Easy Tips: घर से नकारात्मक ऊर्जा दूर करने के प्रभावी वास्तु उपाय
Easy Tips: वास्तु शास्त्र में घर की हर दिशा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि हर दिशा पर ग्रह, उनके स्वामी और ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रभाव होता है. सही दिशाओं का ज्ञान और उनके अनुसार वस्तुओं काPlacement घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद करता है.
Easy Tips: आजकल कई घरों में लोग लगातार तनाव, अशांति और नकारात्मकता महसूस करते हैं, जिससे उनका जीवन प्रभावित होता है. इस बढ़ती समस्या के बीच, वास्तु शास्त्र के प्रभावी उपाय एक उम्मीद की किरण बनकर सामने आए हैं, जो घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर कर सकारात्मकता और खुशहाली ला सकते हैं. इन उपायों को अपनाकर आप अपने रहने की जगह में शांति, समृद्धि और बेहतर स्वास्थ्य का अनुभव कर सकते हैं, जिससे आपके घर का माहौल पूरी तरह से बदल जाएगा और आपको नए सिरे से ऊर्जा मिलेगी.
स्वच्छता और व्यवस्था का महत्व
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर में सकारात्मक ऊर्जा के प्रवाह को बनाए रखने के लिए स्वच्छता और व्यवस्था सबसे महत्वपूर्ण होती है. घर में गंदगी या अव्यवस्था नकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित कर सकती है और यह उन्नति में बाधा डाल सकती है. अपने घर को हमेशा साफ और सुव्यवस्थित रखना चाहिए. नियमित रूप से धूल-मिट्टी साफ करें, फर्श को पोंछें और ताजी हवा आने के लिए खिड़कियां खोलें. टूटे-फूटे सामान को तुरंत ठीक करा लें या हटा दें. बेकार की चीजों को जमा न करें, क्योंकि घर में रखा कबाड़ नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाता है. फर्नीचर को एक ही जगह पर लंबे समय तक नहीं रखना चाहिए; समय-समय पर उनकी जगह बदलते रहना चाहिए. यह घर में ऊर्जा के प्रवाह को संतुलित करता है.
दिशाओं और तत्वों का संतुलन
वास्तु शास्त्र में घर की हर दिशा का विशेष महत्व होता है, क्योंकि हर दिशा पर ग्रह, उनके स्वामी और ब्रह्मांड की ऊर्जा का प्रभाव होता है. सही दिशाओं का ज्ञान और उनके अनुसार वस्तुओं काPlacement घर में सकारात्मक ऊर्जा लाने में मदद करता है.
- मुख्य द्वार: घर का मुख्य द्वार ऊर्जा का प्रवेश द्वार होता है. इसे हमेशा साफ रखना चाहिए. मुख्य द्वार पर कुमकुम-हल्दी मिलाकर स्वास्तिक बनाना और अशोक व आम के पत्तों की बंदनवार लगाना शुभ माना जाता है. यह नकारात्मक शक्तियों को घर में प्रवेश करने से रोकता है. बुद्ध की मूर्ति रखने से भी बुरी आत्माएं और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती हैं.
- ईशान कोण (उत्तर-पूर्व): यह दिशा देवताओं का स्थान मानी गई है और यहीं से शुभ ऊर्जा घर में प्रवेश करती है. इसे हमेशा स्वच्छ और खाली रखना चाहिए. इस स्थान पर भारी सामान या बेकार की चीजें रखने से बचना चाहिए. ईशान कोण में कलश की स्थापना करने से भी नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है.
- दक्षिण-पूर्व दिशा: इस दिशा को शक्ति की दिशा माना गया है. यहां पीतल के दीपक में अखंड ज्योत जलाना और चंदन की लकड़ी की चौकी पर तांबे का स्वास्तिक रखना घर में सकारात्मकता बढ़ाता है.
- घड़ियां: वास्तु के अनुसार, घड़ियां किसी दिशा को ऊर्जावान बनाती हैं. घर में जितनी भी घड़ियां हों, वे चलनी चाहिए. बंद घड़ियां देरी या वित्त में रुकावट का प्रतीक मानी जाती हैं. सारी घड़ियां उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में लगी होनी चाहिए.
