…तो क्या भारत के चंद्रयान-2 मिशन को चैलेंज करने के लिए चीन ने छोड़ा चांग-ए5? जानिए चांद की सतह पर ये कैसे करेगा काम

China spacecraft landed on moon : दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस की पहली वर्षगांठ पर चीन से एक चौंकाने वाली खबर है और वह यह कि कि करीब 40 सालों के अथक प्रयास के बाद मंगलवार को पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा की सतह पर खुद का चंद्रयान लॉन्च कर दिया है, जो वहां से धरातल की मिट्टी और चट्टानों का सैंपल भेजेगा. उसे इस स्पेसक्राफ्ट का नाम चांग-ए5 दिया है. ऐसा उसने 40 साल की मेहनत के बाद किया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 1, 2020 11:09 PM

China spacecraft landed on moon : दुनिया भर में फैले कोरोना वायरस की पहली वर्षगांठ पर चीन से एक चौंकाने वाली खबर है और वह यह कि कि करीब 40 सालों के अथक प्रयास के बाद मंगलवार को पृथ्वी के उपग्रह चंद्रमा की सतह पर खुद का चंद्रयान लॉन्च कर दिया है, जो वहां से धरातल की मिट्टी और चट्टानों का सैंपल भेजेगा. उसे इस स्पेसक्राफ्ट का नाम चांग-ए5 दिया है. ऐसा उसने 40 साल की मेहनत के बाद किया है.

CGTN की खबरों के अनुसार, चीन के दक्षिणी प्रांत हैनान स्थित वेनचांग अंतरिक्ष यान प्रक्षेपण स्थल से प्रक्षेपित चांग-ए5 बीजिंग के समयानुसार 11:00 बजे चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की. चांग-ए5 अंतरिक्ष यान में एक लैंडर, एस्केंडर, ऑर्बिटर और रिटर्नर शामिल है. अंतरिक्ष यान के चंद्रमा से 200 किलोमीटर ऊपर गोलाकार कक्षा में प्रवेश करने के बाद लैंडर और एस्केंडर अलग हो गये और चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक सॉफ्ट लैंडिग की.

यह लैंडर सतह के नीचे दो मीटर ड्रिल करेगा और चट्टानों और अन्य मलबे को धरती पर लायेगा. बताया जाता है कि अगले दो दिनों में लैंडर करीब दो किलोग्राम चंद्रमा के नमूने एकत्र करेगा. एक अरब साल पहले की जानकारी जुटाने के लिए दो मीटर गहरे से नूमने एकत्र कर लाया जा रहा है.

बता दें कि चंद्रमा पर सफलतापूर्वक कार्य को अंजाम देकर यह अंतरिक्षयान उत्तरी चीन के मंगोलिया में उतरेगा. मिशन पूरा होने के साथ पिछले 40 वर्षों में चांग-ए5 दुनिया का पहला ऐसा मानवरहित मिशन का हिस्सा बन जायेगा, जो चंद्रमा से नमूना वापस लायेगा. इस पूरे मिशन में करीब 20 दिनों का समय लगेगा.

यहां यह बताना जरूरी है कि चीन ने अंतरिक्ष यान का नाम चांग-ए5 चांद की देवी के नाम पर रखा है. चांग-ए5 मिशन की सफलता चीन की स्पेस पावर में बड़ी भूमिका हो सकती है. चीन ने पहले ही 2049 तक स्पेस पावर बनने की इच्छा जाहिर कर चुका है. चीन का यह मिशन अमेरिका के लिए चिंता का विषय साबित हो सकता है.

Published By : Kaushal Kishore

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