पुतिन की भारत यात्रा से पहले वैज्ञानिक की कार में धमाका, मॉस्को में धू-धूकर जली कार, कौन है इसके पीछे?
Car Blast in Moscow ahead of Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन की भारत यात्रा से पहले मॉस्को में एक वैज्ञानिक की कार में विस्फोट हो गया. यह साइंटिस्ट रूस के एक ऐसे संस्थान में काम करता है, जो लेजर रेंजफाइंडर्स, टारगेट डिजिग्नेटर्स और उच्च-प्रेसिजन हथियारों के नैविगेशन विकसित करने का काम करता है. पुतिन के दौरे से पहले यह हमला हैरान करने वाला है.
Car Blast in Moscow ahead of Vladimir Putin India Visit: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन दो दिनों बाद यानी 4 दिसंबर को भारत आ रहे हैं. उनका दो दिनी दौरा भारत और रूस के बीच रक्षा और अन्य संबंधों को और बेहतर बनाने पर जोर देगा. इसी बीच दुनिया में कई ऐसी हलचलें हो रही हैं, जिनका सीधा संबंध भारत-रूस रिश्तों और वैश्विक राजनीति से जुड़ा है. पुतिन के हिंदुस्तान आने से पहले रूस की राजधानी मॉस्को में एक बम विस्फोट हो गया है. यह कोई आम विस्फोट नहीं माना जा रहा है. इसमें एक कार धमाके की घटना दिखाई दे रही है, जो रूस की सैन्य लेजर प्रणाली पर काम करने वाले एक शीर्ष वैज्ञानिक की थी.
न्यू मॉस्को में एक रूसी मिसाइल तकनीक डेवलपर की कार में विस्फोट हुआ, यह कार एक गाइडेंस सिस्टम डेवलपर की थी. 1 दिसंबर की सुबह यह ऊंची इमारतों के बीच स्थित एक रिहाइश वाले इलाके में फट गई. रूसी मीडिया द मॉस्को टाइम्स के अनुसार यह घटना राडुज्नाया स्ट्रीट पर ग्राद मॉस्कोव्स्की रिहायशी कॉम्प्लेक्स के पास एक घर के आंगन में हुई. विस्फोट की तीव्रता से कई अपार्टमेंट्स की खिड़कियों के शीशे टूट गए. एक लैंड क्रूजर 200 प्राडो कार तुरंत आग की लपटों में घिर गई और पूरी तरह जलकर खाक हो गई. आपात मंत्रालय के बचाव दल तुरंत मौके पर पहुंचे, लेकिन कार को बचाया नहीं जा सका. बताया गया कि कार के अंदर कोई मौजूद नहीं था. किसी भी व्यक्ति को चोट नहीं आई. विस्फोट के कारणों की जांच जारी है.
ड्रामेटिक फुटेज में कार के चारों ओर विशाल लपटें उठती दिखाई देती हैं, जिसके बाद उसकी जली हुई ढांचा जैसी हालत दिखाई देती है. इस बड़े धमाके से पास की एक इमारत की तीसरी और चौथी मंजिल की खिड़कियां टूट गईं.
वैज्ञानिक की लैंड क्रूजर में धमाका
मॉस्को में फटी लैंड क्रूजर प्राडो एक 41 वर्षीय रूसी विशेषज्ञ के नाम रजिस्टर्ड थी, जो फिजिक्स और मैथ में डॉक्टरेट है और क्वांटम इलेक्ट्रॉनिक्स में महारत रखता है. यह वैज्ञानिक पोल्यूस साइंटिफिक रिसर्च इंस्टीट्यूट से जुड़ा है, जो रूस के उन्नत लेजर तकनीक और सैन्य उपकरणों पर काम करता है. शुरुआत में यह अनुमान लगाया गया था कि यह रिमोट इंजन स्टार्ट में हुई तकनीकी गलती के कारण हो सकता है. स्थानीय निवासियों का कहना है कि कार का मालिक हाल ही में इस घर में रहने आया था. विस्फोट के समय वह दक्षिण-पूर्व एशिया की व्यावसायिक यात्रा पर था. धमाका तब हुआ जब कार खाली खड़ी थी, अंदर कोई मौजूद नहीं था. लेकिन रूस के लिए रणनीतिक हथियार विकसित करने वाले वैज्ञानिक की गाड़ी में हुआ यह धमाका कई संदेह पैदा करता है.
