लिविंग रूम सजावट: इन वास्तु टिप्स से बदल जाएगी घर की किस्मत

हाल की रिपोर्टों के अनुसार, घर की सजावट केवल सौंदर्य तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह आपके घर की ऊर्जा और सौभाग्य पर भी गहरा असर डालती है। वास्तु शास्त्र के विशेषज्ञ बताते हैं कि लिविंग रूम में कुछ खास वस्तुओं का सही स्थान पर होना सकारात्मक ऊर्जा और समृद्धि को आकर्षित करता है। मोर पंख, दौड़ते हुए घोड़ों की पेंटिंग और फिश पेंटिंग जैसे डेकोर आइटम्स को सही दिशा में रखने से घर में धन-धान्य और खुशहाली बनी रहती है। जानें कैसे अपने लिविंग रूम को बनाएं भाग्यशाली। [16, 27]

By Sameer Oraon | August 10, 2025 7:45 PM

Vastu Tips: आजकल हर कोई अपने घर में सुख-शांति और समृद्धि चाहता है. ऐसे में, वास्तु शास्त्र के प्राचीन नियम आपके लिविंग रूम की सजावट में बड़े बदलाव ला सकते हैं. माना जाता है कि घर का लिविंग रूम सकारात्मक ऊर्जा का केंद्र होता है, और इसकी सही दिशा व व्यवस्था सीधे तौर पर आपके परिवार की किस्मत को प्रभावित करती है. अब बिना तोड़फोड़ किए, बस कुछ आसान वास्तु टिप्स अपनाकर आप अपने घर की ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं और दुर्भाग्य को सौभाग्य में बदल सकते हैं. जानें कैसे आपके घर का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा, लिविंग रूम, आपकी खुशियों का नया द्वार खोल सकता है.

वास्तु शास्त्र का महत्व और लिविंग रूम की भूमिका

भारतीय परंपरा में वास्तु शास्त्र का एक महत्वपूर्ण स्थान है. यह प्राचीन विज्ञान दिशाओं, ऊर्जा और ब्रह्मांडीय शक्तियों के बीच संतुलन स्थापित करने पर केंद्रित है, जिसका उद्देश्य घर में रहने वाले लोगों के लिए सुख, शांति और समृद्धि लाना है. घर का हर कोना, विशेषकर लिविंग रूम, यानी बैठक कक्ष, इस ऊर्जा प्रवाह में अहम भूमिका निभाता है. लिविंग रूम वह स्थान है जहाँ परिवार एक साथ समय बिताता है, मेहमानों का स्वागत किया जाता है, और अक्सर महत्वपूर्ण निर्णय लिए जाते हैं. इसलिए, लिविंग रूम की सजावट और व्यवस्था वास्तु सिद्धांतों के अनुसार होना बहुत महत्वपूर्ण है ताकि घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार हो सके. वास्तु के अनुसार, सही दिशा में रखे गए सामान और उचित रंग योजना घर की सुख-समृद्धि और खुशहाली सुनिश्चित करती है.

लिविंग रूम की दिशा और प्रवेश द्वार

लिविंग रूम की सही दिशा का चुनाव घर की कुल ऊर्जा को प्रभावित करता है. वास्तु के अनुसार, यदि घर का मुख पूर्व या उत्तर दिशा में है, तो लिविंग रूम को उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में बनाना चाहिए. पश्चिम मुखी घरों के लिए, लिविंग रूम उत्तर-पश्चिम दिशा (वायव्य कोण) में होना चाहिए, और दक्षिण मुखी घरों के लिए, दक्षिण-पूर्व दिशा सबसे उपयुक्त मानी जाती है. यह निर्धारित दिशाओं में लिविंग रूम का निर्माण घर में धन, स्वास्थ्य और सफलता ला सकता है. प्रवेश द्वार घर में ऊर्जा का मुख्य स्रोत होता है. इसलिए, लिविंग रूम का प्रवेश द्वार पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में होना चाहिए, और इस स्थान पर पर्याप्त रोशनी होनी चाहिए. मुख्य द्वार पर ‘ओम’, ‘स्वस्तिक’ जैसे शुभ चिह्न लगाने से सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश होता है और नकारात्मकता दूर रहती है.

फर्नीचर की व्यवस्था

लिविंग रूम में फर्नीचर की सही व्यवस्था घर के सदस्यों के स्वास्थ्य, धन और खुशी पर सीधा प्रभाव डालती है. भारी फर्नीचर जैसे सोफा सेट को हमेशा लिविंग रूम के पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना चाहिए. हल्के फर्नीचर को पूर्व और उत्तर दिशा में रखा जा सकता है. वास्तु सुझाव देता है कि सोफे को पूर्व या उत्तर की दीवारों के सामने रखना चाहिए ताकि वे सूर्य की सीधी किरणों को प्रतिबिंबित कर सकें. इससे सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह बना रहता है. सोफे को दीवार से थोड़ा हटकर रखना चाहिए ताकि ऊर्जा का प्रवाह बाधित न हो. बीम के नीचे सोफा या कुर्सी रखने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे तनाव और रिश्तों में दूरियां आ सकती हैं. यदि ऐसा संभव न हो, तो बीम के नीचे बांसुरी या विंड चाइम लटका सकते हैं. टेढ़ी-मेढ़ी या गोलाकार डाइनिंग टेबल के बजाय चौकोर या आयताकार डाइनिंग टेबल का उपयोग करना चाहिए, जो स्थिरता और सकारात्मकता लाती है.

