भारत जब टुकड़ों में बंटेगा तभी बांग्लादेश में आएगी शांति, पूर्व आर्मी जनरल ने उगला जहर

Bangladesh Ex Army General Statement: बांग्लादेश के पूर्व आर्मी जनरल ने भारत के खिलाफ एक बार फिर घटिया टिप्पणी की है जहां उन्होंने देश के टुकड़े होने की बात कही है. बता दें की रिटायर्ड आर्मी जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख गुलाम आजमी के बेटे हैं. भारत के खिलाफ यह बयान आजमी में ढाका में नेशनल प्रेस क्लब के किसी इवेंट के दौरान कहा.

By Sakshi Badal | December 3, 2025 8:05 PM

Bangladesh Ex Army General Statement: बांग्लादेश और भारत के रिश्तों में आई खटास के बीच पड़ोसी देश के पूर्व आर्मी जनरल ने हाल ही में भारत के खिलाफ घटिया टिप्पणी की है. बांग्लादेश के रिटायर्ड आर्मी जनरल ने कहा कि जब तक भारत टुकड़ों में नहीं बंटेगा तब तक बांग्लादेश में पूरी तरह से शांति नहीं आ पाएगी. पूर्व आर्मी जनरल अब्दुल्लाहिल अमान आजमी ने किसी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर एक चर्चा के दौरान ये बात कही है. बताते चलें की अब्दुल्लाह अमान आजमी कोई और नहीं बल्कि जमात-ए-इस्लामी के प्रमुख रह चुके गुलाम आजम के बेटे हैं. 

प्रेस क्लब के इवेंट में दिया ये बयान

इंडिया टुडे के एक रिपोर्ट के मुताबिक ढाका में एक नेशनल प्रेस क्लब के किसी इवेंट में पूर्व जनरल ने ये सारी बातें कही हैं. अपने भाषण में आजमी ने कहा जब तक की भारत टुकड़ों में नहीं बंट जाता तब तक बांगलादेश में पूरी तरह से शांति नहीं आ जाएगी. इस घटिया टिप्पणी पर भारत ने भी कड़ी आपत्ति जताई है. उन्होंने अपने बयान में कहा कि भारत की राजधानी दिल्ली हर वक्त अशांती को जिंदा रखती है. बता दें की आजमी के पिता जमात-ए-इस्लामी के 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान हिंदुओं और मुक्ति समर्थक बंगालियों के नरसंहार के लिए भी जिम्मेदार थे. 

भारत पर लगाए ये आरोप

इसी के साथ उन्होंने भारत पर साल 1975 से 1996 तक चटगांव हिल्स पर अशांति और दंगों को बढ़ावा देने का भी आरोप भी लगाया है. बता दें की चटगांव बांग्लादेश और भारतीय सीमा के दक्षिण-पूर्वी हिस्से का एक पहाड़ी क्षेत्र है जिसमें कुल तीन जिले शामिल हैं. 

इन्होंने आगे दावा किया शेख मुजिबुर रहमान सरकार के दौरान पर्वतीय चटगांव जन संहति समिती (PCJSS) का गठन किया गया था जिसकी सशक्त शाखा “शांति वहिनी” थी. रिटायर्ड आर्मी जनरल का कहना है कि भारत ने ही उन्हें पनाह दिया, हथियार और प्रशिक्षण दिया जिससे की 1975 से 1996 तक इन पहाड़ों में खून खराबा हुआ और लाशें बिछी. 

चटगांव हिल ट्रेक्ट्स शांति समझौते की आलोचना करते हुए आजमी ने आरोप लगाया कि शांति वाहिनी द्वारा हथियार डालना सिर्फ एक दिखावा था. यह शांति समझौता 2 दिसंबर 1997 को ढाका में सरकार और पीसीजेएसएस के बीच दशकों से चल रहे विवाद को समाप्त करने के लिए हुआ था. 

पहले भी दिए हैं विवादित बयान

यह पहली बार नहीं है जब आजमी ने भारत के खिलाफ ऐसे शब्दों का इस्तेमाल किया है. विवादों में घिरे रहने वाले आजमी अक्सर ही ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के माध्यम से भारत के खिलाफ ऐसे विवादित बयान देते आए हैं. उनकी यह टिप्पणी एक ऐसे समय में आई है जब बांग्लादेश में शेख हसीना के नेतृत्व वाली सरकार के पतन के बाद आई है जहां दोनों देशों में तनाव का माहौल चल रहा है. 

कर्नल मयंक चौबे की ट्विट को आप यहां देख सकते हैं.

कर्नल मयंक चौबे ने ये प्रतिक्रिया दी

भारत के खिलाफ इस भड़काऊ बयान के बाद रक्षा विशेषज्ञ और पूर्वी सेना अधिकारी कर्नल मयंक चौबे ने ट्वीट कर लिखा की यह कोई छिटपुट टिप्पणी नहीं बल्कि एक मानसिकता है जो बांग्लादेश के पावर इकोसिस्टम में चुपचाप पनप रही है. इन्होंने आगे लिखा की इस तरह के बयानों से पता चलता है कि आज चरमपंथी समूह क्यों उत्साहित महसूस कर रहे हैं और ऐसी भड़काऊ बयानबाजी उनके गलत इरादों को भी दर्शाते हैं. इस सब के बाद भारत को काफी सतर्क और पड़ोसी देश के ताकतों के प्रति पूरी तरह स्पष्ट रखना चाहिए जो मन ही मन भारत के टूटने के सपने देख रहा है और कूटनीति का दिखावा करता है.

प्रभात खबर पॉडकास्ट में रवि शास्त्री 7 दिसंबर को.

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