ढाका में भारतीय दूतावास पर हमला करने पहुंची कट्टरपंथी भीड़, MEA ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को किया तलब, सीमा तक बढ़ा अलर्ट
Indian Embassy Attack Bangladesh: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में भारतीय उच्चायोग पर कट्टरपंथी भीड़ के हमले की कोशिश से तनाव बढ़ गया है. एक्स पर वायरल वीडियो के बाद भारत ने कड़ा रुख अपनाया और बांग्लादेश के उच्चायुक्त को तलब किया. सुरक्षा बढ़ाई गई, वीज़ा सेवाएं रोकी गईं और भारत-बांग्लादेश रिश्तों पर सवाल खड़े हो गए.
Indian Embassy Attack Bangladesh: बांग्लादेश की राजधानी ढाका में हालात तेजी से बिगड़ते नजर आ रहे हैं. भारत के खिलाफ गुस्सा, सड़कों पर नारे और अब सीधे भारतीय उच्चायोग को घेरने की कोशिश. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो और बयानों से साफ है कि कट्टरपंथी इस्लामी संगठन भारत को निशाने पर ले रहे हैं. सवाल बड़ा है कि क्या बांग्लादेश में भारतीय दूतावास अब सुरक्षित है?
भारतीय उच्चायोग पर हमले की कोशिश, X पर वायरल हुए वीडियो
एक्स पर वायरल वीडियो में देखा गया कि कट्टरपंथी भीड़ ने ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग की ओर मार्च किया. प्रदर्शनकारियों ने दूतावास के बाहर लगाए गए बैरिकेड्स को तोड़ने की कोशिश की और अंदर घुसने का प्रयास भी किया. यह पूरी घटना बांग्लादेश में जुलाई महीने की हिंसा से जुड़े संगठनों से जुड़ी बताई जा रही है.
“We stopped here this time; next time, We will enter the Indian Embassy. @ihcdhaka
— Battalion71 🇧🇩 (@ImbusyWarrior) December 17, 2025
Indian domination will not continue on Bengali soil,” said militant leader Rashid Pradhan.@ndtv @ANI @CNNnews18 @RT_India_news @republic @RealBababanaras @AsiaWarZone @ThePrintIndia… pic.twitter.com/GiV5HMM6Zk
पत्रकार आदित्य राज कौल ने एक्स पर वीडियो साझा करते हुए बताया कि जुलाई में हुई हिंसा में शामिल कट्टरपंथी इस्लामी संगठन इस समय भारतीय उच्चायोग की ओर लॉन्ग मार्च कर रहे हैं. उनके अनुसार, पिछले कई दिनों से भारत और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ धमकियां दी जा रही थीं, जिसके बाद यह मार्च निकाला गया. (Indian Embassy Attack Bangladesh Radical Mob Dhaka in Hindi)
#BREAKING: Bangladeshi security forces stop Long March protest by Islamist radicals little distance away from Indian High Commission in Dhaka, Bangladesh. pic.twitter.com/cjZUUUblZX
— Aditya Raj Kaul (@AdityaRajKaul) December 17, 2025
भारतीय उच्चायोग की सुरक्षा बढ़ी, बांग्लादेशी बल तैनात
स्थिति को देखते हुए बांग्लादेशी सुरक्षा बलों ने भारतीय उच्चायोग के आसपास सुरक्षा बढ़ा दी. प्रदर्शनकारियों को दूतावास से कुछ दूरी पर ही रोक दिया गया. हालांकि, भारत की ओर से यह साफ किया गया कि भारतीय मिशन और राजनयिकों की सुरक्षा की पूरी जिम्मेदारी बांग्लादेश की अंतरिम सरकार, यानी मोहम्मद यूनुस प्रशासन, की है.
