अमेरिका को भारतीयों से बहुत फायदा हुआ; बोले एलन मस्क, एच-1बी और इमिग्रेशन पर कहीं ये बातें
Elon Musk- US benefited from Indian talent immensely: अमेरिका को भारतीय टैलेंट ने ही सुपरपावर बनाया है, उनके आने से यूएस को बहुत फायदा हुआ है. एलन मस्क ने यह बातें हाल ही में भारतीय एंट्रेप्रेन्योर निखिल कामत के पॉडकास्ट पर की. उन्होंने इस दौरान एच-1बी वीजा और इमिग्रेशन मुद्दे पर बात की.
Elon Musk- US benefited from Indian talent immensely: अमेरिका में इन दिनों प्रवासियों को लेकर काफी चर्चाएं हैं. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने चुनावी अभियान में इस पर कड़े नियम बनाने का वादा करके सत्ता में आए और उन्होंने इसी पर काम भी किया. इसमें भारतवंशियों पर भी काफी तोहमतें मढ़ी गईं. हालांकि भारतीयों ने अमेरिका को बनाने में बहुत महत्वपूर्ण योगदान दिया है. टेस्ला के सीईओ और अमेरिकी अरबपति एलन मस्क ने कहा है कि संयुक्त राज्य अमेरिका को उन प्रतिभाशाली भारतीयों से बेहद लाभ मिला है, जो वहाँ जाकर बसे हैं. मस्क ने यह टिप्पणी जेरोधा के सह-संस्थापक निखिल कामत के पॉडकास्ट- WTF is के नए एपिसोड में की, जो रविवार को यूट्यूब पर जारी हुआ.
बड़ी पश्चिमी कंपनियों के शीर्ष पदों पर भारतीय मूल के अधिकारियों की संख्या बढ़ रही है. इस पर एलन मस्क ने कहा कि अमेरिका को वर्षों से वहाँ आए कुशल भारतीयों से बहुत बड़ा फायदा हुआ है. पॉडकास्ट में बातचीत के दौरान मस्क ने कहा कि भारत से गए इंजीनियर, वैज्ञानिक और उद्यमियों ने अमेरिकी तकनीक और व्यापार के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि भारतीयों ने अमेरिका अर्थव्यवस्था में अहम योगदान दिया है, जिससे इनोवेशन और विकस को बढ़ावा मिला है. उन्होंने आगे कहा कि यह रुझान वर्षों से जारी है. उन्होंने दोहराया कि अमेरिका भारतीय प्रतिभा का बेहद बड़ा लाभार्थी रहा है.
अमेरिका में बढ़ती एंटी-इमिग्रेशन धारणा पर चर्चा
इसके बाद बातचीत अमेरिका में बढ़ती एंटी-इमिग्रेशन मानसिकता की ओर मुड़ गई. कामत ने पूछा कि इमिग्रेशन को लेकर नैरेटिव क्यों बदल रहा है. मस्क ने कहा कि इस मुद्दे पर लोगों की राय बंटी हुई है, और यह भी सुझाव दिया कि बाइडेन प्रशासन के दौरान पूरी तरह खुली सीमा और बिना किसी नियंत्रण जैसी स्थिति विकसित हो गई थी. टेस्ला CEO का मानना है कि इस तरह का रवैया गैर-कानूनी इमिग्रेशन को बढ़ावा देता है और लोगों के अमेरिका में प्रवेश करने का डिफ्यूजन ग्रेडिएंट (प्रसार ढाल) बनाता है, जिसके पीछे आर्थिक अवसर और सामाजिक लाभों तक पहुँच जैसे कारण होते हैं.
मस्क ने H-1B वीजा कार्यक्रम पर भी बात की और कहा कि कड़े इमिग्रेशन नियमों की मांग का एक कारण यह धारणा भी है कि इस सिस्टम का दुरुपयोग हुआ है और यह फ्री-फॉर-ऑल माहौल में लंबे समय तक चलता रहा.
अमेरिकी लोगों की नौकरियाँ विदेशी प्रतिभा छीन रही है क्या यह डर सच है?
मस्क ने अपने विचार को दोहराते हुए कहा कि विदेशी कामगारों द्वारा अमेरिकी नौकरियाँ छीने जाने का खतरा काफी बढ़ा-चढ़ाकर बताया जाता है. मस्क ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि विदेशी प्रतिभाशाली लोग अमेरिकी नागरिकों की नौकरियाँ ले रहे हैं. उन्होंने कहा- मेरे सीधे अनुभव में हमेशा प्रतिभाशाली लोगों की कमी रहती है. कठिन काम करने के लिए आपको बेहद कुशल लोगों की जरूरत होती है. कुछ कंपनियाँ इसे लागत के आधार पर देखने लगी हैं, अगर किसी विदेशी कर्मचारी को कम लागत पर रखा जा सकता है, तो वे ऐसा करती हैं. मस्क ने बताया कि उनकी कंपनियाँ हमेशा प्रतिभा ढूँढती हैं और उन्हें औसत से ज्यादा वेतन देती हैं.
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