ताइवान में खेल कर रहा था जापानी अधिकारी, भड़क गया चीन, पूर्व सेल्फ डिफेंस फोर्सेज के चीफ पर लगाया बैन
China sanctions Japan defence official in Taiwan: चीन ने जापान सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज के जॉइंट स्टाफ के पूर्व प्रमुख शिगेरू इवासाकी पर प्रतिबंध लगाए हैं. उसका कहना है कि उन्होंने ताइवान में अलगाववादती ताकतों के साथ मिलीभगत की थी.
China sanctions Japan defence official in Taiwan: चीन ने सोमवार को घोषणा की कि उसने जापान सेल्फ-डिफेंस फोर्सेज (जापान आत्मरक्षा बल) के जॉइंट स्टाफ के पूर्व प्रमुख शिगेरू इवासाकी पर प्रतिबंध लगाए हैं. चीन का आरोप है कि इवासाकी ने ताइवान में “अलगाववादी ताकतों के साथ मिलीभगत” की थी. इस साल मार्च में बीजिंग ने ताइवान सरकार की सर्वोच्च प्रशासनिक संस्था, एक्जीक्यूटिव युआन में इवासाकी को मानद सलाहकार नियुक्त किए जाने पर कड़ा विरोध दर्ज कराया था.
ग्लोबल टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि इवासाकी के खिलाफ उठाए गए “प्रत्युत्तरात्मक कदमों” में चीन के भीतर उनकी चल और अचल संपत्तियों के साथ-साथ अन्य प्रकार की संपत्तियों को फ्रीज करना शामिल है. इसके अलावा, चीन के भीतर किसी भी संगठन या व्यक्ति को उनके साथ किसी भी तरह के लेन-देन, सहयोग या अन्य गतिविधियों से प्रतिबंधित किया गया है. साथ ही उन्हें वीजा जारी नहीं किया जाएगा और देश में प्रवेश से भी रोका जाएगा, जिसमें हांगकांग और मकाऊ विशेष प्रशासनिक क्षेत्र भी शामिल हैं.
इवासाकी बने ताइवान की कैबिनेट के राजनीतिक मामलों के सलाहकार
ग्लोबल टाइम्स के हवाले से जारी बयान में कहा गया है कि चीन ने जनवादी गणराज्य चीन के ‘एंटी-फॉरेन सैंक्शंस लॉ’ के अनुच्छेद 3, 4, 5, 6, 9 और 15 के प्रावधानों के तहत इवासाकी के खिलाफ ये कदम उठाने का फैसला किया है. इस साल की शुरुआत में इवासाकी को ताइवान की कैबिनेट द्वारा राजनीतिक मामलों का सलाहकार नियुक्त किया गया था. जापानी सरकारी मीडिया के अनुसार, वह 2012 से 2014 के बीच एयर सेल्फ-डिफेंस फोर्स के जॉइंट स्टाफ के प्रमुख रह चुके हैं. बीजिंग ताइवान को चीन का एक प्रांत मानता है. ताइवान 1949 से एक स्वतंत्र देश के रूप में अपनी पहचान बनाने की कोशिश में है.
चीन-जापान के बीच तनाव भरा संबंध बरकरार
इस बीच, जापान और चीन के बीच तनाव लगातार बना हुआ है. जापान की प्रधानमंत्री साने ताकाइची के 7 नवंबर को संसद में दिए गए उस बयान के बाद हालात और तनावपूर्ण हो गए. उन्होंने ताइवान जलडमरूमध्य में संभावित संघर्ष की स्थिति में जापान द्वारा सैन्य बल तैनात किए जाने की संभावना का संकेत दिया था. उन्होंने ताइवान पर हमला जापान के अस्तित्व को खतरा पैदा करेगा. इसके बाद बीजिंग ने टोक्यो पर कूटनीतिक और आर्थिक दबाव बढ़ा दिया और ताकाइची से अपने बयान को वापस लेने की मांग की.
चीन, जापान के ऊपर हमलावर
हालांकि साने ताकाइची ने अपना बयान वापस ले लिया था, लेकिन चीनी डिप्लोमैट के सिर काटने वाला बयान से लेकर अब तक चीन के कदम काफी आक्रामक हैं. चीन ने अपने नागरिकों को जापान यात्रा से सावधान रहने की चेतावनी दी है और छात्रों से भी वहां जाने की योजनाओं पर पुनर्विचार करने को कहा गया है, जिसे सुरक्षा चिंताओं से जोड़ा जा रहा है. इसके अलावा, जापान से समुद्री खाद्य उत्पादों के आयात को कम कर दिया गया है या अस्थायी रूप से रोक दिया गया है, जबकि जापानी कलाकारों से जुड़े कॉन्सर्ट और फिल्म स्क्रीनिंग भी रद्द कर दी गई हैं. चीन के कोस्ट गार्ड और नौसेना के जहाज सेनकाकू द्वीपों के आसपास के जलक्षेत्र से भी गुजरे हैं. ये द्वीप जापान के प्रशासन में हैं, लेकिन चीन इन्हें दियाओयू द्वीप समूह के रूप में अपना दावा करता है.
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