पाकिस्तान ने तालिबान की मदद के लिए भेजे 10 हजार लड़ाके, गनी ने इमरान को सुनायी मुंह पर खरी खोटी

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने यह बात ताशकंद में हो रहे एक क्षेत्रीय सम्मेलन में कही जिसमें चीनी विदेश मंत्री वांग यी, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 17, 2021 7:46 AM

अफगानिस्तान में तालिबान एक बार फिर अपनी जड़ें मजबूत कर रहा है पाकिस्तान सहित कई देश इन लड़ाकों की मदद कर रहे हैं. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इस मामले में पाकिस्तान की कड़ी आलोचना की है. राष्ट्रपति गनी ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से कहा कि तालिबान की मदद के लिए उन्होंने 10 हजार से अधिक जिहादी लड़ाके अफगानिस्तान भेजे हैं और तालिबान की मदद कर रहे हैं.

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने यह बात ताशकंद में हो रहे एक क्षेत्रीय सम्मेलन में कही जिसमें चीनी विदेश मंत्री वांग यी, भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर, रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव सहित कई देशों के प्रतिनिधि मौजूद थे.

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पाकिस्तान के राष्ट्रपति इमरान खान सामने बैठे थे जिस वक्त अफगान के राषट्रपति मौजूदा हालात के लिए उन्हें जिम्मेदार ठहरा रहे थे गनी ने कहा, ”खुफिया अनुमान संकेत देते हैं कि पिछले महीने पाकिस्तान और अन्य स्थानों से 10,000 से अधिक जिहादी लड़ाके अफगानिस्तान पहुंचे हैं.

पाकिस्तान ने शांति वार्ता में हिस्सा लेने के लिए तालिबान को प्रभावित करने और आतंकवादियों की सीमा पार गतिविधियों को रोकने के आश्वासन दिया था जिसमें वह पूरी तरह से विफल रहा है. इमरान खान और उनके जनरलों ने बार-बार आश्वासन दिया था कि तालिबान कभी अफगानिस्तान की सत्ता में नहीं आयेगा. अब तालिबान का समर्थन करने वाले जश्न मना रहे हैं.

अफगानिस्तान के राष्ट्रपति ने जब इस बैठक में कई देशों के प्रतिनिधियों के सामने इमरान की पोल खोल दी तो पाकिस्तान बौखला गया. इस पूरे मामले पर इसके बाद इमरान ने सफाई दी जिसमें उन्होंने कहा, अफगानिस्तान के हालातों का सबसे ज्यादा खामियाजा पाकिस्तान को भुगतना पड़ रहा है .

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15 साल में पाकिस्तान में इसके चलते 70 हजार लोगों की जान गई है. पाकिस्तान और संघर्ष नहीं चाहता. हमने तालिबान से बातचीत की कोशिश की है लेकिन दूसरे देशों ने साथ नहीं दिया. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा, अफगानिस्तान में मौजूदा हालात के लिए पाकिस्तान को गलत ठहराना बिल्कुल भी ठीक नहीं है.

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