BBC के दो टॉप अधिकारियों ने दिया इस्तीफा, खुश डोनाल्ड ट्रंप ने कहा- भ्रष्ट और बेईमान… लोकतंत्र के लिए भयानक

Donald Trump lashes out at the BBC and Britain: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीबीसी के दो शीर्ष अधिकारियों को भ्रष्ट और बेईमान बताया. दोनों के ऊपर आरोप है कि उन्होंने 6 जनवरी 2021 को वाशिंगटन में ‘कैपिटल हिल’ (संसद परिसर) पर प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने से पहले ट्रंप द्वारा दिए गए भाषण को पक्षपात पूर्ण ढंग से एडिट किया था. उन्होंने कहा कि वे एक विदेशी देश से हैं. वह देश जिसे बहुत लोग हमारा नंबर वन सहयोगी मानते हैं. यह लोकतंत्र के लिए कितनी भयानक बात है!

By Anant Narayan Shukla | November 10, 2025 8:42 AM

Donald Trump lashes out at the BBC: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रविवार को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) पर जोरदार हमला बोला. बीबीसी के दो शीर्ष अधिकारियों ने रविवार को निष्पक्षता और पक्षपात से जुड़े बढ़ते विवाद के बीच इस्तीफा दे दिया. डायरेक्टर-जनरल टिम डेवि और न्यूज डिवीजन की मुख्य कार्यकारी अधिकारी डेबोरा टर्नेस दोनों ने पद छोड़ दिया. दोनों के खिलाफ एक लीक मेमो से खुलासा हुआ, जिसमें बीबीसी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भाषण को भ्रामक तरीके से एडिट किया था. इस एडिटिंग से ऐसा लगा कि उन्होंने सीधे तौर पर 6 जनवरी, 2021 को हुई हिंसा के लिए उकसाया था.

बीबीसी ने कहा कि महानिदेशक टिम डेवी और समाचार सेवा प्रमुख डेबोरा टर्नेस ने रविवार को अपने इस्तीफे की घोषणा की. ब्रिटेन के सार्वजनिक प्रसारणकर्ता को 6 जनवरी 2021 को वाशिंगटन में ‘कैपिटल हिल’ (संसद परिसर) पर प्रदर्शनकारियों के धावा बोलने से पहले ट्रंप द्वारा दिए गए भाषण को एडिट करने के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा था. आलोचकों का कहना है कि बीबीसी के एक डॉक्यूमेंट्री के लिए भाषण को जिस तरह से एडिट किया गया, वह ‘भ्रामक’ था और उस हिस्से को काट दिया गया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि वह चाहते हैं कि समर्थक शांतिपूर्ण प्रदर्शन करें.

बीबीसी अधिकारियों ने इस्तीफे में क्या लिखा?

कर्मचारियों को लिखे एक पत्र में, डेवी ने कहा कि पांच साल बाद नौकरी छोड़ना ‘‘पूरी तरह से मेरा फैसला है.’’ टर्नेस ने भी इस्तीफा देते हुए कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप पर बनी ‘पैनोरमा’ डॉक्यूमेंट्री को लेकर चल रहा विवाद अब ऐसे स्तर पर पहुंच गया है कि यह बीबीसी- एक संस्था जिससे मैं प्यार करती हूं और इसको नुकसान पहुंचा रहा है.” यह बयान बीबीसी की वेबसाइट पर प्रकाशित हुआ. बीबीसी न्यूज एवं करेंट अफेयर्स (समसामयिक मामले) की सीईओ होने के नाते, इसके लिए मैं पूरी तरह से जिम्मेदार हूं.’’ उन्होंने आगे कहा, “हालांकि गलतियां हुई हैं, लेकिन मैं बिल्कुल स्पष्ट करना चाहती हूं कि बीबीसी न्यूज के संस्थागत रूप से पक्षपाती होने के हालिया आरोप गलत हैं.”

‘भ्रष्ट और बेईमान… लोकतंत्र के लिए कितनी भयानक बात है’

इस घटना के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बीबीसी के शीर्ष अधिकारियों पर तीखा हमला बोला है. जनवरी 2021 में दिए गए अपने भाषण को अच्छा और परफेक्ट बताते हुए ट्रंप ने Truth Social पर पोस्ट करते हुए इस पूरे घटनाक्रम को “लोकतंत्र के लिए भयानक बात” करार दिया. उन्होंने लिखा, “बीबीसी के शीर्ष अधिकारी, जिनमें प्रमुख टिम डेवि (TIM DAVIE) भी शामिल हैं, या तो इस्तीफा दे रहे हैं या निकाल दिए गए हैं, क्योंकि वे मेरे बहुत अच्छे (संपूर्ण!) 6 जनवरी के भाषण को ‘एडिट’ करते हुए पकड़े गए. द टेलीग्राफ को धन्यवाद, जिन्होंने इन भ्रष्ट ‘पत्रकारों’ को बेनकाब किया. ये बहुत बेईमान लोग हैं जिन्होंने राष्ट्रपति चुनाव के पलड़े को झुकाने की कोशिश की. इसके ऊपर, वे एक विदेशी देश से हैं. वह देश जिसे बहुत लोग हमारा नंबर वन सहयोगी मानते हैं. यह लोकतंत्र के लिए कितनी भयानक बात है!”

कैसे हुआ मामले का खुलासा?

यह मामला एक व्हिसलब्लोअर मेमो के सामने आने के बाद खुला. इसे ब्रिटिश अखबार द टेलीग्राफ ने देखा था. इसमें खुलासा हुआ कि बीबीसी ने ट्रंप के भाषण का एडिट किया हुआ संस्करण प्रसारित किया, जिससे ऐसा लगा कि उन्होंने कैपिटोल हिल पर दंगाइयों को उकसाते हुए कहा था कि वह उनके साथ चलेंगे और “लड़ेंगे जैसे नर्क” (fight like hell). वास्तव में, ट्रंप ने 6 जनवरी 2021 को वॉशिंगटन डीसी में अपने भाषण में कहा था, “हम कैपिटोल की ओर चलने वाले हैं और हम अपने बहादुर सीनेटरों और प्रतिनिधियों का उत्साहवर्धन करेंगे.” इस डॉक्यूमेंट्री में फुटेज को जोड़-तोड़ कर इस तरह पेश किया गया कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने वे बातें कही हों जो वास्तव में उन्होंने कही ही नहीं थीं.

ट्रंप ने क्या कहा था और बीबीसी ने कैसे प्रस्तुत किया, देखें वीडियो-

बीबीसी, ब्रिटेन की सरकारी समाचार संस्था है. 1922 से संचालित इस न्यूज संस्था ने अपनी विश्वसनीयता स्थापित की है. लेकिन इस तरह के विवादों से संस्था का नाम खराब होता है, इसलिए प्रमुख अधिकारियों ने इस्तीफा दे दिया. इस मुद्दे पर विवाद तब बढ़ा जब टेलीग्राफ ने बीबीसी के सलाहकार माइकल प्रिस्कॉट की तैयार की आंतरिक रिपोर्ट के कुछ हिस्से प्रकाशित किए. इस रिपोर्ट में ट्रंप के भाषण के अलावा कई अन्य मुद्दों पर भी पक्षपात जैसे आरोप शामिल थे.

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