नेपाल में भूकंप से 3 मीटर दक्षिण खिसका काठमांडू, एवरेस्ट में कोई बदलाव नहीं

सिडनी : नेपाल को तबाह करने और हजारों लोगों की जान लेने वाले भूकंप ने काठमांडू की भौगोलिक स्थिति बदल दी है, हालांकि माउंट एवरेस्ट में किसी बदलाव के संकेत नहीं हैं. इस घटना की वजह से काठमांडू कई मीटर दक्षिण की ओर खिसक गया है. नेपाल में शनिवार को आया 7.9 तीव्रता का भूकंप […]

By Prabhat Khabar Print Desk | April 28, 2015 6:10 PM
सिडनी : नेपाल को तबाह करने और हजारों लोगों की जान लेने वाले भूकंप ने काठमांडू की भौगोलिक स्थिति बदल दी है, हालांकि माउंट एवरेस्ट में किसी बदलाव के संकेत नहीं हैं. इस घटना की वजह से काठमांडू कई मीटर दक्षिण की ओर खिसक गया है.
नेपाल में शनिवार को आया 7.9 तीव्रता का भूकंप देश में पिछले 80 सालों में आया सबसे भयावह हादसा है. इसमें अभी तक 4,300 से ज्यादा लोग मारे गए हैं और बडे पैमाने पर संपति को क्षति पहुंची है.
इस वजह से इंडियन प्लेट के यूरेशियन प्लेट के नीचे खिसकने से हुए घर्षण के कारण पृथ्वी का 7,200 वर्ग किलोमीटर भूभाग अपनी जगह से तीन मीटर ऊपर उठ गया. इसी खिंचाव की वजह से एक ही झटके में 79 लाख टन ऑफ टीएनटी ऊर्जा निकली, जिससे पृथ्वी की धुरी पर भी असर पड़ा. इस ऊर्जा का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह हिरोशिमा में हुए एटमी धमाके से निकली ऊर्जा से 504.4 गुना ज्यादा थी.
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के टेक्टोनिक्स विशेषज्ञ जेम्स जैक्सन ने बताया कि भूकंप के बाद पृथ्वी से गुजरने वाली वाली ध्वनि तरंगों के संबंध में जुटाए गए आंकडों के मुताबिक राजधानी काठमांडू के नीचे की जमीन संभवत: करीब तीन मीटर दक्षिण की ओर खिसक गयी है. इसके अलावा एडिलेड विश्वविद्यालय के फिजिकल साइंस विभाग के प्रमुख सैंडी स्टेसी का विश्लेषण भी कुछ ऐसा ही है.

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