भारतीय खुफिया एजेंसी RAW से है! दीपू दास की हत्या के बाद बांग्लादेश में हिंदू रिक्शा चालक पर भीड़ का हमला, देखें वीडियो
Bangladesh Hindu Attack: बांग्लादेश में दीपू चंद्र दास की हत्या के बाद, हिंदू अल्पसंख्यक एक बार फिर हमलों का निशाना बन गए हैं. झेनैदाह में, रिक्शा चालक गोविंद बिस्वास पर भीड़ ने हमला किया और ऐसी अफवाहें फैलीं जिनमें भारत से कनेक्शन के आरोप शामिल थे. पुलिस जांच में भारत में उसके रहने और कॉल ट्रांजैक्शन के बारे में जानकारी सामने आई. भारत ने अल्पसंख्यकों की सुरक्षा और दोषियों के लिए न्याय की मांग की है.
Bangladesh Hindu Attack: दिपु चंद्र दास की हत्या के कुछ ही दिनों बाद बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर फिर हमला हुआ है. इस बार झेनईदाह जिले में एक हिंदू रिक्षाचालक गोबिंद बिस्वास को भीड़ ने पीटा. घटना के पीछे की वजह उनकी कलाई पर लाल पवित्र धागा दिखना बताया गया, जो हिंदू धर्म में आमतौर पर पहना जाता है.
Bangladesh Hindu Attack in Hindi: अफवाह फैला दी कि बिस्वास भारत की खुफिया एजेंसी रॉ है
स्थानीय लोगों ने अफवाह फैला दी कि बिस्वास भारत की खुफिया एजेंसी रॉ (RAW) से जुड़े हैं. अफवाह सुनते ही भीड़ ने उन्हें झेनईदाह जिला नगरपालिका के गेट के पास पीटना शुरू कर दिया. घायल बिस्वास को बाद में पुलिस के हवाले किया गया. अधिकारियों के अनुसार उन्हें गले और छाती में चोटें आई हैं. सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में बिस्वास पुलिस से कह रहे हैं कि वह सिर्फ रिक्षाचालक हैं और उन्हें छोड़ दिया जाए.
Gobinda Biswas—a rickshaw puller. A red thread on his wrist was enough for extremists to brand him an “RAW agent.” He kept saying he was just a rickshaw puller, but no one listened.
— Sahidul Hasan Khokon (@SahidulKhokonbd) December 20, 2025
The young man from Jhenaidah was brutally assaulted and left critically injured—his survival… pic.twitter.com/9qvDNgl7FA
Bangladesh Hindu Attack: भारत से जुड़े आरोप और पुलिस जांच
पुलिस स्टेशन के अंदर एक वीडियो में अज्ञात व्यक्ति यह दावा करता है कि बिस्वास के मोबाइल में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से जुड़े कई व्हाट्सएप लेन-देन दिखे और उन्होंने भारत से कॉल भी प्राप्त की. बिस्वास ने पुलिस को बताया कि कॉल करने वाले का नाम आकाश था, जिसे वह व्यक्तिगत रूप से जानते हैं. झेनईदाह सदर पुलिस स्टेशन के प्रभारी ने बिस्वास की हिरासत की पुष्टि की और कहा कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि वह कई साल भारत में रहे हैं. पुलिस यह भी देख रही है कि उनका किसी भारतीय एजेंसी से संबंध है या नहीं. (Hindu Rickshaw Puller After Dipu Chandra Das killing in Hindi)
यह घटना दिपु चंद्र दास की म्यमेंसिंग जिले में हत्या के बाद आई है, जिसने बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हमलों की चिंता बढ़ा दी है. दास की हत्या के बाद कई इलाकों में विरोध प्रदर्शन और तोड़फोड़ की खबरें आईं.
भारत का विरोध
भारत ने हाल के अल्पसंख्यक हमलों पर “गहरी चिंता” जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जयस्वाल ने कहा कि नई दिल्ली ने ढाका से अनुरोध किया है कि दिपु चंद्र दास की हत्या के दोषियों को न्याय के सामने लाया जाए. 20 दिसंबर, 2025 को नई दिल्ली में बांग्लादेश हाई कमीशन के बाहर विरोध प्रदर्शन हुए.
मंत्रालय ने कहा कि प्रदर्शन के दौरान केवल एक छोटा समूह था और पुलिस ने उन्हें जल्दी शांत करा दिया. जयस्वाल ने यह भी स्पष्ट किया कि विदेशी कूटनीतिक मिशनों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भारत की जिम्मेदारी है और बांग्लादेश हाई कमीशन में कोई सुरक्षा चूक नहीं हुई.
ये भी पढ़ें:
लोलिता क्या है? एपस्टीन फाइल्स की फोटोज में आया नाम, लड़कियों के शरीरों पर लिखीं थीं इसकी लाइनें
