गलवान के शहीद कुंदन ओझा (Shaheed Kundan Ojha) महज 15 दिन की बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाये

शहीद कुंदन कुमार ओझा झारखंड के साहिबगंज जिला स्थित डिहारी गांव के रहने वाले थे. किसान परिवार में जन्में कुंदन तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे. उनकी उम्र केवल 26 साल थी. इतनी कम उम्र में बेटे को खोने का गम मां-पिता की आंखों में साफ दिखता है.

By SurajKumar Thakur | June 18, 2020 3:20 PM

गलवान के शहीद कुंदन ओझा(Shaheed Kundan Ojha) महज 15 दिन की बेटी का चेहरा भी नहीं देख पाये

15 जून की रात भारत-चीन सीमा पर मौजूद गलवान घाटी में दोनों पक्ष के सैनिकों में हिंसक झड़प हो गयी. बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर संतोष बाबू सहित 20 जवान शहीद हो गये. झड़प में झारखंड के लाल कुंदन ओझा भी शहीद हो गये. शहीद कुंदन कुमार ओझा झारखंड के साहिबगंज जिला स्थित डिहारी गांव के रहने वाले थे.

किसान परिवार में जन्में कुंदन तीन भाइयों में दूसरे नंबर पर थे. उनकी उम्र केवल 26 साल थी. इतनी कम उम्र में बेटे को खोने का गम मां-पिता की आंखों में साफ दिखता है. लेकिन गर्व भी है कि, उनका सपूत मां भारती की सेवा में शहीद हुआ है.

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