लिंक्डइन की ‘वर्कफोर्स कॉन्फिडेंस इंडेक्स’ सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे, कोविड-19 ने भारतीय कामकाजी महिलाओं की ऐसे बढ़ाई चिंता

कोविड-19 महामारी ने घरेलू रिश्तों पर भी असर डालना शुरू कर दिया है. अब, कोविड-19 का असर कामकाजी महिलाओं पर ज्यादा देखने को मिल रहा है. देश की कामकाजी महिलाएं भावनात्मक रूप से परेशान हैं. उनमें तनाव के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. कोविड-19 के कारण रिश्तों पर भी असर पड़ रहा है. दरअसल, ऑनलाइन पेशेवर नेटवर्क लिंक्डइन ने एक सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. लिंक्डइन ने ‘वर्कफोर्स कॉन्फिडेंस इंडेक्स’ सर्वे में 2,254 पेशेवरों को शामिल किया. 27 जुलाई से 23 अगस्त तक के सर्वे के आधार पर कंपनी की रिपोर्ट पेश की गयी है. रिपोर्ट में कामकाजी मदर्स और महिलाओं पर महामारी के प्रभाव का पता चलता है. सर्वे में दावा किया गया है कि पांच में से दो महिलाओं को बच्चों की देखभाल के लिए ऑफिस के काम के अलावा घंटों आगे भी काम करना पड़ रहा है. पुरुषों की बात जाए तो 38 प्रतिशत कामकाजी पुरुषों ने कहा कि महामारी की वजह से उन पर दबाव बढ़ा है. अभी तीन में से एक महिला मतलब 31 प्रतिशत पूरे समय बच्चों की देखभाल कर रही हैं. जबकि, पांच में से एक यानी 17 प्रतिशत पुरुष ही पूरे समय बच्चों की देखभाल रहे हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 11, 2020 7:04 PM

Linked-in Workforce Confidence Index Survey | 50% कामकाजी महिलाओं में तनाव | Prabhat Khabar

कोविड-19 महामारी ने घरेलू रिश्तों पर भी असर डालना शुरू कर दिया है. अब, कोविड-19 का असर कामकाजी महिलाओं पर ज्यादा देखने को मिल रहा है. देश की कामकाजी महिलाएं भावनात्मक रूप से परेशान हैं. उनमें तनाव के लक्षण देखने को मिल रहे हैं. कोविड-19 के कारण रिश्तों पर भी असर पड़ रहा है. दरअसल, ऑनलाइन पेशेवर नेटवर्क लिंक्डइन ने एक सर्वे में चौंकाने वाले खुलासे किए हैं. लिंक्डइन ने ‘वर्कफोर्स कॉन्फिडेंस इंडेक्स’ सर्वे में 2,254 पेशेवरों को शामिल किया. 27 जुलाई से 23 अगस्त तक के सर्वे के आधार पर कंपनी की रिपोर्ट पेश की गयी है. रिपोर्ट में कामकाजी मदर्स और महिलाओं पर महामारी के प्रभाव का पता चलता है. सर्वे में दावा किया गया है कि पांच में से दो महिलाओं को बच्चों की देखभाल के लिए ऑफिस के काम के अलावा घंटों आगे भी काम करना पड़ रहा है. पुरुषों की बात जाए तो 38 प्रतिशत कामकाजी पुरुषों ने कहा कि महामारी की वजह से उन पर दबाव बढ़ा है. अभी तीन में से एक महिला मतलब 31 प्रतिशत पूरे समय बच्चों की देखभाल कर रही हैं. जबकि, पांच में से एक यानी 17 प्रतिशत पुरुष ही पूरे समय बच्चों की देखभाल रहे हैं.

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