- स्वास्तिक: स्वास्तिक चार दिशाओं का प्रतिनिधित्व करता है और घर में ऊर्जा को संतुलित करता है. मुख्य द्वार पर स्वास्तिक लगाने से नकारात्मक ऊर्जा बाहर रहती है और सकारात्मकता अंदर आती है. उत्तर दिशा में नीला स्वास्तिक करियर और नए अवसरों को आकर्षित करता है, जबकि पश्चिम दिशा में सफेद स्वास्तिक रिश्तों और सामाजिक सम्मान को बढ़ाता है.
पौधे और प्राकृतिक तत्व
पेड़-पौधे न केवल वातावरण को खुशनुमा बनाते हैं, बल्कि वास्तु शास्त्र में भी इनका काफी महत्व माना गया है. पेड़-पौधों से निकलने वाली ऊर्जा का प्रभाव घर के सदस्यों पर पड़ता है.
- तुलसी का पौधा: इसे धन की देवी मां लक्ष्मी का प्रतीक माना जाता है.
- शमी का पौधा: ज्योतिष शास्त्र में शमी के पौधे का संबंध शनि ग्रह से माना गया है. इसे घर के मुख्य द्वार की बाईं तरफ थोड़ी दूरी पर लगाना चाहिए, ताकि इसकी छाया घर पर न पड़े. इसकी पूजा से घर में खुशहाली और आर्थिक स्थिति में सुधार आता है.
- स्नेक प्लांट: यह घर की हवा को शुद्ध करता है और नकारात्मकता को दूर कर सकारात्मक ऊर्जा फैलाता है. इसे घर की दक्षिण, पूर्व और दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए.
- ताजे फूल: घर में ताजे फूल रखने से करुणा उत्पन्न होती है और चिंता, बेचैनी व अवसाद जैसी नकारात्मक भावनाएं खत्म होती हैं. सुबह-सुबह ताजे फूल लाकर घर में खुशबू फैलाने से वातावरण बदलता है और सकारात्मक ऊर्जा आती है.
- पेड़-पौधों का स्थान: घर के अंदर दूध वाले या कांटे वाले वृक्षों को नहीं लगाना चाहिए. घर में इतने घने वृक्ष भी नहीं होने चाहिए जिससे सूर्य का प्रकाश अवरुद्ध हो, अन्यथा ऐसे घर असमृद्धिकारी होते हैं. पश्चिम दिशा में पीपल, दक्षिण दिशा में गूलर और उत्तर दिशा में पाकड़ का वृक्ष शुभ फल देता है.
रंगों और प्रकाश का प्रभाव
रंग हमारे जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, हमारे मूड, भावनाओं और संपूर्ण कल्याण को प्रभावित करते हैं. वास्तु शास्त्र के अनुसार, रंगों का घर के भीतर ऊर्जा प्रवाह पर गहरा प्रभाव पड़ता है.
- बैठक (लिविंग रूम): ड्राइंग रूम या बैठक में सफेद, ऑफ-व्हाइट और हल्का पीला रंग सही रहता है. पीला रंग उत्साह का प्रतीक है और यह हिम्मत देता है.
- शयनकक्ष (बेडरूम): बेडरूम के लिए नीले, हरे और गुलाबी रंग के हल्के शेड्स सुखदायक माने जाते हैं और शांति की भावना को बढ़ावा देते हैं. हल्के हरे और लैवेंडर जैसे शांत रंग मन और शरीर पर शांत प्रभाव डालते हैं.
- रसोई घर: रसोई में नारंगी, लाल, पीला और गुलाबी रंग आदर्श होते हैं. ये जीवंत रंग भूख को उत्तेजित करते हैं और सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा देते हैं. लाल रंग को वास्तु में अधिक बलशाली माना गया है और इसका प्रयोग उन कमरों में किया जा सकता है जहां हमेशा हलचल रहती हो, जैसे जिम या ड्राइंग रूम.
