बंगाल में इतनी मजबूर है कांग्रेस! तय नहीं कर पा रही कितनी सीटों पर लड़ें चुनाव

West Bengal Election 2021 में वामदल और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ेंगे, यह तय हो गया है, लेकिन Congress की कुछ मजबूरियां हैं कि वह सीट शेयरिंग पर बात नहीं कर पा रही है. हालांकि, आंदोलन के मैदान में दोनों साथ-साथ हैं. Adhir Ranjan Chowdhury News

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2021 7:32 PM

West Bengal Election 2021: कोलकाता (नवीन कुमार राय) : पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव 2021 में वामदल और कांग्रेस ने मिलकर चुनाव लड़ेंगे, यह तय हो गया है, लेकिन कांग्रेस की कुछ मजबूरियां हैं कि वह सीट शेयरिंग पर बात नहीं कर पा रही है. हालांकि, आंदोलन के मैदान में दोनों साथ-साथ हैं.

विधानसभा चुनाव में कौन कितनी सीटों पर चुनाव लड़ेगा, यह तय नहीं हो पा रहा है. गठबंधन के नेता कई दौर की बैठक कर चुके हैं. गुरुवार को रिपन स्ट्रीट स्थित क्रांति प्रेस में हुई बैठक के दौरान सीटों पर सहमति नहीं बन पायी.

रिवोल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) के महासचिव मनोज भट्टाचार्य ने कहा है कि इस बार गठबंधन में सीटों को लेकर किसी तरह की खींचतान नहीं होगी. वामपंथी दल तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस ही तय नहीं कर पायी है कि वह कितने सीटों पर चुनाव लड़ेगी.

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सभी सीटों पर उम्मीदवार देगा कांग्रेस-वाम गठबंधन

पश्चिम बंगाल की सभी 294 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस-वामदल गठबंधन के उम्मीदवार उतारे जायेंगे. तय रणनीति के अनुसार, जिन सीटों पर जीतने लायक स्थिति है, उस पर गठबंधन पूरी ताकत लगायेगा. सूत्रों का कहना है कि सीट शेयरिंग में विलंब कांग्रेस की वजह से हो रही है.

सीटों के तालमेल पर अधीर रंजन ने कही यह बात

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि वाम दलों के साथ सीट पर बातचीत अभी शुरू नहीं हुई है. उन्होंने कहा कि प्रदेश कांग्रेस जिलों से आने वाली रिपोर्ट का इंतजार कर रही है. पार्टी नेतृत्व जल्द ही जिलों से सीट रिपोर्ट पर चर्चा करने के लिए बैठक करेगा.

संयुक्त कार्यक्रमों पर बनी सहमति

वाम दलों और कांग्रेस नेतृत्व के बीच हुई बैठकों में कुछ संयुक्त कार्यक्रमों पर सहमति बनी है, लेकिन अभी तक सीटों का मसला हल नहीं हुआ है. बार-बार की बैठक के बावजूद वाम खेमा इस बात से गुस्से में है कि कांग्रेस अपनी स्थिति को स्पष्ट क्यों नहीं कर रही है.

दोनों दलों के बीच गुरुवार की बैठक में भी कांग्रेस नेतृत्व सीटों के बंटवारे पर कुछ नहीं कह सका, जिससे वामपंथी महसूस कर रहे थे कि चुनाव की तैयारियों का वक्त बीता जा रहा है. फैसले में जितनी देरी होगी, तैयारी उतनी ही ज्यादा प्रभावित होगी.

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इस संदर्भ में अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि प्रदेश कांग्रेस को अभी तक सभी जिलों से रिपोर्ट नहीं मिली है. जिलों से पूछा गया है कि वे किन-किन सीटों पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. कहां-कहां कांग्रेस की स्थिति मजबूत है और कहां वामदलों को समर्थन देना है. कुछ जिलों ने सूचना दी है. लेकिन, चर्चा सभी जिलों की रिपोर्ट मिलने के बाद ही शुरू होगी.

गठबंधन में कोई समस्या नहीं : अधीर रंजन चौधरी

श्री चौधरी ने कहा कि कांग्रेस और वामदलों का गठबंधन है. गठबंधन में कोई समस्या नहीं है. एक संयुक्त कार्यक्रम भी चल रहा है. भाजपा और तृणमूल आम आदमी की समस्याओं पर बात किये बिना एक-दूसरे का अपमान करने में व्यस्त हैं. इस स्थिति में, हमारा तीसरा बल यानि गठबंधन लगातार लोगों के साथ विश्वसनीयता हासिल कर रहा है.’

कुछ दिनों पहले प्रदेश अध्यक्ष ने सभी जिला अध्यक्षों और जिला पर्यवेक्षकों के साथ बैठक की थी और सीटों पर ‘उचित’ रिपोर्ट मांगी थी. अधीर बाबू ने कहा कि इस प्रक्रिया को फिर से गति दी जायेगी. इसके अलावा, अब्दुल मन्नान और प्रदीप भट्टाचार्य संयुक्त कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए विमान बसु के साथ समन्वय करेंगे.

Posted By : Mithilesh Jha

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