सही रंग और प्रकाश व्यवस्था

लिविंग रूम के लिए रंगों का चुनाव घर के माहौल को सीधे प्रभावित करता है. वास्तु के अनुसार, हल्के और सुखदायक रंग जैसे सफेद, गुलाबी, पीला, क्रीम, हल्का भूरा या हल्का नीला रंग शुभ माने जाते हैं. ये रंग सकारात्मक ऊर्जा को आकर्षित करते हैं और शांतिपूर्ण वातावरण बनाते हैं. विशेष रूप से, उत्तर दिशा वाले लिविंग रूम के लिए हल्का हरा और नीला, हल्का गुलाबी और हल्का पीला रंग सबसे अच्छा माना जाता है. पश्चिम दिशा वाले कमरों के लिए भूरे, क्रीम और सफेद जैसे मिट्टी और तटस्थ रंगों का सुझाव दिया जाता है, जो स्थिरता लाते हैं. गहरे या लाल रंग से बचना चाहिए क्योंकि ये तनाव को बढ़ावा दे सकते हैं. प्रकाश व्यवस्था भी लिविंग रूम में सकारात्मक ऊर्जा के लिए महत्वपूर्ण है. लिविंग रूम में पर्याप्त प्राकृतिक रोशनी होनी चाहिए, और कृत्रिम रोशनी का भी उचित प्रबंध करना चाहिए. कमरे में अधिकतम प्रकाश होना चाहिए, खासकर उत्तर दिशा में ट्यूबलाइट लगाना शुभ माना जाता है, जिससे घर में शांति बनी रहती है. कमरे की पश्चिम दिशा में लाइट लगाने से बचना चाहिए. रंगीन लाइटों का उपयोग केवल मंदिर में करना उचित है, अन्य स्थानों पर सफेद रोशनी का उपयोग शांतिपूर्ण माहौल बनाता है.

दर्पण का सही स्थान

वास्तु शास्त्र में दर्पण को ऊर्जा को अवशोषित और प्रतिबिंबित करने की क्षमता के कारण महत्वपूर्ण माना गया है. लिविंग रूम की उत्तर या पूर्व की दीवारों पर दर्पण लगाने से धन और सौभाग्य में वृद्धि हो सकती है. उत्तर-पूर्व दिशा में लगा शीशा धन-दौलत को आकर्षित करता है. दर्पण को इस तरह रखना चाहिए कि वह किसी भी अव्यवस्था या नकारात्मकता को प्रतिबिंबित न करे. टूटे हुए, धुंधले या गंदे शीशे का उपयोग करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मकता और निराशा आ सकती है. नुकीले आकार के दर्पण अशुभ माने जाते हैं, और आयताकार या वर्गाकार दर्पण शुभ होते हैं.

पौधे और सजावटी वस्तुएं

पौधे घर में ताजगी और सकारात्मकता लाते हैं. लिविंग रूम में मनी प्लांट, बांस का पौधा, पीस लिली, स्नेक प्लांट, जेड प्लांट और एंथुरियम जैसे पौधे शुभ माने जाते हैं. मनी प्लांट को दक्षिण-पूर्व कोने में रखने से सौभाग्य आता है. तुलसी का पौधा घर में सकारात्मक ऊर्जा बढ़ाता है और इसे उत्तर-पूर्व दिशा में रखना चाहिए. शमी का पौधा शनिदेव को प्रिय है और घर में खुशहाली लाता है. कैक्टस, सूखे फूल या कृत्रिम फूल लिविंग रूम में नहीं रखने चाहिए, क्योंकि इनसे धन हानि हो सकती है. सजावटी वस्तुओं में परिवार की खुशहाल तस्वीरें उत्तर या पूर्व दीवार पर लगानी चाहिए. प्राकृतिक दृश्य, जैसे बहती नदी या मछली की पेंटिंग, उगता हुआ सूरज, या खूबसूरत शाम की तस्वीरें घर में शांति और स्थिरता लाती हैं. इन्हें दक्षिण, पश्चिम या दक्षिण-पश्चिम दिशा वाली दीवार पर टांगना सबसे अच्छा माना जाता है. लिविंग रूम को हमेशा साफ और स्वच्छ रखना चाहिए, और अनावश्यक फर्नीचर या वस्तुओं से बचना चाहिए. फिश एक्वेरियम को पूर्व, उत्तर या उत्तर-पूर्व दिशा में रखना शुभ माना जाता है, जिससे घर में सुख-शांति बनी रहती है.

सकारात्मक ऊर्जा और परिणाम

वास्तु सिद्धांतों के अनुसार लिविंग रूम को व्यवस्थित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे निवासियों के स्वास्थ्य, वित्तीय स्थिरता और व्यक्तिगत व व्यावसायिक जीवन में सुधार होता है. यह घर में सामंजस्यपूर्ण और शांत वातावरण बनाने में मदद करता है. वास्तु अनुरूप सजावट न केवल घर को सुंदर बनाती है, बल्कि परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सौहार्द भी बढ़ाती है, जिससे जीवन में खुशहाली और समृद्धि आती है.