ट्रंप की रूस-हितैषी शांति योजना से यूक्रेन को बचा पाएगा यूरोप? बर्लिन में अहम बैठक, डोनबास पर सियासी जंग तेज
Europe Ukraine Trump Peace Plan: यूक्रेनी और यूरोपीय नेताओं के बीच अहम बैठकें ट्रंप के रूस-समर्थक शांति प्लान को चुनौती दे रही हैं. जेलेंस्की नाटो सदस्यता छोड़ने को तैयार हैं, लेकिन डोनबास को लेकर विवाद जारी है. दुनिया यूरोप के कामों और सुरक्षा गारंटी पर नजर रख रही है, जिसका असर रूसी खतरे और किसी भी भविष्य के शांति समझौते पर पड़ेगा.
Europe Ukraine Trump Peace Plan: इस हफ्ते यूरोपीय नेताओं के लिए सबसे अहम माना जा रहा है. दरअसल, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के पक्ष में एक शांति योजना पेश की है और अब यूरोप की जिम्मेदारी है कि उसे ऐसा मोड़ दें जिसे सम्मानजनक समझौता कहा जा सके. यूक्रेन के राष्ट्रपति वलोदिमिर जेलेंस्की सोमवार को बर्लिन में ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और जर्मन चांसलर फ्रिडरिक मेर्ज के साथ बैठक करेंगे. संभावना है कि फ्रांसीसी राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन भी इसमें शामिल हो सकते हैं. इस बैठक में अमेरिकी विशेष दूत स्टीव विटकोफ और ट्रंप के दामाद जारेड कुश्नर भी मौजूद रहेंगे. यह बैठकें रविवार को जेलेंस्की और ट्रंप के दूतों के बीच हुई चर्चा की अगली कड़ी होंगी.
Europe Ukraine Trump Peace Plan in Hindi: यूरोपीय नेताओं के लिए असली चुनौती
सोमवार की बैठक के बाद कम से कम दो और दौर की चर्चाएं होने वाली हैं. ये बैठकें यूरोपीय नेताओं की क्षमता का बड़ा परीक्षण होंगी कि वे यूक्रेन का समर्थन करने के अपने शब्दों को वाकई में कार्रवाई में बदल पाएंगे या नहीं. मुख्य एजेंडा में शामिल हैं: रूस की जमी हुई संपत्ति से यूक्रेन के लिए 210 अरब यूरो का ऋण निकालने की प्रक्रिया तय करना और किसी भी शांति समझौते के कार्यान्वयन के लिए सुरक्षा गारंटी तय करना.
हालिया रिपोर्ट्स के अनुसार, यूक्रेन नाटो में शामिल होने की मांग छोड़ने को तैयार है, लेकिन डोनबास क्षेत्र का मुद्दा अभी भी विवादित है. यह वही क्षेत्र है जिसे ट्रंप रूस को सौंपने की मांग कर रहे हैं, जो पुतिन की लंबे समय से चली आ रही अधिकतमवादी मांगों के अनुरूप है.
यूरोपीय नेताओं की बैठकें और ईयू की भूमिका
ब्रिटिश और जर्मन नेता जेलेंस्की के साथ बैठक में शामिल होंगे, वहीं यूरोपीय संघ (ईयू) के विदेश मंत्री और राजनयिक ब्रसेल्स में बैठक करेंगे. ट्रंप ने कहा कि उनका लक्ष्य उन सदस्य देशों को मनाना है, जो इस ऋण कार्यक्रम का विरोध कर रहे हैं. इसके बाद ईयू के 27 नेता ब्रसेल्स में मिलेंगे और तय करेंगे कि यूरोप वाकई में कुछ कर सकता है या सिर्फ ‘बोलने भर का’ है. नाटो प्रमुख मार्क रुटे ने बैठक से पहले ही माहौल साफ कर दिया. उन्होंने पुतिन के खतरे की तुलना एडोल्फ हिटलर से की और कहा कि हम रूस का अगला लक्ष्य हैं, और हम पहले से ही खतरे में हैं. रूस ने यूरोप में युद्ध वापस ला दिया है और हमें उसी पैमाने की तैयारी करनी होगी जैसा हमारे दादा-दादी ने किया था. (Europe Ukraine Trump Peace Plan Berlin Meeting in Hindi)
जेलेंस्की ने कहा कि वे समझौता करने को तैयार हैं
अब तक ट्रंप और यूरोप की नीतियों में काफी अंतर रहा है. ट्रंप का कहना है कि यूक्रेन को शांति के लिए पहले रूस को अपने अनुसार क्षेत्रीय समझौते देने होंगे. वहीं यूरोप का कहना है कि सुरक्षा गारंटी तय किए बिना किसी भी क्षेत्रीय समझौते पर सहमति नहीं हो सकती. लेकिन कुछ प्रगति की उम्मीद भी है. जेलेंस्की ने रविवार को कहा कि वे समझौता करने को तैयार हैं और नाटो में शामिल होने की मांग छोड़ सकते हैं, अगर उन्हें अलग तरह की सामूहिक सुरक्षा गारंटी दी जाए. जेलेंस्की ने कहा कि यूक्रेन और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय सुरक्षा गारंटियां, यूरोपीय सहयोगियों से हमारी सुरक्षा गारंटियां, और कनाडा व जापान जैसे देशों से मिली सुरक्षा गारंटियां ये हमें रूसी आक्रमण को रोकने का अवसर देती हैं.
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