- पूजा घर: पूजा स्थान में पीला, नारंगी या हल्का नीला रंग करवाना चाहिए. पूजा कक्ष को सफेद, नीले और पीले जैसे हल्के रंगों से रंगा जाना चाहिए ताकि पूजा के माहौल को आराम और शांति मिले.
- सामान्य रंग: सफेद, हरा, नीला और पीला रंग घर के लिए शुभ माने जाते हैं. नीला रंग आराम का प्रतीक है और दीवारों पर इसका उपयोग सकारात्मक और शांत ऊर्जा देता है.
- प्रकाश: घर में पर्याप्त प्राकृतिक प्रकाश आना बहुत जरूरी है. बंद और अंधेरे स्थान नकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाते हैं.
धार्मिक और आध्यात्मिक उपाय
वास्तु शास्त्र में कुछ धार्मिक और आध्यात्मिक उपाय भी बताए गए हैं, जो घर से नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने में सहायक होते हैं.
- नियमित पूजा-पाठ: घर में नियमित रूप से पूजा-पाठ करने, ध्यान, योग या मंत्र जाप करने से सकारात्मक ऊर्जा बढ़ती है. धूप या अगरबत्ती जलाना और धार्मिक ग्रंथों का पाठ करना भी लाभकारी होता है.
- कपूर: घर में जिस भी जगह वास्तु दोष हो, वहां कपूर रख देना चाहिए. कपूर खत्म होने पर फिर से रख दें, इससे धन-धान्य में वृद्धि होती है.
- फिटकरी: फिटकरी नकारात्मक ऊर्जा को अवशोषित करने और सकारात्मकता को बढ़ाने की अद्भुत क्षमता रखती है.
- घर की शुद्धि के लिए फिटकरी के पानी से फर्श की पोंछा लगाएं, खासकर मुख्य द्वार और कोनों में.
- एक छोटे कपड़े में फिटकरी का टुकड़ा बांधकर मुख्य द्वार के ऊपर लटकाने से नकारात्मक शक्तियां घर में प्रवेश नहीं कर पातीं. हर 15 दिन में फिटकरी बदल दें.
- बाथरूम में कांच के कटोरे में फिटकरी का टुकड़ा रखने से नकारात्मक ऊर्जा सोख ली जाती है.
- पारिवारिक कलह दूर करने के लिए एक कटोरी में फिटकरी के 5 छोटे टुकड़े और थोड़ा कपूर लिविंग रूम या पूजा स्थल में रखें.
पानी और नमक का उपयोग
नमक में नकारात्मक ऊर्जा को अपने अंदर खींच लेने का गुण होता है और यह वास्तु दोषों को दूर करने में बहुत कारगर माना गया है.
- नमक के पानी का पोंछा: घर में नियमित रूप से नमक के पानी का पोंछा लगाने से वास्तु दोष खत्म होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. यह कीटाणुओं को मारने में भी मदद करता है. गुरुवार को यह उपाय नहीं करना चाहिए.
- नमक के कटोरे: बेडरूम में या कमरे के कोनों में एक कांच के बर्तन में सेंधा नमक या समुद्री नमक डालकर रखने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. कांच की प्याली में नमक भरकर उसमें चार-पांच लौंग डालकर उत्तर-पूर्व दिशा में रखने से धन लाभ होता है और आर्थिक स्थिति बेहतर होती है.
- स्नान में नमक: मानसिक तनाव दूर करने के लिए हफ्ते में एक से दो बार नहाने के पानी में थोड़ा सा समुद्री नमक मिलाकर स्नान करें. इससे शरीर की नकारात्मक ऊर्जा भी समाप्त होती है और घर की आर्थिक स्थिति में सुधार आता है.
- मुख्य द्वार पर नमक: बुरी ऊर्जा को घर में प्रवेश करने से रोकने के लिए सभी प्रवेश द्वारों पर समुद्री नमक छिड़कें और उसे डोरमैट से ढक दें.
इन वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने घर के वातावरण को सकारात्मक और शांतिपूर्ण बना सकते हैं. यह न केवल घर के सदस्यों के मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव डालता है, बल्कि जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति के मार्ग भी खोलता है.