क्या होता है इस संस्थान में?
यह संस्थान रोस्टेक की एक इकाई है और लेजर रेंजफाइंडर्स, टारगेट डिजिग्नेटर्स और उच्च-प्रेसिजन हथियारों के साथ मिसाइलें के नेविगेशन के लिए जाइरोस्कोप विकसित करता है. उसका उपयोग रूस की आर्टिलरी और एयर फोर्स दोनों करती हैं. इस संस्थान पर अमेरिका और यूरोपीय संघ ने प्रतिबंध लगा रखा है, क्योंकि उसे रूस-यूक्रेन युद्ध में सैन्य सहयोग देने वाली प्रमुख इकाइयों में गिना जाता है. यह घटना निश्चित रूप से रूस पर दबाव बढ़ाने वाली है. जांच के बाद यह अंतरराष्ट्रीय तनाव को और गंभीर भी कर सकती है.
मॉस्को में होते रहते हैं हमले
मॉस्को में कार विस्फोट नियमित रूप से होते रहते हैं. यूक्रेन पहले भी रूस में सैन्य लक्ष्यों पर हुए बम धमाकों की जिम्मेदारी ले चुका है. इससे पहले, रूस के दक्षिणी क्षेत्र में कई धमाकों की घटनाएँ हुई थीं, जिनमें रूसी नेशनल गार्ड के तीन सदस्यों की मौत हो गई थी. मृतकों में रूसी नेशनल गार्ड का एक लेफ्टिनेंट कर्नल भी शामिल था, जो अवांगार् विशेष टुकड़ी की एक यूनिट की कमान संभालता था. उसके सहायक और ड्राइवर की भी वहीं मौत हो गई. जुलाई में, विशेष सेवाओं के दिग्गजों को ले जा रही एक कार मॉस्को के डाउनटाउन में फट गई थी. अप्रैल में, बैलाशिखा में लेफ्टिनेंट जनरल यारोस्लाव मोस्कालिक की कार में विस्फोट हुआ था, जिससे उनकी मौके पर ही मौत हो गई. हाल ही में, यूक्रेन ने प्रिमोर्स्को-अख्तार्स्क के एयरफील्ड पर हमला किया, जहां से रूस शाहेद और गेरबेरा ड्रोन लॉन्च करता है.
भारत की ओर रवाना होंगे पुतिन
इस घटना की संदिग्धता पर भी सवाल जरूर उठ रहे हैं. रूस-यूक्रेन युद्ध को रोकने के प्रयासों को लेकर दुनिया भर में बैठकों का दौर जारी है. वहीं युद्ध शुरू होने के बाद पुतिन पहली बार भारत की यात्रा पर आने वाले हैं. ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि मॉस्को में उसी समय वैज्ञानिक की कार उड़ाने की कोशिश के पीछे मंशा क्या थी? क्या यह पुतिन की दिल्ली यात्रा को प्रभावित करने की रणनीति है? या फिर किसी ताकत ने उस वैज्ञानिक पर निशाना साधकर रूस की उन्नत हथियार तकनीक को धीमा करने की कोशिश की है?
ये भी पढ़ें:-
शेख हसीना के बहन-बेटा-बेटी-भांजी परिवार को जेल, अब इस मामले में जज ने सुनाई कैद
ट्रंप की धमकियों का नहीं पड़ रहा असर, पादरी और दुल्हन सहित 26 लोगों को उठा ले गए बैंडिट्स