Indian Embassy Attack Bangladesh in Hindi: किस बात को लेकर भड़का विरोध
कट्टरपंथी संगठन जुलाई ओइक्यो मंच ने बुधवार, 17 दिसंबर 2025 को ढाका के रामपुरा ब्रिज से भारतीय उच्चायोग तक मार्च का ऐलान किया था. संगठन का आरोप था कि भारत बांग्लादेश की राजनीति में दखल दे रहा है. प्रदर्शनकारियों ने शेख हसीना, अवामी लीग और भारत समर्थित ताकतों के खिलाफ नारे लगाए.
‘सेवन सिस्टर्स’ को लेकर भड़काऊ बयान
इससे पहले बांग्लादेश की नेशनल सिटिजन पार्टी (NCP) के नेता हसनत अब्दुल्ला ने एक रैली में भारत के खिलाफ बेहद भड़काऊ बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत के उत्तर-पूर्वी राज्यों, जिन्हें सेवन सिस्टर्स कहा जाता है, को भारत से अलग किया जाएगा. भारत ने इन बयानों को गंभीर और उकसाने वाला बताया है. छात्र नेता महफुज आलम, जो हाल ही तक बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का हिस्सा थे, ने कहा कि अगर भारत से आतंकवाद आएगा, तो हमारे दुश्मन सुरक्षित नहीं रहेंगे. इन बयानों ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया. 12 दिसंबर 2025 को दक्षिणपंथी छात्र नेता शरीफ उस्मान हादी पर जानलेवा हमला हुआ था. इस हमले के बाद वह लाइफ सपोर्ट पर हैं. बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय ने इस हमले के लिए शेख हसीना और अवामी लीग पर आरोप लगाए, जिस पर भारत ने कड़ा विरोध दर्ज कराया.
MEA ने बांग्लादेश के उच्चायुक्त को किया तलब
मार्च की घोषणा के कुछ ही घंटों बाद भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने नई दिल्ली में बांग्लादेश के उच्चायुक्त मोहम्मद रियाज हमीदुल्लाह को तलब किया. MEA ने साफ कहा कि भारतीय मिशन और वीजा केंद्रों की सुरक्षा बांग्लादेश की जिम्मेदारी है. MEA के अनुसार, कट्टरपंथी तत्वों द्वारा भारत के खिलाफ जो कहानी फैलाई जा रही है, वह पूरी तरह गलत है.
साथ ही यह भी कहा गया कि बांग्लादेश सरकार ने अब तक किसी भी घटना की ठोस जांच रिपोर्ट या सबूत भारत के साथ साझा नहीं किए हैं. हालात को देखते हुए ढाका में भारतीय वीजा प्रोसेसिंग सेंटर ने 17 दिसंबर को दोपहर 2 बजे से सभी सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दीं. MEA ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत किसी भी देश की जिम्मेदारी होती है कि वह विदेशी दूतावासों की सुरक्षा सुनिश्चित करे.
भारत का साफ संदेश- दोस्ती चाहते हैं, लेकिन सुरक्षा जरूरी
MEA के मुताबिक, भारत और बांग्लादेश के रिश्ते 1971 के मुक्ति संग्राम से जुड़े हैं. भारत बांग्लादेश में शांति, स्थिरता और निष्पक्ष चुनावों का समर्थन करता है, लेकिन भारतीय दूतावास और राजनयिकों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा. शेख हसीना के सत्ता से हटने के बाद बांग्लादेश में हालात बदलते दिख रहे हैं. कट्टरपंथी ताकतें मजबूत हो रही हैं, भारत विरोध बढ़ रहा है और पाकिस्तान के प्रति नरमी के संकेत भी सामने आ रहे हैं. 1971 के मुक्ति संग्राम की विरासत को कमजोर करने की कोशिशों की भी चर्चा हो रही है. हालात को देखते हुए भारत ने असम के कछार जिले में भारत-बांग्लादेश सीमा पर निषेधाज्ञा लागू कर दी है. प्रशासन को आशंका है कि कट्टरपंथी तत्व सीमा पार कर शांति भंग कर सकते हैं.
