संयुक्त राष्ट्र प्रमुख बान की-मून ने भारत को दी गणतंत्र दिवस की शुभकामनाएं

संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने भारत को उसके 66वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस वैश्विक संगठन (सं.रा.) के महत्वाकांक्षी विकास एजेंडे को दुनियाभर में सफलता दिलाने के लिए और वर्ष 2015 में एक नया वैधानिक जलवायु समझौता करने के लिए भारत बहुत महत्वपूर्ण है. सामान्य प्रोटोकॉल […]

By Prabhat Khabar Print Desk | January 27, 2015 12:44 PM
संयुक्त राष्ट्र : संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की-मून ने भारत को उसके 66वें गणतंत्र दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इस वैश्विक संगठन (सं.रा.) के महत्वाकांक्षी विकास एजेंडे को दुनियाभर में सफलता दिलाने के लिए और वर्ष 2015 में एक नया वैधानिक जलवायु समझौता करने के लिए भारत बहुत महत्वपूर्ण है.
सामान्य प्रोटोकॉल से परे जाते हुए बान ने भारत को उसके गणतंत्र दिवस यानी 26 जनवरी के अवसर पर शुभकामनाएं दीं. अपने संदेश की शुरुआत नमस्ते से करते हुए बान ने कहा कि भारत की यह महत्वपूर्ण वर्षगांठ इस बार एक ऐसे बेहद महत्वपूर्ण वर्ष में आई है, जब संयुक्त राष्ट्र भी अपनी 70वीं वर्षगांठ मना रहा है.
उन्होंने कहा, हम अपने इतिहास के सात दशकों को ही याद नहीं कर रहे, हम एक नए भविष्य को आकार देने का भी लक्ष्य रख रहे हैं. वर्ष 2015 में हमें ‘मिलेनियम डेवलपमेंट गोल्स’ (सहस्त्राब्दि विकास लक्ष्य) का अपना अभियान संपन्न करना है, टिकाऊ विकास के नए लक्ष्य अपनाना है और एक नया अर्थपूर्ण कानूनी जलवायु समझौता लागू करना है.
बान ने कहा कि भारत उसके इस महत्वाकांक्षी एजेंडे को सफल बनाने के लिए महत्वपूर्ण है. इसलिए उन्होंने इस महत्वपूर्ण वर्ष की शुरुआत 9 जनवरी से 13 जनवरी तक नयी दिल्ली और गुजरात की यात्रा के जरिए की.
बान के संदेश को म्यांमार पर उनके विशेष सलाहाकार विजय नाम्बियार ने गणतंत्र दिवस के एक समारोह के दौरान पढा. इस समारोह का आयोजन कल संयुक्त राष्ट्र में भारतीय स्थायी मिशन द्वारा किया गया था.
संयुक्त राष्ट्र के प्रमुख ने शांतिरक्षा, लोकतंत्र और विकास के क्षेत्रों पर भारत के योगदान के लिए उसके प्रति अपना गहरा आभार व्यक्त किया. साझा लक्ष्यों को सच करने में योगदान को और मजबूत करने की अपील नयी दिल्ली से करते हुए उन्होंने कहा, भारत का गणतंत्र दिवस एक ऐसा अवसर है, जब यह दर्शाया जा सकता है कि किसी तरह भारत-संयुक्त राष्ट्र के मजबूत संबंध एक बेहतर भविष्य बना सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने अपने संदेश का अंत ‘जय हिंद’ और धन्यवाद के साथ किया.

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