रेगिस्तान में मछली! दो फुटबॉल मैदान जितनी लंबी फिश रॉक ने अल-उला रेगिस्तान में मचाई हलचल

Desert Fish Rock: अल-उला रेगिस्तान में 200 मीटर लंबी फिश रॉक की अद्भुत प्राकृतिक आकृति देखें. प्राचीन नदियों के कटाव से बनी यह चट्टान और अल-उला की अन्य मूर्तियां पर्यटन और संस्कृति का अनोखा अनुभव देती हैं.

By Govind Jee | September 7, 2025 3:58 PM

Desert Fish Rock: सऊदी अरब के अल-उला रेगिस्तान में सुनहरी रेत के बीच एक ऐसा दृश्य है जो देखकर हर कोई हैरान रह जाए. यहां एक विशाल चट्टान है, जो हूबहू मछली जैसी दिखती है, मानो यह रेगिस्तान में आराम कर रही हो. इसे फिश रॉक कहा जाता है और यह लगभग 200 मीटर लंबी है, यानी दो फुटबॉल मैदान जितनी लंबाई में फैली हुई. यह अल-उला गवर्नरेट के वादी अल-फैन का सबसे आकर्षक प्राकृतिक दृश्य बन चुकी है.

Desert Fish Rock Alula Saudi Arabia: रेगिस्तान में मछली कैसे बनी?

रॉयल कमीशन फॉर अल-उला (RCU) के अनुसार, यह चट्टान प्राचीन नदियों के कटाव से बनी. लगभग 500 मिलियन साल पहले, जब यह भूमि सुपरकॉन्टिनेंट गोंडवाना का हिस्सा थी, तब नदियों ने धीरे-धीरे इस चट्टान को यह अनोखा आकार दिया. इस तरह रेगिस्तान की रेत में एक “मछली” का अद्भुत दृश्य जन्म लिया.

सोशल मीडिया पर वायरल हुई ‘डेजर्ट फिश’

जियो टीवी के अनुसार, 2022 में सऊदी फोटोग्राफर खालिद अल इनाजी ने इस चट्टान की ड्रोन तस्वीरें साझा की, जिसे उन्होंने “डेजर्ट फिश” कहा. तस्वीरें वायरल होने के बाद सोशल मीडिया पर लोग इसे कभी-कभी जीवाश्मित विशाल मछली समझ बैठे. हालांकि, अल इनाजी ने स्पष्ट किया कि यह केवल सैंडस्टोन की प्राकृतिक आकृति है. इसके बावजूद, इसकी मछली जैसी शक्ल पर्यटकों और फोटोग्राफरों को आज भी आकर्षित करती है.

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अल-उला,  प्राकृतिक मूर्तियों का खजाना

अल-उला केवल फिश रॉक के लिए ही नहीं बल्कि अपनी अन्य अद्भुत प्राकृतिक चट्टानों के लिए भी प्रसिद्ध है. यहां आप जबल अल-फिल यानी हाथी चट्टान देख सकते हैं, जो आकार और संरचना में अनोखी है. नबातियों के प्राचीन शहर हेगरा के पास स्थित फेस रॉक भी अपनी रहस्यमय आकृति के लिए मशहूर है. रग्गासैट घाटी में डांसिंग रॉक है, जहां की लहराती चट्टानें प्राकृतिक कला का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत करती हैं. नेचर रिजर्व में मशरूम रॉक्स आपको मशरूम जैसी आकृति वाली चट्टानों से रूबरू कराती हैं. इसके अलावा, रेनबो रॉक शहर के केंद्र से कुछ ही दूरी पर स्थित है, जो दो बादलों से घिरे इंद्रधनुष जैसा प्रतीत होता है और देखने वालों को मंत्रमुग्ध कर देता है.

अल-उला का सांस्कृतिक महत्व

RCU की “Journey Through Time Masterplan” के तहत अल-उला को कला, संस्कृति और विरासत का प्रमुख केंद्र बनाने की योजना है. इसका उद्देश्य रेगिस्तान की अनूठी प्राकृतिक धरोहरों का संरक्षण करते हुए इसे वैश्विक पर्यटन स्थल बनाना है. फिश रॉक और अल-उला की अन्य आकृतियां यह याद दिलाती हैं कि यह विशाल रेगिस्तान कभी पानी से भरा हुआ था. आज भी यह अपनी अद्भुत प्राकृतिक आकृतियों और मनमोहक दृश्यों के माध्यम से दुनिया को हैरान करती है और हर आगंतुक के लिए एक यादगार अनुभव बनाती है.

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