Varanasi: जिन सीरियल बम धमाकों से दहल उठी थी शिव की नगरी, कोर्ट ने उसके आरोपी वलीउल्लाह को माना दोषी

Varanasi Serial Blast Case: वाराणसी में 16 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में गाजियाबाद कोर्ट ने आरोपी वलीउल्लाह को दोषी करार दिया है. कोर्ट अब 6 जून को सजा का एलान करेगा.

By Prabhat Khabar | June 4, 2022 6:19 PM

Varanasi Serial Blast Case: वाराणसी में 16 साल पहले हुए सीरियल ब्लास्ट के मामले में गाजियाबाद कोर्ट ने आरोपी वलीउल्लाह को दोषी करार दिया है. कोर्ट अब 6 जून को सजा का एलान करेगा. जिला जज जितेंद्र कुमार सिन्हा ने यह फैसला सुनाया है. बता दें कि 16 साल पहले संकटमोचन और कैंट स्टेशन में यह सीरियल ब्लास्ट हुआ था.

2006  में हुए थे सीरियल ब्लास

7 मार्च 2006 की शाम वाराणसी में संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे. इसके साथ ही दशाश्वमेध घाट पर कुकर बम बरामद हुआ था. उच्च न्यायालय के आदेश पर इस मामले की सुनवाई के लिए गाजियाबाद ट्रांसफर कर दिया गया था. अभियोजन की ओर से GRP कैंट ब्लास्ट मामले में 53 और संकट मोचन ब्लास्ट केस में 52 गवाह पेश किए गए थे. सीरियल ब्लास्ट के सिलसिले में यूपी पुलिस ने 5 अप्रैल 2006 को प्रयागराज जिले के फूलपुर गांव के रहने वाले वलीउल्लाह को अरेस्ट किया था.

Also Read: Varanasi News: श्रृंगार गौरी मंदिर में पूजन के लिए आगे आया निर्मोही अखाड़ा, कोर्ट में दाखिल करेगा याचिका

पुलिस ने पुख्ता सबूतों के आधार पर यह दावा किया था कि संकट मोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन वाराणसी पर ब्लास्ट की साजिश रचने में वलीउल्लाह की ही भूमिका थी. पुलिस ने वलीउल्लाह के ताल्लुक आतंकी संगठन से भी बताए थे. इन धमाकों में 27 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 160 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. बता दें कि इस मामले में अकेले वलीउल्लाह की ही गिरफ़्तारी हुई थी.

पुलिस ने वलीउल्लाह से एके-47 और आरडीएक्स बरामद किया था. वलीउल्लाह के संबंध आतंकी संगठन हूजी से भी बताए गए थे. उस पर मार्च 2006 में संकट मोचन मंदिर में हुए धमाके की साजिश रचने और आतंकवादी संगठन हूजी को पनाह देने का आरोप था. वलीउल्लाह का केस लड़ने से वाराणसी के वकीलों ने मना कर दिया था. इसके बाद हाईकोर्ट ने केस गाजियाबाद डिस्ट्रिक्ट कोर्ट में ट्रांसफर कर दिया था. इस आतंकवादी घटना को याद कर के काशी की जनता आज भी सिहर उठती है. इतने साल बीत जाने के बाद भी जनता के जेहन में 7 मार्च 2006 याद आ जाता है.

रिपोर्ट – विपिन सिंह

Next Article

Exit mobile version