इबोला ले सकता है महामारी का रूप,सकते में दुनिया

वाशिंगटन : अमेरिका में चौथा और माली में पहला इबोला संक्रमित मरीज के मिलने से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है. हर देश इससे बचने के उपाय ढूंढ रहा है. पश्चिमी अफ्रीका में पहले से ही कहर बरपा रही इबोला महामारी मध्य दिसंबर तक विस्फोटक रूप धारण कर सकती है और तत्काल कार्रवाई न […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 25, 2014 8:15 AM

वाशिंगटन : अमेरिका में चौथा और माली में पहला इबोला संक्रमित मरीज के मिलने से पूरी दुनिया में हड़कंप मच गया है. हर देश इससे बचने के उपाय ढूंढ रहा है. पश्चिमी अफ्रीका में पहले से ही कहर बरपा रही इबोला महामारी मध्य दिसंबर तक विस्फोटक रूप धारण कर सकती है और तत्काल कार्रवाई न किये जाने पर इससे हजारों लोगों की जान जा सकती है.

येल यूनिवर्सिटी के स्कूल्स ऑफ पब्लिक हेल्थ एंड मेडिसिन के सात वैज्ञानिकों तथा स्वास्थ्य एवं समाज कल्याण मंत्रलय की एक टीम ने लाइबेरिया में विषाणु जनित बीमारी का एक गणितीय ट्रांसमिशन मॉडल विकसित किया और लाइबेरिया के पहले से ही काफी प्रभावित अधिक जनसंख्यावाले मांटसेराडो क्षेत्र पर इसे लागू किया. अनुसंधानकर्ताओं ने पूर्वानुमान में इबोला के हजारों मामले पाये और आशंका जतायी कि यदि महामारी अपनी वर्तमान गति से जारी रही तो 15 दिसंबर तक और बहुत सी मौतों की आशंका है.

स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में महामारी विज्ञान के प्रोफेसर और पत्र के वरिष्ठ लेखक अलीसन गलवानी ने कहा, ‘हमारे पूर्वानुमान से यह रेखांकित होता है कि धीरे-धीरे इस पर नियंत्रण की संभावना क्षीण हो रही है.’ गलवानी और उनके सहकर्मियों द्वारा विकसित मॉडल में अनुमान लगाया गया है कि ज्ञात और अज्ञात कुल 1,70,996 मामले हो सकते हैं जो 13.8 लाख आबादी का 12 प्रतिशत है. 15 दिसंबर तक अकेले मांस्टेराडो में ही 90,122 मौतें हो सकती हैं.

अध्ययन करनेवालों का अनुमान है कि उस समय तक 42,669 मामलों और 27,175 मौतों की रिपोर्ट होगी. मॉडल में कहा गया है कि यदि अंतरराष्ट्रीय समुदाय 31 अक्तूबर से तत्काल नियंत्रण कदम उठाना शुरू कर दे तो बीमारी के 97,940 मामलों को टाला जा सकता है.