जीका वायरस को लेकर WHO ने वैश्विक आपात स्थिति घोषित की

जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मच्छर जनित वायरस ‘जीका’ के प्रसार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दी. इस वायरस से अमेरिकियों में जन्म संबंधी विकृति होने का संदेह है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने जिनेवा में स्वतंत्र विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाकर पिछले साल ब्राजील में जीका के आने और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 2, 2016 10:02 AM

जिनेवा : विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने मच्छर जनित वायरस ‘जीका’ के प्रसार को लेकर अंतरराष्ट्रीय आपात स्थिति घोषित कर दी. इस वायरस से अमेरिकियों में जन्म संबंधी विकृति होने का संदेह है. संयुक्त राष्ट्र की स्वास्थ्य एजेंसी ने जिनेवा में स्वतंत्र विशेषज्ञों की आपात बैठक बुलाकर पिछले साल ब्राजील में जीका के आने और असामान्य तौर पर छोटे सिर के साथ जन्मे बच्चों की संख्या में वृद्धि के बीच तार जुडे होने के संदेह के बाद इसके प्रसार का आकलन किया गया.

डब्ल्यूएचओ महानिदेशक मारग्रेट चान ने कहा, ‘साक्ष्यों की समीक्षा के बाद समिति ने राय दी कि माइक्रोसेफेली के समूह और अन्य तंत्रिका संबंधी जटिलताएं एक आपात स्थिति पैदा करती हैं और दुनिया के अन्य हिस्सों के लिए लोगों की सेहत को खतरा पैदा होता है.’ संगठन का आकलन है कि अगले साल अमेरिकियों में जीका के 40 लाख मामले हो सकते हैं लेकिन यात्रा या व्यापार पर किसी तरह की पाबंदी की सिफारिश नहीं की गयी है. चान ने कहा, ‘यह समझना महत्वपूर्ण है कि गर्भवती महिलाएं कई कदम उठा सकती हैं.’

ब्राजील ने जीका के खतरे के कारण गर्भवती महिलाओं को ओलंपिक से बचने को कहा

ब्राजील की राष्ट्रपति दील्मा रौसेफ के चीफ ऑफ स्टाफ ने कहा है कि जीका वायरस के खतरे के कारण गर्भवती महिलाओं को ओलंपिक खेलों के लिए ब्राजील की यात्रा नहीं करनी चाहिए. आशंका जताई जा रही है कि जीका वायरस मस्तिष्क को गंभीर क्षति पहुंचाता है. कैबिनेट प्रमुख जेक्स वैगनर ने कल कहा ‘मैं तो कहूंगा कि गर्भवती महिलाओं के लिए खतरा है और यह गंभीर है. निश्चित रूप से हमें आपको (खेलों के लिए यात्रा करने की) सलाह नहीं देनी चाहिए क्योंकि आप कभी भी खतरा मोल नहीं लेना चाहेंगी.’

यह अप्रत्याशित चेतावनी ऐसे समय पर दी गई है जब रियो डी जेनेरियो में ओलंपिक खेलों के उद्घाटन समारोह के लिए करीब छह माह का समय बचा है. मच्छर जनित इस बीमारी के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन ने आपातकाल घोषित कर दिया है. आशंका है कि इस वायरस के कारण शिशुओं को माइक्रोसेफेली या असामान्य रूप से छोटे सिर की समस्या हो जाती है. वैगनर ने कहा कि रौसेफ के विचार से डब्ल्यूएचओ ने सकारात्मक कदम उठाया है क्योंकि इससे वैज्ञानिक समुदाय सहित पूरी दुनिया नये वायरस के खतरे के बारे में सतर्क हुई है.