आतंकवाद पर पाकिस्तान को दो टूक! ब्रिक्स ने कहा- दोहरा मापदंड कतई नहीं चलेगा

BRICS Slam Pahalgam Attack : 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले में 26 आम लोगों की जान चली गई. इसके बाद भारत ने सीमा पार आतंकवादी ठिकानों पर कार्रवाई की, जिससे भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिन तक तनाव रहा. इस हमले की कड़ी निंदा रियो डी जनेरियो में हुए ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में नेताओं द्वारा जारी एक सख्त बयान में की गई.

By Amitabh Kumar | July 7, 2025 6:28 AM

BRICS Slam Pahalgam Attack  : ब्रिक्स समूह ने रविवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की. यही नहीं आतंकियों की सीमा पार आवाजाही, आतंकवाद के लिए फंडिंग और सुरक्षित ठिकानों के खिलाफ सख्त कदम उठाने का आह्वान किया. वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राजनीतिक लाभ के लिए आतंकवादियों का समर्थन किया जाना अस्वीकार्य होना चाहिए. 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर मे आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 नागरिकों की जान गई. इस हमले के बाद भारत द्वारा सीमा पार आतंकवादी ठिकानों को निशाना बनाया गया. भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक तनाव रहा. भारत ने सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ अपनी नई रणनीति के लिए ब्रिक्स समूह का समर्थन हासिल करने के प्रयास तेज कर दिए थे.

बिना वजह बढ़ाए जा रहे टैरिफ की आलोचना

अमेरिका का नाम लिए बिना बिना वजह बढ़ाए जा रहे टैरिफ की आलोचना भी की गई. ब्रिक्स समूह ने कहा कि ऐसे कदम वैश्विक व्यापार को नुकसान पहुंचा सकते हैं और सप्लाई चेन को बाधित कर सकते हैं. घोषणा में यह भी जोर दिया गया कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और ब्रेटन वुड्स संस्थानों जैसे वैश्विक संस्थानों में तुरंत सुधार की जरूरत है ताकि वे आज की चुनौतियों का सामना कर सकें.

ईरान पर हुए सैन्य हमलों की निंदा की गई

हाल ही में ईरान पर हुए सैन्य हमलों की निंदा की गई, खासकर उन हमलों की जिसमें आम लोगों को निशाना बनाया गया. शांतिपूर्ण परमाणु ठिकानों को निशाना बनाने की भी आलोचना की गई. साथ ही, इसमें गाजा पर इजरायल के फिर से शुरू हुए हमलों और वहां मानवीय मदद पहुंचाने में हो रही रुकावट पर गहरी चिंता जताई गई.

जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा की गई

ब्रिक्स समूह ने कहा कि हर तरह का आतंकवाद अपराध है. किसी भी कारण से उसे सही नहीं ठहराया जा सकता. यह भी कहा गया, “हम 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर में हुए आतंकी हमले की कड़ी निंदा करते हैं, जिसमें 26 लोगों की मौत हो गई और कई घायल हुए. हम हर रूप में आतंकवाद से लड़ने के अपने संकल्प को दोहराते हैं, जिसमें सीमा पार आतंकियों की आवाजाही, आतंकवाद के लिए फंडिंग और उन्हें दिए जाने वाले सुरक्षित ठिकाने भी शामिल हैं.”

ब्रिक्स समूह के देशों ने यह भी कहा कि जो भी लोग आतंकी गतिविधियों में शामिल हैं या उन्हें समर्थन दे रहे हैं, उन्हें जिम्मेदार ठहराया जाए और कानून के दायरे में लाया जाए. साथ ही यह भी कहा गया, “हम आतंकवाद के प्रति पूरी तरह से सख्ती बरतने की अपील करते हैं और आतंकवाद के खिलाफ दोहरे रवैये को अस्वीकार करते हैं.”