आजीवन राष्ट्रपति बने रहने की तैयारी में शी चिनफिंग, चीन में बवाल

बीजिंग : महाशक्ति बनने की प्रतिस्पर्धा में तैयार चीन से चौंकाने वाली खबर सामने आयी है. चीन में वर्तमान राष्ट्रपति शी चिनफिंग को सत्ता में अनिश्चित समय तक बने रहने की इजाजत मिल गयी है. इस फैसले के बाद से चीन में भूचाल सा मच गया है. चीनी नागरिकों ने इंटरनेट में शी चिनफिंग के […]

By Prabhat Khabar Print Desk | February 26, 2018 6:44 PM

बीजिंग : महाशक्ति बनने की प्रतिस्पर्धा में तैयार चीन से चौंकाने वाली खबर सामने आयी है. चीन में वर्तमान राष्ट्रपति शी चिनफिंग को सत्ता में अनिश्चित समय तक बने रहने की इजाजत मिल गयी है. इस फैसले के बाद से चीन में भूचाल सा मच गया है. चीनी नागरिकों ने इंटरनेट में शी चिनफिंग के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया जताना शुरू कर दिया है.

राजनीतिक पर्यवेक्षक सीपीसी के इस कदम से चीन में एक व्यक्ति का शासन लौटने की आशंका देख रहे हैं. सीपीसी की ओर से अगले महीने प्रस्तावित संवैधानिक बदलावों की घोषणा के एक दिन बाद चीन में इंटरनेट इस्तेमाल करने वालों ने जब इस फैसले पर आपत्ति जताना शुरू किया, तो उनका कंटेट ही हटा लिया गया.
इस नये कानून के साथ शी 2023 तक राष्ट्रपति बने रहेंगे. कार्यकाल की सीमा खत्म होने से जनता में भारी आक्रोश है. गौरतलब है कि पिछले कानून के हिसाब से चीन में सिर्फ दो ही बार राष्ट्रपति या उपराष्ट्रपति बना जा सकता था. कई विश्लेषकों का मानना है कि शी चिनफिंग खुद को कम्यूनिस्ट चीन के संस्थापक माओ के समकक्ष खड़ा करना चाहते हैं.
विदेशी मीडिया ने जब इस फैसले को लेकर प्रतिक्रिया जताने लगी तो चीनी सरकारी अधिकारी इस फैसले के समर्थन में कई तर्क दे रहे हैं. हांगकांग के चाइनीज यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर विली लैम ने पूरे घटनाक्रम के बारे में बात करते हुए कहा कि चीन के माओ ने एक बार यह गलती की थी. उस वक्त पूरा चीन ‘वन मैन शो’ था. आज शी चिनफिंग जो भी कहते हैं, वह कानून बन जाता है.
शी का कार्यकाल इसी साल पूरा हो रहा था. लेकिन पांच मार्च को होने वाले संसदीय समिति में यह फैसला पारित होगा. कई राजनीतिक विश्लेषकों ने इस फैसले का बचाव करते हुए कहा कि 2050 तक चीन एक समृद्ध राष्ट्र बनना चाहता है. लैम के मुताबिक इस फैसले के पीछे यह तर्क दिया जा सकता है. चीन को आने वाले दिनों में एक योग्य व विजनरी नेता चाहिए जो कई दशकों के ग्रांड प्लान के साथ खड़ा रहा. लेकिन इसके साथ दूसरे पहलू यह जुड़ा हुआ है कि राष्ट्रपति का व्यवहार सम्राट जैसा होना लगता है.
चीन में शी जिंगपिंग को कई लोग शक की नजरों से देखते हैं क्योंकि उनकी छवि एक ‘ कल्ट इमेज’ पैदा किये जाने वाले शख्स के रूप में होत है. कई लोगों को लगता है कि उन्होंने अपने शासनकाल में प्रोपेगैंडा को बढ़ावा दिया है. अब वह राष्ट्र की सुरक्षा समेत आम लोगों को नैतिक शिक्षा भी देते नजर आते हैं.

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