो सप्ताह में वहां मारे गए सातवें फिलिस्तीनी हैं. इस अवधि में बस्तियों के हमलों में भी तेज वृद्धि हुई है.

वहीं अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पिछले सप्ताह कहा था कि वेस्ट बैंक की स्थिति से यह आशंका पैदा हो गई है कि यह “गाजा में हमारी कोशिशों को कमजोर कर सकती है.” संयुक्त राष्ट्र के अनुसार वेस्ट बैंक में इजरायली सेटलर्स द्वारा फिलिस्तीनियों और उनकी संपत्ति पर 260 से अधिक हमलों को दर्ज किया, जो 2006 के बाद किसी भी महीने में सबसे अधिक है.

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