चीन का जस्टिस मिशन 2025; ताइवान के चारों ओर उतारी सेना, अमेरिकी हेल्प के बाद भड़का ड्रैगन
China Army Justice Mission 2025 vs Taiwan: चीनी सेना ने सोमवार, 29 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि ताइवान के आसपास व्यापक संयुक्त सैन्य अभ्यास किए जाएंगे. जस्टिस मिशन 2025 के नाम से होने वाले ये अभ्यास ताइवान जलडमरूमध्य के साथ-साथ द्वीप के उत्तर, दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व और पूर्वी इलाकों में आयोजित किए जाएंगे. चीनी सैन्य नेतृत्व ने इन अभ्यासों को अलगाववादी शक्तियों और ‘बाहरी हस्तक्षेप’ के खिलाफ कड़ा संदेश बताया है.
China Army Justice Mission 2025 vs Taiwan: ताइवान को लेकर चीन और क्षेत्रीय ताकतों के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ता दिखाई दे रहा है. बीजिंग ने स्पष्ट संदेश देते हुए सैन्य गतिविधियों को तेज किया है, जिसे उसने अलगाववादी प्रवृत्तियों और बाहरी दखल के खिलाफ सख्त चेतावनी करार दिया है. चीनी सेना ने सोमवार, 29 दिसंबर 2025 को घोषणा की कि ताइवान के आसपास व्यापक संयुक्त सैन्य अभ्यास किए जाएंगे, जिनमें वायुसेना, नौसेना और रॉकेट बलों को शामिल किया गया है. इन अभ्यासों के तहत मंगलवार को द्वीप के नजदीक समुद्री और हवाई इलाकों में पांच अलग-अलग क्षेत्रों में लाइव फायरिंग समेत कई सैन्य गतिविधियां होंगी. चीनी सैन्य नेतृत्व ने इन अभ्यासों को अलगाववादी शक्तियों और ‘बाहरी हस्तक्षेप’ के खिलाफ कड़ा संदेश बताया है.
ताइवान, जो चीन के दक्षिण-पूर्वी तट से दूर स्थित है, 1949 में गृहयुद्ध के दौरान मुख्य भूमि से अलग हो गया था. तब से यह द्वीप अपनी अलग सरकार के साथ काम कर रहा है, लेकिन चीन लगातार इसे अपना संप्रभु क्षेत्र मानता रहा है और इसे अपने नियंत्रण में लाने पर जोर देता है. पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के ईस्टर्न थिएटर कमांड के प्रवक्ता सीनियर कर्नल शी यी के अनुसार, ‘जस्टिस मिशन 2025’ नाम से होने वाले ये अभ्यास ताइवान जलडमरूमध्य के साथ-साथ द्वीप के उत्तर, दक्षिण-पश्चिम, दक्षिण-पूर्व और पूर्वी इलाकों में आयोजित किए जाएंगे.
कई तरह के अभ्यास किए जाएंगे
उन्होंने बताया कि इन सैन्य गतिविधियों में समुद्र और हवा में युद्धक तैयारियों की गश्त, संयुक्त रूप से रणनीतिक बढ़त हासिल करने के अभ्यास, प्रमुख बंदरगाहों की नाकेबंदी और द्वीप श्रृंखला के बाहर सैन्य निरोध पर विशेष ध्यान दिया जाएगा. 29 दिसंबर से पीएलए का ईस्टर्न थिएटर कमांड थलसेना, नौसेना, वायुसेना और रॉकेट फोर्स को मिलाकर ‘जस्टिस मिशन 2025’ नाम से संयुक्त अभ्यास कर रहा है. कर्नल शी के अनुसार, इन अभ्यासों में समुद्र और हवा में युद्धक तैयारी की गश्त, संयुक्त रूप से रणनीतिक बढ़त हासिल करना, अहम बंदरगाहों और इलाकों की नाकेबंदी तथा द्वीप श्रृंखला के बाहर बहुआयामी सैन्य निरोध जैसी गतिविधियों पर ध्यान दिया जाएगा.
ताइवान की स्वतंत्रता के समर्थक तत्वों के खिलाफ कड़ी चेतावनी
वीचैट पर जारी बयान में कमांड ने कहा कि यह कार्रवाई ‘ताइवान की स्वतंत्रता’ के समर्थक तत्वों के खिलाफ कड़ी चेतावनी है और चीन की संप्रभुता तथा राष्ट्रीय एकता की रक्षा के लिए जरूरी और वैध कदम है. यह कदम ऐसे समय उठाया गया है, जब जापान की प्रधानमंत्री सानाए ताकाइची के उस बयान पर बीजिंग ने नाराजगी जताई थी, जिसमें उन्होंने संकेत दिया था कि यदि चीन ताइवान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई करता है तो जापान की सेना भी भूमिका निभा सकती है. हालांकि, सोमवार सुबह जारी आधिकारिक बयान में चीनी सेना ने जापान का सीधे तौर पर उल्लेख नहीं किया. उन्होंने बताया कि इस दौरान चीनी युद्धपोत अलग-अलग दिशाओं से ताइवान के करीब पहुंचेंगे और संयुक्त हमलों के जरिए अपनी साझा सैन्य क्षमताओं की परीक्षा ली जाएगी.
जापान के कमेंट और अमेरिका की मदद के बाद भड़का चीन
गौरतलब है कि जापान पर कड़ा रुख अपनाने के अलावा, बीजिंग ने पिछले सप्ताह अमेरिका की 20 रक्षा से जुड़ी कंपनियों और 10 वरिष्ठ अधिकारियों पर भी प्रतिबंध लगाए थे. यह फैसला वॉशिंगटन द्वारा ताइवान को 10 अरब डॉलर से अधिक मूल्य के हथियारों की बिक्री की घोषणा के बाद लिया गया था. अगर इस सौदे को अमेरिकी कांग्रेस की मंजूरी मिल जाती है, तो यह ताइवान को दिया जाने वाला अब तक का सबसे बड़ा अमेरिकी हथियार पैकेज होगा.
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