भारतीयों के लिए अब कनाडा वीजा पर झटका, बड़े पैमाने पर रद्द हो सकता है अस्थायी वीजा, विचार कर रही कार्नी सरकार
Canada Visa to Indians: कनाडा सरकार ने एक लंबित विधेयक के तहत अस्थायी वीजा (टेंपररी वीजा) की सामूहिक रद्दीकरण (मास कैंसेलेशन) की शक्ति हासिल करने की मांग की है, जो भारत से आने वाले कथित फर्जी आवेदनों पर लागू की जा सकती है. इसके साथ ही पिछले सालों के मुकाबले कनाडा ने इस साल अगस्त 2025 में भारतीय छात्रों के लगभग 74 प्रतिशत वीजा रद्द किए हैं.
Canada Visa to Indians: अमेरिका में भारतीय पेशेवरों के लिए एच1बी वीजा पर शुल्क जैसी मुश्किलें बढ़ने के बाद अब कनाडा में भी समस्या बढ़ने वाली है. कनाडा सरकार ने एक लंबित विधेयक के तहत अस्थायी वीजा (टेंपररी वीजा) की सामूहिक रद्दीकरण (मास कैंसेलेशन) की शक्ति हासिल करने की मांग की है, जो भारत से आने वाले कथित फर्जी आवेदनों पर लागू की जा सकती है. इसके साथ ही पिछले सालों के मुकाबले कनाडा ने इस साल अगस्त 2025 में भारतीय छात्रों के लगभग 74 प्रतिशत वीजा रद्द किए हैं. यानी हर चार में से 3 वीजा कैंसिल कर दिए हैं. यह किसी भी देश के छात्र समूहों में सबसे ज्यादा है.
सीबीसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इमिग्रेशन, रिफ्यूजी और नागरिक कनाडा (Immigration, Refugees and Citizenship Canada- IRCC), कनाडा सीमा सेवा एजेंसी )Canadian Border Services Agency- CBSA) और कुछ अज्ञात अमेरिकी विभागों द्वारा दी गई एक प्रस्तुति में संसद में लंबित एक बिल के तहत प्रस्तावित सामूहिक रद्दीकरण प्रावधान का उपयोग भारत से अस्थायी वीजा आवेदनों में धोखाधड़ी को रोकने के लिए किया जा सकता है.
कंट्री स्पेसिफिक चैलेंज के रूप में भारत को रखा
इस प्रस्तुति में भारत और बांग्लादेश को देश-विशिष्ट चुनौतियों (कंट्री स्पेसिफिक चैलेंज) के रूप में सूचीबद्ध किया गया है. यह विधेयक महामारी या युद्ध जैसी स्थितियों में वीजा रद्द करने की अनुमति देता है, लेकिन रिपोर्ट के अनुसार, कनाडाई अधिकारी देश-विशिष्ट वीजा धारकों को निशाना बनाने में रुचि दिखा रहे हैं. अस्थायी निवासियों में कामगार, अंतरराष्ट्रीय छात्र और पर्यटक शामिल हैं. यह प्रावधान कनाडा की सीमाओं को सशक्त बनाने वाले कानून के हिस्से के रूप में पेश किया गया है. प्रधानमंत्री मार्क कार्नी की सरकार इस महीने अपना इमिग्रेशन लेवल्स प्लान जारी करने वाली है. सरकार पर देश में बढ़ते एंटी-इमिग्रेशन माहौल के बीच प्रवासन संख्या कम करने का दबाव है.
विशेषज्ञ ने बताया बिल का नुकसान
हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञ सुमित सेन ने बताया कि अगर लिबरल सरकार अपना स्ट्रॉन्ग बॉर्डर्स बिल पारित करती है, तो मंत्री को व्यापक नई शक्तियां मिल जाएंगी, जिससे आवेदनों के सामूहिक रद्दीकरण का खतरा बना हुआ है.” यह प्रस्ताव उस समय आया है जब कनाडा स्थायी और अस्थायी दोनों तरह के प्रवासियों की संख्या घटाने की दिशा में काम कर रहा है. इस नीति के कारण पहले ही उन श्रेणियों में आवेदनों की संख्या में भारी गिरावट आई है, जिनमें भारतीय नागरिकों का अनुपात सबसे अधिक है.
भारतीय छात्रों का रिजेक्शन सबसे ज्यादा
वहीं रॉयटर्स की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, अगस्त 2025 में कनाडाई उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई के लिए भारतीय छात्रों के लगभग 74% आवेदन अस्वीकृत कर दिए गए, जबकि अगस्त 2023 में यह दर लगभग 32% थी. यह आंकड़े कनाडा के प्रवासन विभाग के डेटा से प्राप्त हुए हैं. वहीं पिछले दो सालों में लगभग 40% ग्लोबल स्टूडेंट परमिट एप्लीकेशन रद्द किए गए थे. वहीं भारत के मुकाबले चीन के छात्रों का रिजेक्शन दर केवल 24% ही है. हालांकि केवल रिजेक्शन ही नहीं, आवेदन में भी गिरावट आई है. जहां अगस्त 2023 में 20900 लोगों ने वीजा के लिए अप्लाई किया था, वहीं 2025 में 4515 की गिरावट के साथ यह 16,385 दर्ज किया गया. हालांकि भारत से वीजा एप्लीकेशन में गिरावट के बावजूद भारत के वीजा रिफ्यूज करने की दर सबसे ज्यादा है.
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