High Monsoon Alert: कुदरत का कहर! पंजाब में Sutlej नदी उफान पर, 19,000 से अधिक लोग सुरक्षित निकाले गए

High Monsoon Alert: पाकिस्तान के पंजाब में भारी मानसून के खतरे के बीच 19,000 से अधिक लोग सुरक्षित स्थानों पर भेजे गए. सतलज नदी के किनारे बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव अभियान तेज. जानें Gilgit-Baltistan और अन्य प्रभावित क्षेत्रों की ताजा स्थिति.

By Govind Jee | August 24, 2025 8:22 PM

High Monsoon Alert: पाकिस्तान का पंजाब प्रांत मानसून के दौरान बाढ़ की उच्च जोखिम वाली श्रेणी में आता है. सतलज और अन्य नदियों के किनारे बसे गांवों और कस्बों में हर वर्ष मानसून के समय पानी का स्तर खतरनाक रूप से बढ़ जाता है. इस बार भी मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि अगले 96 घंटे बेहद महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि नया मानसून सक्रिय होने वाला है. यह स्थिति प्रांतवासियों और प्रशासन के लिए चुनौतीपूर्ण बन गई है.

High Monsoon Alert in Hindi: बचाव और निकासी अभियान

Sutlej नदी के किनारे स्थित कई बाढ़ प्रभावित इलाकों से लगभग 19,000 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया. बचाव 1122 के प्रवक्ता फारूक अहमद ने बताया कि प्रांत के विभिन्न हिस्सों में राहत और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. अधिकारियों का मुख्य ध्यान Sutlej के पास बसे गांवों में फंसे लोगों की सुरक्षित निकासी पर केंद्रित है.

भारी बारिश और Gilgit-Baltistan की चिंता

मानसून का नया दौर केवल पंजाब तक सीमित नहीं है. Gilgit-Baltistan क्षेत्र, जो पहले से लगातार बाढ़ और ग्लेशियल झील के फटने की मार झेल रहा है, वहां भी भारी बारिश और फ्लैश फ्लड की संभावना बनी हुई है. Human Rights Commission of Pakistan के GB समन्वयक इसरारुद्दीन इसरार ने बताया कि Talidas गांव में ग्लेशियल झील फटने से 330 परिवार यानी लगभग 3,000 लोग आंतरिक विस्थापित हो गए हैं. यह 2010 के अट्टाबाद हादसे के बाद सबसे बड़ा विस्थापन का मामला है.

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Pakistan Punjab Floods in Hindi: पीने के पानी और बुनियादी सुविधाओं की कमी

बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जीवित बचे लोगों को पीने का पानी और सिंचाई के लिए पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है. प्रशासन और राहत एजेंसियां आपातकालीन मदद पहुंचाने की कोशिश कर रही हैं, लेकिन बारिश और नदी के बढ़ते पानी की वजह से बचाव कार्य कठिन हो गया है.

भविष्य की आशंका और मानवता पर प्रभाव

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान में मानसून का दौर सितंबर की शुरुआत तक जारी रहने वाला है. इसके चलते बाढ़, भूस्खलन और फसल नुकसान का जोखिम लगातार बढ़ रहा है. इतिहास गवाह है कि पाकिस्तान में जून से सितंबर तक का मानसून भारी बाढ़ और भूस्खलन का कारण बनता है, जिससे जनधन की हानि, ढांचागत नुकसान और बड़े पैमाने पर विस्थापन होता है. 2022 में आई भयंकर बाढ़ में 1,700 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, करोड़ों लोग प्रभावित हुए थे और आर्थिक नुकसान लगभग 40 अरब डॉलर आंका गया था.

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